ETV Bharat / state

आगरा: गुस्ल की रस्म से उर्स की शुरुआत, अजान पर प्रिंस तूसी की आपत्ति - ताजमहल उर्स

आगरा के ताजमहल में मुगल शहंशाह शाहजहां का 364वां उर्स मंगलवार से शुरू हो गया. तीन दिन तक चलने वाले उर्स में पर्यटक और जायरीन तहखाने में स्थित शहंशाह शाहजहां और मुमताज की असली कब्र को देख सकेंगे. वहीं पहले दिन रास्ता रोककर हुई अजान पर प्रिंस तूसी ने आपत्ति जताई है.

ताजमहल में शुरू हुआ शाहजहां का 364वां उर्स
author img

By

Published : Apr 2, 2019, 9:17 PM IST

आगरा : मुगल शहंशाह शाहजहां का 364वां उर्स मंगलवार को ताजमहल में गुस्ल की रस्म के बाद शुरू हो गया, जिसमें प्रिंस तूसी और एएसआई के अधिकारी भी शामिल हुए. रॉयल गेट पर शहनाई से पर्यटकों और जायरीनों का स्वागत किया गया. तीन दिन तक चलने वाले उर्स में मुख्य मकबरे के तहखाने में स्थित शहंशाह शाहजहां और मुमताज की असली कब्र को पर्यटक और जायरीन देख सकेंगे.

ताजमहल में शुरू हुआ शाहजहां का 364वां उर्स

ताजमहल के तहखाने में अजान को लेकर प्रिंस तूसी ने आपत्ति जताई है क्योंकि आज तक कभी भी तहखाने के रास्ते को रोककर अजान नहीं की गई. पहली बार ऐसा किया गया. प्रिंस तूसी का कहना है कि यह नई परंपरा है. इस मामले को कोर्ट तक ले जाएंगे. एएसआई तथा अन्य संबंधित विभागों से कहेंगे कि जिन लोगों ने ऐसा किया है, उन्हें आइंदा प्रवेश नहीं दिया जाए. यह इस्लाम और मोनुमेंट्स को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं.

दरअसल, ताजमहल में शाहजहां के 364वें उर्स में पहली बार नई परंपरा के शुरू होने का मामला सामने आया है. आज तक गुस्ल की रस्म से पहले मुख्य मकबरे के तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्र तक पहुंच कर लोग फातिहा पढ़ते हैं. इसके बाद गुस्ल की रस्म होती है. लेकिन इस बार कुछ अलग ही हुआ. पहले जहां प्रिंस तूसी के चलते टूरिस्टों को परेशानी हुई, फिर दोपहर 2 बजे एएसआई के अधिकारियों ने तहखाने का ताला खोला. इसके बाद सभी तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की कब्र तक पहुंचने से पहले रास्ते में सभी को रोककर अजान शुरू कर दी गई, लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था. यह एक नई परंपरा है.

shahnshah shahjahan 364th urs, tajmahal, prince tuci, taj mahal urs committee, agra news, up news
ताजमहल में शुरू हुआ शाहजहां का 364वां उर्स

मैं वंशज हूं, मेरे राइट्स हैं
प्रिंस तूसी का कहना है कि कमेटी के पास कोई राइट्स नहीं हैं. मैं वंशज हूं, मेरे पास राइट्स हैं. बेवजह प्रॉब्लम क्रिएट की गई है. मैं इस बारे में डायरेक्टर ऑफ जनरल से शिकायत करूंगा. सुप्रीम कोर्ट में भी शिकायत करूंगा क्योंकि कहीं भी यह नहीं लिखा हुआ है. सिर्फ फातिहा का जिक्र है. इन्होंने अजान बना ली है. इनके खिलाफ दिल्ली में बड़ी कार्रवाई होगी.
नई परंपरा की हुई शुरूआत
ताजमहल उर्स कमेटी के अध्यक्ष इब्राहिम जैदी ने बताया कि अभी तक कभी भी उर्स के दौरान ताजमहल के मुख्य मकबरे के तहखाने में रास्ता रोककर अजान नहीं दी गई. लोग शाहजहां और मुमताज की कब्र के पास खड़े होकर अजान जरूर पढ़ते थे लेकिन इस तरह से रास्ता नहीं रोका जाता था. अजान देना कोई गलत बात नहीं है लेकिन यहां पर रास्ता रोककर अजान दी गई. यह नई परंपरा है. इस वजह से ही असमंजस की स्थिति बनी. धक्का-मुक्की हुई क्योंकि लोगों को पता नहीं था कि रास्ता रोककर के अजान की जाएगी.

पर्यटक और जायरीनों को निशुल्क मिलेगा प्रवेश
सहायक अधीक्षक पुरातत्वविद आरके सिंह ने बताया कि हर साल की तरह 3 दिन तक ताजमहल में उर्स चलता है, जिसके चलते मंगलवार दोपहर 2 बजे से 4 अप्रैल तक जायरीनों के लिए निशुल्क प्रवेश मिलेगा.

