आगरा: प्रदेश में कोरोना को महामारी घोषित किया जा चुका है. कोराना के संक्रमण के चलते सतर्कता बरतते हुए आगमी 31 मार्च तक ताजमहल को बंद किया गया है. इससे मुगल बादशाह शहंशाह शाहजहां का तीन दिन तक चलने वाला सालाना उर्स भी नहीं होगा. कोरोना के चलते ताजमहल बंद होने से शहंशाह शाहजहां के 365वें उर्स नहीं होने से पहली बार एक प्राचीन परंपरा टूट जाएगी. उर्स आयोजन कमेटी के सदस्य लगातार एएसआई के अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं.
कोरोना के कारण टूटेगी ऐतिहासिक परंपरा
शहंशाह शाहजहां का उर्स हिजरी कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 और 27 तारीख को मनाया जाता है. इस बार 21 मार्च से 23 मार्च तक शाहजहां का उर्स मनाया जाना था. उर्स में पहले दिन गुल्स, दूसरे दिन संदल और तीसरे दिन चादरपोशी की रस्म होती है. हर साल सतरंगी चादर पेश की जाती है. इस बार 1200 मीटर लंबी सतरंगी चादरपोशी होनी थी. उर्स के दौरान ताजमहल में सभी की एंट्री निशुल्क रहती है.
नहीं होगा शाहजहां का उर्स
मुगल बादशाह शाहजहां की 1666 में मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद से ताजमहल में उनका उर्स मनाया जाता है. जो तीन दिन चलता है. उर्स कमेटी ने तमाम तैयारियां भी कर लीं थी. मंगलवार को उर्स को लेकर एएसआई और उर्स कमेटी की बैठक भी होनी थी. जो स्थगित कर दी गई है. यह पहला अवसर है, जब ताजमहल में शाहजहां का उर्स नहीं होगा.
केंद्र सरकार की ओर से देश के तमाम स्मारकों को बंद किया गया है. हमारे मजहब में भी लिखा है कि जिस मुल्क में रहो उस मुल्क के जायज कानून को मानो. हमारी कमेटी के सदस्यों को अंदर रोजा मनाने की अहम की रस्मों को अदा करने की अनुमति देती है तो हम मनाएंगे. यह फैसला हजारों लाखों लोगों की जिंदगी को ध्यान में ले कर के लिया गया है. हम इसका सम्मान करते हैं.
-हाजी ताहिरउद्दीन ताहिर,प्रेसिडेंट, खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी ऑफ ताजमहल