आगराः जिले में निजी कोविड अस्पताल के मरीजों के साथ लूट-खसोट करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा. जबकि अभी हाल ही में डीएम प्रभु नारायण सिंह ने हरी पर्वत स्थित रवि हॉस्पिटल पर मरीज से लाखों रुपए ऐंठने के आरोप में कार्रवाई की गई थी. उन्होंने हॉस्पिटल का नाम कोविड सेंटर से हटाकर नए कोविड मरीज भर्ती पर रोक लगा दी थी. इसके बाद भी अगले ही दिन रवि हॉस्पिटल पर एक और मरीज से लाखों रुपये ऐंठने का आरोप लगा है. जिससे साफ जाहिर होता है कि जिलाधिकारी की कार्रवाई का निजी अस्पतालों पर कई असर नहीं है.
7 लाख 40 हजार का थमा दिया बिल
हरी पर्वत स्थित रवि हॉस्पिटल में ऋषि परिहार ने अपने पिता राघवेंद्र सिंह परिहार को 28 अप्रैल के दिन भर्ती किया था. वह कोविड के मरीज थे, जिनका लगातार वहां उपचार चल रहा था. 10 मई को उनकी मौत हो गई. जिसके बाद बेटे ऋषि परिहार को रवि हॉस्पिटल ने 7 लाख 40 हजार का बिल थमा दिया.
बिना पैसे के नहीं दिया शव
ऋषि परिहार ने बताया कि वो एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. वहां उनका इंश्योरेंस भी है. बीमा कंपनी के द्वारा 50% पेमेंट हो चुका था, इसके बावजूद भी रवि हॉस्पिटल ने उनके पिता के शव को नहीं दिया. जिसके बाद ₹2 लाख रुपये बेटे ऋषि ने जमा किये. तब जाकर पिता का शव हॉस्पिटल वालों ने दिया है.
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निजी अस्पतालों को प्रशासन का खौफ नहीं
मरीजों के साथ आए दिन लाखों रुपये की लूट करने वाले निजी अस्पतालों को जिला प्रशासन का बिल्कुल भी खौफ नहीं है. रवि हॉस्पिटल पर कुछ दिन पूर्व डीएम आगरा ने कार्रवाई की थी. इसके बावजूद फिर अगले ही दिन उसने एक और मरीज के हाथ में लाखों का बिल थमा दिया. जिससे साफ जाहिर होता है कि जिला प्रशासन का डर निजी अस्पतालों को नहीं है.