आगरा : मुगल शहंशाह शाहजहां का 364वां उर्स मंगलवार को ताजमहल में गुस्ल की रस्म के बाद शुरू हो गया, जिसमें प्रिंस तूसी और एएसआई के अधिकारी भी शामिल हुए. रॉयल गेट पर शहनाई से पर्यटकों और जायरीनों का स्वागत किया गया. तीन दिन तक चलने वाले उर्स में मुख्य मकबरे के तहखाने में स्थित शहंशाह शाहजहां और मुमताज की असली कब्र को पर्यटक और जायरीन देख सकेंगे.

ताजमहल में शुरू हुआ शाहजहां का 364वां उर्स

ताजमहल के तहखाने में अजान को लेकर प्रिंस तूसी ने आपत्ति जताई है क्योंकि आज तक कभी भी तहखाने के रास्ते को रोककर अजान नहीं की गई. पहली बार ऐसा किया गया. प्रिंस तूसी का कहना है कि यह नई परंपरा है. इस मामले को कोर्ट तक ले जाएंगे. एएसआई तथा अन्य संबंधित विभागों से कहेंगे कि जिन लोगों ने ऐसा किया है, उन्हें आइंदा प्रवेश नहीं दिया जाए. यह इस्लाम और मोनुमेंट्स को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं.

दरअसल, ताजमहल में शाहजहां के 364वें उर्स में पहली बार नई परंपरा के शुरू होने का मामला सामने आया है. आज तक गुस्ल की रस्म से पहले मुख्य मकबरे के तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्र तक पहुंच कर लोग फातिहा पढ़ते हैं. इसके बाद गुस्ल की रस्म होती है. लेकिन इस बार कुछ अलग ही हुआ. पहले जहां प्रिंस तूसी के चलते टूरिस्टों को परेशानी हुई, फिर दोपहर 2 बजे एएसआई के अधिकारियों ने तहखाने का ताला खोला. इसके बाद सभी तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की कब्र तक पहुंचने से पहले रास्ते में सभी को रोककर अजान शुरू कर दी गई, लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था. यह एक नई परंपरा है.

shahnshah shahjahan 364th urs, tajmahal, prince tuci, taj mahal urs committee, agra news, up news
ताजमहल में शुरू हुआ शाहजहां का 364वां उर्स

मैं वंशज हूं, मेरे राइट्स हैं
प्रिंस तूसी का कहना है कि कमेटी के पास कोई राइट्स नहीं हैं. मैं वंशज हूं, मेरे पास राइट्स हैं. बेवजह प्रॉब्लम क्रिएट की गई है. मैं इस बारे में डायरेक्टर ऑफ जनरल से शिकायत करूंगा. सुप्रीम कोर्ट में भी शिकायत करूंगा क्योंकि कहीं भी यह नहीं लिखा हुआ है. सिर्फ फातिहा का जिक्र है. इन्होंने अजान बना ली है. इनके खिलाफ दिल्ली में बड़ी कार्रवाई होगी.
नई परंपरा की हुई शुरूआत
ताजमहल उर्स कमेटी के अध्यक्ष इब्राहिम जैदी ने बताया कि अभी तक कभी भी उर्स के दौरान ताजमहल के मुख्य मकबरे के तहखाने में रास्ता रोककर अजान नहीं दी गई. लोग शाहजहां और मुमताज की कब्र के पास खड़े होकर अजान जरूर पढ़ते थे लेकिन इस तरह से रास्ता नहीं रोका जाता था. अजान देना कोई गलत बात नहीं है लेकिन यहां पर रास्ता रोककर अजान दी गई. यह नई परंपरा है. इस वजह से ही असमंजस की स्थिति बनी. धक्का-मुक्की हुई क्योंकि लोगों को पता नहीं था कि रास्ता रोककर के अजान की जाएगी.

पर्यटक और जायरीनों को निशुल्क मिलेगा प्रवेश
सहायक अधीक्षक पुरातत्वविद आरके सिंह ने बताया कि हर साल की तरह 3 दिन तक ताजमहल में उर्स चलता है, जिसके चलते मंगलवार दोपहर 2 बजे से 4 अप्रैल तक जायरीनों के लिए निशुल्क प्रवेश मिलेगा.

Intro:आगरा.
मुगल शहंशाह शाहजहां का 364 वां मंगलवार को ताजमहल में गुस्ल की रस्म के बाद शुरू हो गया. रायल गेट पर शहनाई से पर्यटक और जायरीन का स्वागत किया गया. तीन दिन तक चलने वाले उर्स में मुख्य मकबरा के तहखाने में स्थित शहंशाह शाहजहां और मुमताज की असली कब्र का पर्यटक और जायरीन देख सकेंगे. जिसमें प्रिंस तूसी और एएसआई के अधिकारी भी शामिल हुए. ताजमहल के तहखाने में आज़ान को लेकर प्रिंस तूसी ने आपत्ती जताई है, क्योंकि अभी तक कभी भी तहखाने में के रास्ते को रोककर आज़ान नहीं की गई. पहली बार ऐसा किया गया. प्रिंस तूसी का कहना है कि यह नई परंपरा है. इस मामले को कोर्ट तक ले जाएंगे.एएसआई तथा अन्य संबंधित विभागों से कहेंगे कि जिन लोगों ने ऐसा किया है उन्हें आइंदा प्रवेश नहीं दिया जाए. यह इस्लाम और मोनुमेंट्स को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं.



