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गणपति बिल्डर के 81 फ्लैट्स टूटना शुरू, जानें क्यों तोड़ी जा रही बिल्डिंग

एनजीटी के आदेश पर जिला प्रशासन और आगरा विकास प्रधिकरण ने गणपति बिल्डर की इमारत को जेसीबी से ढहाना शुरू कर दिया. एनजीटी के आदेश पर यहां 81 फ्लैट्स को ध्वस्त किया जा रहा है. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण अभी तक कार्रवाई नहीं हो पाई थी.

गणपति बिल्डर पर कार्रवाई
गणपति बिल्डर पर कार्रवाई
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Published : Mar 10, 2021, 10:45 PM IST

आगरा : यमुना की तलहटी को पाटकर निर्माण करने वालों पर एनजीटी ने कार्रवाई के आदेश दिए थे. लेकिन, मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते अटक गया था. अब एनजीटी के फिल से आदेश देने पर जिला प्रशासन और आगरा विकास प्रधिकरण ने गणपति बिल्डर के निर्माण पर जेसीबी से कार्रवाई शुरू कर दी है. एनजीटी के आदेश पर यहां 81 फ्लैट्स को ध्वस्त किया जा रहा है.

एसीएम 2 और आगरा विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में एडीए की टीम फोर्स के साथ दयालबाग स्थित गणपति वंडर सिटी पहुंची. यहां डूब क्षेत्र में बनाए गए 81 फ्लैट्स को ध्वस्त करने के लिए अधिकारी पोक लेन मशीन और जेसीबी लेकर पहुंचे थे. इसकी जानकारी होने पर गणपति बिल्डर के मालिक निखिल अग्रवाल और अन्य लोगों ने अधिकारियों से कार्रवाई नहीं करने की बात कही. इस दौरान दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक भी हुई. लेकिन, अधिकारियों के सामने किसी नहीं चली. इसके बाद फ्लैट्स को जमींदोज करना शुरू कर दिया गया.

इसे भी पढ़ें- नाबार्ड ने घरेलू महिलाओं को बनाया स्वावलंबीः कृषि मंत्री

'लंबे समय से अटकी थी कार्रवाई'

एडीए चीफ इंजीनियर सतेंद्र नागर और एसीएम अमरीश कुमार बिंद ने बताया कि मामला लंबे समय से लंबित था. एनजीटी के आदेश मिलते ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है. अगर 81 फ्लैट्स सूर्यास्त तक नहीं टूटे, तो गुरुवार को फिर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.

आगरा : यमुना की तलहटी को पाटकर निर्माण करने वालों पर एनजीटी ने कार्रवाई के आदेश दिए थे. लेकिन, मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते अटक गया था. अब एनजीटी के फिल से आदेश देने पर जिला प्रशासन और आगरा विकास प्रधिकरण ने गणपति बिल्डर के निर्माण पर जेसीबी से कार्रवाई शुरू कर दी है. एनजीटी के आदेश पर यहां 81 फ्लैट्स को ध्वस्त किया जा रहा है.

एसीएम 2 और आगरा विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में एडीए की टीम फोर्स के साथ दयालबाग स्थित गणपति वंडर सिटी पहुंची. यहां डूब क्षेत्र में बनाए गए 81 फ्लैट्स को ध्वस्त करने के लिए अधिकारी पोक लेन मशीन और जेसीबी लेकर पहुंचे थे. इसकी जानकारी होने पर गणपति बिल्डर के मालिक निखिल अग्रवाल और अन्य लोगों ने अधिकारियों से कार्रवाई नहीं करने की बात कही. इस दौरान दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक भी हुई. लेकिन, अधिकारियों के सामने किसी नहीं चली. इसके बाद फ्लैट्स को जमींदोज करना शुरू कर दिया गया.

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'लंबे समय से अटकी थी कार्रवाई'

एडीए चीफ इंजीनियर सतेंद्र नागर और एसीएम अमरीश कुमार बिंद ने बताया कि मामला लंबे समय से लंबित था. एनजीटी के आदेश मिलते ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है. अगर 81 फ्लैट्स सूर्यास्त तक नहीं टूटे, तो गुरुवार को फिर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.

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