आगरा : आगरा में एक युवती की आत्महत्या की जांच में एक बड़े गुनाह का राजफास हुआ है. कई लोगों ने मिलकर बड़े जमीन घोटाले को अंजाम दे दिया था. पुलिस ने 48 घंटे में जालसाज गैंग के 6 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया. पुलिस बुधवार को इस गैंग के 3 आरोपियों को जेल भेज चुकी है. वही गुरुवार को पुलिस ने फरार तीन और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, जिसमें एक महिला भी शामिल है.
जमीन बिकने की फिक्र में युवती ने लगाया था मौत को गले
आगरा में 21 दिसंबर 2022 को थाना कमला नगर के बल्केश्वर स्थित राधा नगर में राधा नाम की युवती ने आत्महत्या कर ली थी. भाई कृष्णा तोमर की लिखित तहरीर में इस बात का जिक्र था कि उसकी बहन नीतू ने फर्जी तरीके से जमीन बेचने वालों के दबाव में आत्महत्या की थी. इस मामले की जांच में बड़े जमीन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है.
छह लोगों ने मिलकर बनाई थी योजना
एसीपी अपराध शाखा सत्यनारायण प्रजापति ने बताया कि बुधवार को पुलिस ने अमित गर्ग पुत्र कुलदीप निवासी नगला गोवर्धन थाना बरहन, कुलदीप उर्फ मोनू पंडित निवासी नगला गोवर्धन बरहन, अनिल कुमार फर्जी कृष्णा त्यागी पुत्र भूदेव निवासी जरानी खुर्द एटा को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. गुरुवार को पुलिस ने 3 और अभियुक्त अमित सिसौदिया निवासी एत्मादपुर, अखंड प्रताप सिंह निवासी सकरौली, एटा और महिला पूनम रानी पाठक निवासी एत्माद्दौला को गिरफ्तार किया है. अभियुक्त अमित सिसौदिया ने बताया कि वह प्रवेन्द्र का भांजा है. उसके मामा ने ही इस जालसाजी का ताना-बाना बुना था, जिसमें आरोपी अखंड प्रताप सिंह फर्जी बहनोई और पूनम रानी पाठक फर्जी बहन बनकर बैनामे में मुख्य रिश्तेदार के रूप में थे.
फर्जी बैनामे से बेच दी थी पैतृक जमीन
24 दिसंबर 2022 को थाना एत्मादपुर क्षेत्र निवासी कृष्णा तोमर ने सुचना दी थी कि उसके पिता हीरा सिंह ने 2012 में प्रवेन्द्र तोमर को खेत बटाई पर दिया था. लेकिन, प्रवेन्द्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी बैनामे और कूटरचित दस्तावेजों के सहारे जमीन नेमिनाथ अस्पताल के मालिक डॉ. प्रदीप गुप्ता को बेच दी. इस मामले में पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह से भी न्याय की गुहार लगाई थी. पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद एसओजी और थाना एत्मादपुर पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी थीं, जिसमें खेत बटाई पर लेने वाले प्रवेन्द्र तोमर की भूमिका संदिग्ध थी. पुलिस प्रवेन्द्र की गिरफ्तारी के प्रयास में थी लेकिन, उसी दौरान प्रवेन्द्र ने हाइकोर्ट में सरेंडर कर दिया. पुलिस ने कोर्ट से रिमांड मांगी. रिमांड स्वीकृति के बाद प्रवेन्द्र ने इस वारदात का पूरा सच उजागर किया.