Body:ताज महल में शाहजहां की 364 वां उर्स में पहली बार नई परम्परा शुरू करने का मामला सामने आया है. क्योंकि उसमें गुल्स की रस्म से पहले मुख्य मकबरा के तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्र तक पहुंचते हैं. जहां पर लोग फातिहा पढ़ते हैं. इसके बाद गुस्ल की रस्म होती है. लेकिन इस बार कुछ अलग ही हुआ. पहले जहां प्रिंस तूसी के चलते टूरिस्टों को परेशानी हुई, फिर दोपहर 2 बजे एएसआई के अधिकारियों ने तहखाने का ताला खोला. इसके बाद सभी तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की कब्र तक पहुंचने से पहले रास्ते में सभी को रोककर अजान शुरू कर दी गई. लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था. यह एक नई परंपरा है.
मैं वंशज हूं, मेरे राइट्स हैं
प्रिंस तूसी का कहना है कि कमेटी के पास कोई राइट्स नहीं हैं. मैं वंशज हूं मेरे पास राइट्स हैं. अनावश्यक प्रॉब्लम क्रिएट की गई है. मैं इस बारे में डायरेक्टर ऑफ जनरल से शिकायत करूंगा. सुप्रीम कोर्ट में भी शिकायत करूंगा, क्योंकि कहीं भी जा का नहीं लिखा हुआ है. सिर्फ फातिहा का जिक्र है. इन्होंने अजा बना ली है. दे आर नाट ओफिशियल प्यूपल. इनके खिलाफ दिल्ली में बड़ी कार्यवाही होगी. हम एएसआई से शिकायत करूंगा. अधिकारियों से शिकायत करूंगा. ऐसे लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाए. ताज महल नेशनल मॉन्यूमेंट है. किसी के बाप की जागीर नहीं है. यह हर हिंदुस्तानी का है. और आज सिर्फ 2 बजे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही यहां पर उर्स की सभी रस्में पूरी हुई है. कहीं पर अजा का जिक्र नहीं है. सिर्फ फातिहा का जिक्र है. जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या अजान गलत है तो उन्होंने कहा क्या यहां पर नमाज हो रही थी. जहां नमाज होती है वहां अजान होती है. यहां तो सिर्फ फातिहा पढ़ा जाता है. यह नई परंपरा कहां से निकाल रहे हैं. यह इस्लाम और मोनुमेंट्स पर ऐसा करके सीआईएसफ के लिए परेशानी खड़े कर रहे हैं. इसकी शिकायत में कल्चरल मिनिस्ट्री से भी करूंगा.

नई परम्परा शुरू की
ताजमहल उर्स कमेटी के अध्यक्ष इब्राहिम जैदी ने बताया कि अभी तक कभी भी उर्स के दौरान ताजमहल के मुख्य मकबरे के तहखाने में रास्ता रोककर अजान नहीं दी गई. लोग शाहजहां और मुमताज की कब्र के पास खड़े होकर अजान जरूर द
पढ़ते थे. लेकिन इस तरह से रास्ता नहीं रोका जाता था. यह एक नई परंपरा शुरू की गई है. अजान देना कोई गलत बात नहीं है लेकिन यहां पर रास्ता रोककर अजान दी गई. यह नई परंपरा है. इस वजह से ही असमंजस की स्थिति बनी. धक्का-मुक्की हुई, क्योंकि लोगों को पता नहीं था कि रास्ता रोककर के अजान की जाएगी. क्योंकि पहले लोग यूं ही सीढ़ियों से उतरते हुए मुख्य मकबरे के तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्र तक पहुंचते थे. और आगे की रस्में फिर अदा की जाती थी.
पर्यटक और जायरीनों को निशुल्क मिलेगा प्रवेश
सहायक अधीक्षक पुरातत्वविद आरके सिंह ने बताया कि हर साल की तरह 3 दिन तक ताजमहल में उर्स चलता है. जिसके चलते आज दोपहर 2 बजे से और कल दोपहर 2 बजे से सूर्यास्त तक ताजमहल में पर्यटक और जायरीन के लिए निशुल्क प्रवेश रहेगा. 4 अप्रैल को सुबह से सूर्यास्त तक ताज महल में प्रवेश निशुल्क रहेगा. यह 3 दिन तक चलता है.




Conclusion:इस खबर में पहली बाइट मुगल वंशज प्रिंस तूसी की, दूसरी बाइट ताजमहल उर्स कमेटी के अध्यक्ष इब्राहिम जैदी की और तीसरी बाइट एएसआई के सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद आरके सिंह की है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.