आगरा: शमसाबाद में माथुर वैश्य सेवा समिति द्वारा निर्धन कन्याओं के विवाह कराए गए. इस दौरान कस्बे का माहौल काफी उत्साहित नजर आया. विवाह से पूर्व नगर में 31 दूल्हों की बारात निकाली गई. माथुर वैश्य सेवा समिति समय-समय पर समाज कल्याण के कार्य कराता रहा है.
मंगलवार को समिति द्वारा सर्व समाज सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन कराया गया. सामूहिक विवाह समारोह में 31 गरीब परिवारों की बेटियों की शादियां कराई गई. जिसे लेकर समिति के पदाधिकारी काफी समय से तैयारियों में जुटे हुए थे. सामूहिक विवाह समारोह से पूर्व शमसाबाद में 31 दूल्हों की एक भव्य बारात निकाली गई, जो कि नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई एपी इंटर कॉलेज मैदान पर जाकर समाप्त हुई. बारात का जगह जगह स्वागत किया गया. 31 दूल्हों की बारात का नगर में जोरदार स्वागत किया गया. इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर वरमाला कार्यक्रम के अलावा अन्य शादियों की रस्में निभाई गई.
कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य अतिथियों ने दिया आर्शीवाद
सर्व समाज सामूहिक विवाह समारोह कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, विधायक जितेंद्र वर्मा, पूर्व विधायक डॉ. राजेंद्र सिंह, समाज सेवी अवनीश कांत गुप्ता, लोकेशानंद महाराज मुकेश खरे, पवन अग्रवाल, कुंज बिहारी अग्रवाल आदि ने आर्शीवाद दिया.
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी फोर्स तैनात
कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुबह से ही जगह जगह पुलिस बल तैनात रहा. ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी चौराहों पर पुलिस कर्मी तैनात रहें. आयोजन स्थल पर सीसीटीवी लगाए गए. इस दौरान एसपी पूर्वी अशोक बैंकट के, सीओ फतेहाबाद बीएस वीर कुमार, थाना प्रभारी शमसाबाद प्रदीप कुमार तथा सर्किल का फोर्स उपस्थित रहा.
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चांदी का मुकुट पहना कर राज्यपाल का किया गया सम्मान
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का कस्बा शमसाबाद में आयोजित सर्व समाज सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान पदाधिकारियों ने फूल मालाएं तथा चांदी का मुकुट पहनाकर स्वागत किया.
'अपनी बेटियों को दहेज की बलि नहीं चढ़ाना है'
शमसाबाद में आयोजित सर्व समाज सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि निर्धन कन्याओं का विवाह किया जा रहा है. यह बहुत ही अच्छा संदेश समिति के द्वारा दिया गया है. यह संकल्प बड़ी बात है. दहेज रूपी कुप्रथा, जिसके कारण दहेज हत्याये भी होती हैं. कई बेटियां आत्महत्या भी कर लेती हैं, उसको रोकने का काम यह संस्था करेगी. यही संदेश है, अपनी बेटियों को दहेज की बलि पर नहीं चढ़ाना है. इस तरह के सामूहिक विवाह करके आर्थिक रूप से कम खर्चे पर अपनी बेटी की शादियां कर सकते हैं.