जमीन के मालिक और उसके परिजन समेत खरीदार थे फर्जी
प्रवेन्द्र ने बताया कि उसने कृष्ण तोमर के पिता हीरा सिंह से जमीन बटाई पर ली थी. कुछ समय बाद उसे पता चला कि जमीन बिक रही है तब उसके मन में फर्जीवाड़े का ख्याल आया. उसने अपने भांजे अमित सिसौदिया व तहसील के मामले में जानकारी रखने वाले अमित गर्ग के साथ मिलकर योजना बनाई. अमित सिसौदिया पहले जेल जा चुका था, ऐसे में उसके आपराधिक किस्म के लोगों से संबंध थे. मुख्य आरोपी प्रवेन्द्र ने उसे फर्जी कृष्णा तोमर व उसकी बहन व बहनोई के रूप में बैनामा करने के लिए लोग तलाशने की जिम्मेदारी दी. अमित ने जेल में साथ रहे साथी अखंड प्रताप को काम दिया. अखंड प्रताप ने अपने साथी अनिल कुमार को फर्जी कृष्णा तोमर, भूपेंद्र को फर्जी बहनोई के रूप में तैयार किया, जबकि फर्जी बहन के रूप में पूनम रानी पाठक नाम की महिला को तैयार किया.
सभी लोगों के बनवाए गए थे फर्जी आधार कार्ड
अमित गर्ग ने सबके फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज तैयार कराए. इसके बाद अमित गर्ग यानी फर्जी कृष्णा तोमर ने मुकेश यादव के माध्यम से गौरव यादव व दशरथ उर्फ नीटू यादव के नाम तीन माह पूर्व 50 हजार रुपये बयाना लेकर साढ़े तीन करोड़ रुपये में नोटरी कराई. इसके बाद गौरव यादव ने जमीन बेचने के लिए चौगान निवासी विजय बहादुर व शीलू ठाकुर को सौदे में शामिल कर लिया. अब गौरव यादव की तरफ से शीलू व विजय बहादुर ने गौरव गुप्ता व राजेंद्र अग्रवाल के जरिए जमीन बेचने के लिए नेमिनाथ हॉस्पीटल के डायरेक्टर प्रदीप गुप्ता से संपर्क किया. बेचने वाले सभी फर्जी लोग डॉ. प्रदीप गुप्ता से मिलने गए. राजेंद्र अग्रवाल ने चार करोड़ में सौदा तय किया.
करीब ढाई करोड़ रुपए खाते में हुए ट्रांसफर
डॉ. प्रदीप गुप्ता ने 30 लाख रुपये एडवांस दे दिए. इसके बाद सभी फर्जी लोगों ने डॉ. प्रदीप गुप्ता के नाम बैनामा कर दिया. दो करोड़, 40 लाख रुपये फर्जी कृष्णा तोमर के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए, जबकि दाखिल खारिज होने तक 60 लाख रुपए रोक लिए. मुख्य आरोपी ने बताया कि फर्जी कृष्णा तोमर के खाते में आए रुपये को सभी ने आपस में बांट लिया. पुलिस ने प्रवेंद्र तोमर के एचडीएफसी बैंक के खाते से 24 लाख रुपये सीज किए हैं. वहीं, फर्जी कृष्ण तोमर के खाते से 46 लाख रुपए सीज किए गए हैं. अमित गर्ग के टूंडला स्थित एक्सिस बैंक से 9.40 लाख रुपए बरामद किए गए. वहीं, फर्जी नाम से 23 लाख रुपए भी प्राप्त किए गए हैं. पुलिस ने इस मामले में अमित गर्ग पुत्र कुलदीप निवासी नगला गोवर्धन थाना बरहन, कुलदीप उर्फ मोनू पंडित निवासी नगला गोवर्धन बरहन, अनिल कुमार फर्जी कृष्णा त्यागी पुत्र भूदेव निवासी जरानी खुर्द एटा को बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
एसीपी अपराध सत्यनारायण ने बताया कि सभी अभियुक्तों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की जाएगी. वहीं, आरोपियों की कुर्की की भी की जाएगी. पुलिस ने आरोपियों से 5 लाख 40 हजार रुपए भी बरामद किए हैं. आरोपी अखंड प्रताप सिंह को हिस्से में 4.5 लाख रुपए मिले थे, जिसमें से आरोपी ने एक बुलेट बाइक खरीदी थी. शेष 25 हजार रुपए पुलिस को अखंड के पास मिले हैं. वहीं, आरोपी महिला से भी 15 हजार रुपए की रिकवरी हुई है.
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