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दो वक्त का खाना, 24 घंटे काम फिर भी नहीं कोरोना योद्धा जैसा सम्मान

कोरोना संक्रमण के दौरान एंबुलेंस 108 के चालक, ईएमटी ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद की. लेकिन ऐसे योद्धाओं को दरकिनार कर केवल डॉक्टर और नर्स को कोरोना योद्धा की उपाधि से नवाजा गया. इसे लेकर आगरा जिले के एंबुलेंस 108 के चालक, ईएमटी में खासी नाराजगी है. देखें रिपोर्ट..

कोरोना योद्धा
कोरोना योद्धा
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Published : May 8, 2021, 5:14 PM IST

आगरा : जनपद में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय, अस्पतालों में दिन-रात सेवाएं दे रहे हैं. वहीं, एंबुलेंस 108 के चालक, ईएमटी 24 घंटे भागदौड़ कर लोगों की जान बचाने में लगे हैं. कठिन परिश्रम के बावजूद उन्हें कोरोना योद्धा का सम्मान नहीं मिल रहा.

आगरा निवासी एंबुलेंस चालक मुकेश यादव बताते हैं कि जब जिले में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे थे, तब वह और उनके सभी साथी 24 घंटे काम करते थे. आंखों में नींद होने के बावजूद दिन-रात वह गाड़ी चलाया करते थे. इस दौरान अपने परिवार की ओर भी ध्यान नहीं दिया. उसी दौरान मुकेश की सास का निधन हो गया लेकिन वह उनकी अंतिम विदाई में भी नहीं पहुंच सके. मुकेश के सहयोगी पंकज बताते हैं कि इस कोरोना काल में लोग डॉक्टर और नर्स को कोरोना योद्धा बोलते हैं लेकिन हमारा भी इस महामारी में उतना ही योगदान रहा है.

एंबुलेंस चालकों को नहीं मिल रहा कोरोना योद्धा जैसा सम्मान

महीने भर से परिवार वालों का मुंह तक नहीं देखा

एंबुलेंस चालक मुकेश यादव बताते हैं कि जब से कोविड में उनकी ड्यूटी लगी है, तब से लेकर आज तक परिवार का चेहरा भी नहीं देखा है. दरअसल, अन्य स्टाफ के साथ ही उन्हें अपना रूम शेयर करना पड़ता है. 24 घंटे काम करने की वजह से इतना भी समय नहीं मिलता कि वह परिजनों से बात कर सकें.

सीएमओ ऑफिस से आता है सिर्फ दो वक्त का खाना

कोविड के मरीजों के लिए लगी एंबुलेंस 108 गाड़ी के सभी चालक और मुकेश के सहयोगियों के लिए दो वक्त का भोजन सीएमओ ऑफिस से आता है. उसी को खाकर अपना काम चलाते हैं. मुकेश यादव बताते हैं कि कभी-कभी तो मुंह में निवाला जाने के पहले ही फोन आ जाता है कि कोविड का मरीज अस्पताल ले जाना है.


इसे भी पढ़ें- कोरोना अपडेट: यूपी में 7,310 कोरोना के नए मरीज, RT-PCR टेस्ट बढ़े

हमें कोरोना योद्धा का सम्मान नहीं देते लोग

एंबुलेंस 108 के चालक मुकेश यादव, ईएमटी पंकज कुमार बताते हैं कि डॉक्टर्स, वार्ड बॉय सभी को लोग कोरोना योद्धा की तरह सम्मान देते हैं. लेकिन हम लोगों को कोई सम्मान नहीं देता जबकि हम भी 24 घंटे मेहनत करते हैं.

आगरा : जनपद में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय, अस्पतालों में दिन-रात सेवाएं दे रहे हैं. वहीं, एंबुलेंस 108 के चालक, ईएमटी 24 घंटे भागदौड़ कर लोगों की जान बचाने में लगे हैं. कठिन परिश्रम के बावजूद उन्हें कोरोना योद्धा का सम्मान नहीं मिल रहा.

आगरा निवासी एंबुलेंस चालक मुकेश यादव बताते हैं कि जब जिले में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे थे, तब वह और उनके सभी साथी 24 घंटे काम करते थे. आंखों में नींद होने के बावजूद दिन-रात वह गाड़ी चलाया करते थे. इस दौरान अपने परिवार की ओर भी ध्यान नहीं दिया. उसी दौरान मुकेश की सास का निधन हो गया लेकिन वह उनकी अंतिम विदाई में भी नहीं पहुंच सके. मुकेश के सहयोगी पंकज बताते हैं कि इस कोरोना काल में लोग डॉक्टर और नर्स को कोरोना योद्धा बोलते हैं लेकिन हमारा भी इस महामारी में उतना ही योगदान रहा है.

एंबुलेंस चालकों को नहीं मिल रहा कोरोना योद्धा जैसा सम्मान

महीने भर से परिवार वालों का मुंह तक नहीं देखा

एंबुलेंस चालक मुकेश यादव बताते हैं कि जब से कोविड में उनकी ड्यूटी लगी है, तब से लेकर आज तक परिवार का चेहरा भी नहीं देखा है. दरअसल, अन्य स्टाफ के साथ ही उन्हें अपना रूम शेयर करना पड़ता है. 24 घंटे काम करने की वजह से इतना भी समय नहीं मिलता कि वह परिजनों से बात कर सकें.

सीएमओ ऑफिस से आता है सिर्फ दो वक्त का खाना

कोविड के मरीजों के लिए लगी एंबुलेंस 108 गाड़ी के सभी चालक और मुकेश के सहयोगियों के लिए दो वक्त का भोजन सीएमओ ऑफिस से आता है. उसी को खाकर अपना काम चलाते हैं. मुकेश यादव बताते हैं कि कभी-कभी तो मुंह में निवाला जाने के पहले ही फोन आ जाता है कि कोविड का मरीज अस्पताल ले जाना है.


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हमें कोरोना योद्धा का सम्मान नहीं देते लोग

एंबुलेंस 108 के चालक मुकेश यादव, ईएमटी पंकज कुमार बताते हैं कि डॉक्टर्स, वार्ड बॉय सभी को लोग कोरोना योद्धा की तरह सम्मान देते हैं. लेकिन हम लोगों को कोई सम्मान नहीं देता जबकि हम भी 24 घंटे मेहनत करते हैं.

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