आगरा: देश में 40 प्रतिशत महिलाएं यूरिन लीक की समस्या से जूझ रही हैं. महिलाओं में बार-बार गर्भपात की समस्या भी बढ़ी है. इन समस्या को लेकर आगरा में देश और दुनिया के विशेषज्ञ मंथन कर रहे हैं. आगरा में शनिवार को इंडियन एसोसिएशन ऑफ गायकोलाजिकल एंडोस्कोपिस्ट के उत्तर प्रदेश चैप्टर और आगरा आब्स एंड गायकोलाजिकल सोसाइटी की कार्यशाला में बार बार गर्भपात, यूरिन लीक जैसी बच्चेदानी से सम्बंधिक समस्याओं की 30 सर्जरी हुई. ये सर्जरी आगरा, अमेरिका, इटली और ब्राजील में विशेषज्ञ ने दूरबीन विधि से की. जिनका लाइव टेलीकास्ट कार्यशाला स्थल पर किया गया. इन लाइव सर्जरी से विशेषज्ञों ने नई पीढ़ी के डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया. शनिवार देर शाम दो दिवसीय लाइव सर्जरी एवं हिस्ट्रोस्कोपी वर्कशॉप और एंडो मास्टर क्लास का उद्धघाटन केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने किया.
लाइव सर्जरी एवं हिस्ट्रोस्कोपी वर्कशॉप और एंडो मास्टर क्लास में शनिवार सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक चली. लाइव लर्जरी में अमेरिका से डॉ. गैरी मारकस एंड्रोमेट्रेक्टॉमी, इटली से मेरियो मेलाजोकी गंभीर एंडोमेट्रोइसिस और ब्राजील से रितेन रिब्रेरो के अलावा डॉ. अमित टंडन, अहमदाबाद से डॉ. संजय पाटिल ने सर्जरी की. इन सभी ने सर्जरी का लाइव टेलीकास्ट कार्यशाला स्थल ताज होटल और कन्वेंशन सेंटर में किया. 17 सितंबर को सुबह साइंटिफिक सेशन में बच्चेदानी से जुड़ी समस्याओं के इलाज पर विचार विमर्श किया जाएगा. इसके बाद आइवीएफ पर कार्यशाला आयोजित होगी.
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40 प्रतिशत महिलाओं को यूरिन लीक की समस्या: खांसने और छीकने पर भी कपड़ों में पेशाब का निकल जाना (यूरिन लीक) जैसी समस्या से देश की लगभग 35-40 फीसदी महिलाएं परेशान रहती हैं. अधिक उम्र और डिलीवरी के बाद हो जाने वाली इस समस्या को महिलाएं नहीं समझती हैं. गुरुग्राम की डॉ. रागिनी अग्रवाल ने बताया कि अधिक उम्र में इस समस्या में ऑपरेशन भी कारगर नहीं हैं. परन्तु, अब प्लेटलेट्स, इंजेक्ट करके, लेजर और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक चेयर जैसे नॉनसर्जिकल तरीके से इन्हें ठीक किया जा सकता है. परन्तु महिलाएं आज भी ऐसे विषयों पर खुलकर चर्चा नहीं करना चाहती हैं. ऐसे ही जिन्दगी गुजार देती हैं. यूरिन लीक की समस्या से पीड़ित ज्यादाकर महिलाएं घर से लम्बे समय के लिए बाहर निकलती हैं. नियमित व्यायाम करते रहने से इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
स्टेपलर से आंत को काटकर जोड़ने का दिया प्रशिक्षण: एस. एन मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्रोसर्जरी के हेड डॉ. हिमांशु यादव ने 20 डाक्टरों को दूरबीन विधि से स्टेपर से आंत काटकर जोड़ने का प्रशिक्षण दिया. बताया कि आमतौर पर गायनी वाले ऑपरेशन में कई बार यह समस्या यूट्रस और उसके आसपास वाले अंगों पर पाई जाती है. ऐसे में उनको छुड़ाने में आंतों में छेद होने की संभावना रहती है. पहले इनको काटकर आंतो को जोड़ना, ओपन तकनीक से ही किया जाता था. नवीनतम तकनीक आने से दूरबीन विधि से ही हो रो है.
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