आगरा: 61वीं ऑल इंडिया रेलवे कुश्ती चैंपियनशिप का शुक्रवार देर शाम समापन हो गया. चैंपियनशिप में उत्तर रेलवे ऑल ओवर चैंपियन रहा. समारोह में आए उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने कहा कि आगरा में रेलवे ने अंतर्राष्ट्रीय सुविधा तैयार की है. इसका उपयोग आगरा के पहलवान भी कर सकेंगे. इसके लिए डीआरएम नियम बना रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शताब्दी गाड़ियां एक डेढ़ साल में वंदे भारत में बदल जाएंगी. इस पर भी काम चल रहा है और हमने यह प्रस्ताव भी दिया था.
61वीं ऑल इंडिया कुश्ती चैम्पियनशिप का आयोजन
रेलवे स्टेशन के पास स्थित गोवर्धन स्टेडियम में तीन दिन तक रेलवे की 61वीं ऑल इंडिया कुश्ती चैंपियनशिप आगरा में आयोजित हुई. कुश्ती चैंपियनशिप में ग्रीको रोमन और फ्री स्टाइल वर्ग में रेलवे में कार्यरत 317 महिला और पुरुष पहलवानों ने दमखम दिखाया.
विजेता खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित
अंतिम दिन शुक्रवार को 65 किलोग्राम भार वर्ग फ्रीस्टाइल मुकाबले में पूर्व मध्य रेलवे के अमित ने स्वर्ण पदक, उत्तर रेलवे के प्रदीप ने रजत, 86 किलोग्राम भार वर्ग में उत्तर रेलवे के जितेंद्र ने स्वर्ण, उत्तर मध्य रेलवे के पवन ने रजत पदक जीता. महिलाओं की फ्रीस्टाइल कुश्ती में उत्तर-पश्चिम रेलवे की पिंकी ने स्वर्ण पदक और उत्तर पूर्व रेलवे की अंशु तोमर ने रजत पदक जीता. उत्तर प्रदेश रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी और अन्य अधिकारियों ने विजेता खिलाड़ियों को मेडल प्रदान किए और प्रशस्ति पत्र भी दिए.
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डीआरएम ने कही ये बात
आगरा मंडल के डीआरएम सुशील कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आगरा में जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधा है, इसके उपयोग के लिए भी नियम बनाएंगे, जिससे आगरा के पहलवान भी यहां आकर कुश्ती कर प्रदेश का नाम रोशन कर सकें. यहां पर हुई चैंपियनशिप बहुत अच्छी रही.
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सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे पहलवान
उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि रेलवे खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देता है. आगरा में नेशनल चैंपियनशिप में जो सुविधा यहां जुटाई गई है, शहर के पहलवान भी इसका फायदा उठा सकेंगे. जिससे पहलवान अपने जिला और प्रदेश का नाम रोशन करेंगे.
शताब्दी एक्सप्रेस हो जाएगी वंदे भारत में कन्वर्ट
उन्होंने वंदे भारत को लेकर पूछे गए सवाल के जबाव में कहा कि इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते हैं. अभी टेंडर हुआ है. उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है. हमने एक और प्रस्ताव दिया है कि जो शताब्दी है, उसे ही वंदे भारत में कन्वर्ट कर दिया जाए, जो नहीं हो सका, लेकिन शताब्दी एक्सप्रेस एक से डेढ़ साल में वंदे भारत में कन्वर्ट हो जाएगी.