आगरा: आगरा कॉलेज में मंगलवार को कथा व्यास जगदगुरु तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने भगवान श्रीराम के चरित्र पर वर्णित कथाओं का व्याख्यान किया. इस दौरान कॉलेज के प्राचार्य अजय शुक्ला सहित तमाम छात्र-छात्राएं मौजूद रहे. यहां उन्होंने छात्र-छात्राओं को श्रीराम चरित्र की खूबियां गिनाई. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति में साहित्य का समावेश होना चाहिए. इसके साथ उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बातें रखी.
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि शिक्षा जीवन के विकास के लिए होनी चाहिए, न कि सुख-सुविधाओं के उपभोग के लिए. उन्होंने कहा कि आज सरकार दिल्ली के एक शिक्षण संस्थान को जबरदस्ती झेल रही है. वहां भारत को टुकड़े-टुकड़े करने की शिक्षा दी जाती है. शिक्षा हमेशा जोड़ने वाली होती है न कि तोड़ने वाली.
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए जगदगुरु तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति में काव्य का समावेश होना चाहिए. इसके साथ देश में बढ़ती मदरसों की संख्या को लेकर उन्होंने कहा कि मदरसों की शिक्षा विघटनकारी है. वहीं, उन्होंने लव जिहाद के मुद्दे को देश का दुर्भाग्य बताया.
बता दें कि इससे पूर्व स्वामी रामभद्राचार्य ने कथा के दौरान लव जिहाद फैलाने वाले विधर्मियों की आंख निकालने की बात कही थी. आगरा में 3 अप्रैल से कोठी मीना बाजार मैदान में स्वामी रामभद्राचार्य की श्रीराम कथा चल रही है. व्यास गद्दी पर बैठकर व्यास जगदगुरु तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य प्रतिदिन कथा सुनाते हुए अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं. इससे पहले उन्होंने स्वर्गीय नेता मुलायम सिंह यादव और काशीराम को लेकर भी बयान दिया था. जिसके बाद समाजवादी कार्यकर्ता उनके खिलाफ थाने में तहरीर लेकर पहुंचे थे.
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