ETV Bharat / bharat

किताब से सूफी संत का चैप्टर हटा, जम्मू कश्मीर में विरोध - PROTEST ON REMOVING SUFI CHAPTER

नौवीं क्लास की किताब से सूफी संत का चैप्टर हटाया गया. विपक्ष ने की आलोचना.

representational photo
सांकेतिक तस्वीर (Etv Bharat)
author img

By PTI

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने बृहस्पतिवार को नौवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक से श्रद्धेय संत शेख नूर-उद-दीन नूरानी के जीवन से संबंधित अध्याय हटाने के लिए जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड (बीओएसई) की आलोचना की.

पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन ने इसे "सांस्कृतिक आतंकवाद" कहा. हालांकि, सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि शेख नूरानी पर आधारित अध्याय को पाठ्यपुस्तकों से नहीं हटाया जाएगा और राज्य के शिक्षा मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इस मुद्दे को सुधारने के लिए कहा है.

सादिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, "शेख-उल-आलम पर अध्याय को पाठ्यपुस्तकों से नहीं हटाया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने प्रधान सचिव को पीडीएफ संस्करण में पाई गई समस्या का समाधान करने और उसे सुधारने का निर्देश दिया है."

सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर भाकपा विधायक एम वाई तारिगामी ने इस घटना को बेहद परेशान करने वाला बताया और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से इस अध्याय को पुनः बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.

तारिगामी ने ‘एक्स’ पर लिखा, "यह बेहद परेशान करने वाली बात है कि प्रतिष्ठित सूफी संत शेख-उल-आलम पर एक पूरा अध्याय कक्षा नौवीं की पाठ्यपुस्तक से हटा दिया गया है. विधानसभा चुनावों से पहले की गई यह सेंसरशिप, समृद्ध सूफी परंपराओं में निहित समाज के लिए अस्वीकार्य है."

उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से आग्रह करता हूं कि वे हस्तक्षेप करें और यह सुनिश्चित करें कि इस महत्वपूर्ण अध्याय को पुनः बहाल किया जाए, जिससे हमारी समृद्ध सांस्कृतिक और सूफी विरासत को संरक्षित और सम्मानित किया जा सके."

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने कहा कि बीओएसई ने नौवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों से कश्मीर के पूज्य संत के जीवन पर आधारित एक अध्याय हटा दिया है. उन्होंने इसे "हमारी संस्कृति और लोकाचार पर हमला" कहा है.

लोन ने 'एक्स' पर लिखा, "हम सभी उनका सम्मान करते हैं और लोग, चाहे किसी भी धर्म के हों उनका बहुत सम्मान करते हैं. यह शुद्ध सांस्कृतिक आतंकवाद है. यह हमारी संस्कृति और लोकाचार पर हमला है. मैं एक कश्मीरी के रूप में इसकी कड़ी निंदा करता हूं."

ये भी पढ़ें : राजौरी-बारामूला राजमार्ग परियोजना पर उठे सवाल, महबूबा मुफ्ती ने जोशीमठ आपदा जैसे परिणाम की चेतावनी दी

नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने बृहस्पतिवार को नौवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक से श्रद्धेय संत शेख नूर-उद-दीन नूरानी के जीवन से संबंधित अध्याय हटाने के लिए जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड (बीओएसई) की आलोचना की.

पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन ने इसे "सांस्कृतिक आतंकवाद" कहा. हालांकि, सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि शेख नूरानी पर आधारित अध्याय को पाठ्यपुस्तकों से नहीं हटाया जाएगा और राज्य के शिक्षा मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इस मुद्दे को सुधारने के लिए कहा है.

सादिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, "शेख-उल-आलम पर अध्याय को पाठ्यपुस्तकों से नहीं हटाया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने प्रधान सचिव को पीडीएफ संस्करण में पाई गई समस्या का समाधान करने और उसे सुधारने का निर्देश दिया है."

सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर भाकपा विधायक एम वाई तारिगामी ने इस घटना को बेहद परेशान करने वाला बताया और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से इस अध्याय को पुनः बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.

तारिगामी ने ‘एक्स’ पर लिखा, "यह बेहद परेशान करने वाली बात है कि प्रतिष्ठित सूफी संत शेख-उल-आलम पर एक पूरा अध्याय कक्षा नौवीं की पाठ्यपुस्तक से हटा दिया गया है. विधानसभा चुनावों से पहले की गई यह सेंसरशिप, समृद्ध सूफी परंपराओं में निहित समाज के लिए अस्वीकार्य है."

उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से आग्रह करता हूं कि वे हस्तक्षेप करें और यह सुनिश्चित करें कि इस महत्वपूर्ण अध्याय को पुनः बहाल किया जाए, जिससे हमारी समृद्ध सांस्कृतिक और सूफी विरासत को संरक्षित और सम्मानित किया जा सके."

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने कहा कि बीओएसई ने नौवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों से कश्मीर के पूज्य संत के जीवन पर आधारित एक अध्याय हटा दिया है. उन्होंने इसे "हमारी संस्कृति और लोकाचार पर हमला" कहा है.

लोन ने 'एक्स' पर लिखा, "हम सभी उनका सम्मान करते हैं और लोग, चाहे किसी भी धर्म के हों उनका बहुत सम्मान करते हैं. यह शुद्ध सांस्कृतिक आतंकवाद है. यह हमारी संस्कृति और लोकाचार पर हमला है. मैं एक कश्मीरी के रूप में इसकी कड़ी निंदा करता हूं."

ये भी पढ़ें : राजौरी-बारामूला राजमार्ग परियोजना पर उठे सवाल, महबूबा मुफ्ती ने जोशीमठ आपदा जैसे परिणाम की चेतावनी दी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.