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पुलवामा हमले में शहीद हुआ आगरा का लाल, मां का रो-रो कर बुरा हाल

पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए हैं. गुरुवार को हुए इस हमले में यूपी के भी कई जिलों के रहने वाले जवान शामिल है. आगरा के कौशल कुमार रावत भी हमले में शहीद हुए. शहीद के परिवार का रो-रो बुरा हाल

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Published : Feb 15, 2019, 3:24 AM IST

पुलवामा आतंकी हमला

आगरा : ताजनगरी का लाल कौशल कुमार रावत भी पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हो गए. शहादत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. . परिचित और रिश्तेदारों का घर में तांता लगा हुआ है. बेटा कौशल कुमार की शहादत की खबर सुनकर वृद्ध मां और पिता का रो-रोकर हाल बेहाल है. तीन दिन पहले ही शहीद कौशल छुट्टी बिताकर वापस नौकरी पर गए थे.

शहीद के परिजन.
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कहरई निवासी कमल किशोर रावत ने बताया कि 47 वर्षीय बड़े भाई कौशल कुमार रावत 1991 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. उनके दो बेटे और एक बेटी है. बेटी की शादी हो चुकी है. बड़े भाई कौशल कुमार रावत गुड़गांव में पत्नी ममता और छोटे बेटे विशाल के साथ रहते हैं. उनका बड़ा बेटा अभिषेक एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है.


जनवरी के अंत में भाई कौशल की तबादला सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से जम्मू कश्मीर हुआ था. वह ट्रांसफर के बाद 15 दिन की छुट्टी काटकर गुडगांव से 12 फरवरी को नई जॉइनिंग के लिए रवाना हुए. कमल किशोर ने बताया कि बुधवार शाम को उसकी बड़े भाई कौशल कुमार रावत से बात हुई थी. तब उन्होंने कहा था कि मैं रास्ते में हूं. अभी अपने जॉइनिंग पॉइंट पर नहीं पहुंचा हूं. क्योंकि आगे बर्फबारी हो रही है. इसलिए गाड़ियों को रोक दिया है. वैसे सब ठीक-ठाक है.


वहीं गुरुवार शाम 7:30 बजे करीब 24 घंटे बाद उन्हें भाई कौशल कुमार रावत की शहादत की खबर मिली. इस पर तत्काल गुडगांव में रह रहीं भाभी ममता और भतीजे अभिषेक को जानकारी दी. भाभी और भतीजा के साथ अन्य रिश्तेदार भी गुड़गांव से आगरा आने के लिए रवाना हो चुके हैं. इसके साथ ही भाई कौशल कुमार रावत की बटालियन के लोगों ने भी उनके शहीद होने की जानकारी दी है.

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इधर बड़े बेटे कौशल कुमार रावत के शहीद होने से होने की खबर मिलते ही वृद्ध मां धन्नो देवी और वृद्ध पिता सीताराम रावत का हाल बेहाल हो गया है. वह दोनों समझ नहीं पा रहे हैं ऐसा आखिर कैसे हो गया कि उन्होंने भी कल बेटे से बात की थी तब सब कुछ ठीक-ठाक था.

आगरा : ताजनगरी का लाल कौशल कुमार रावत भी पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हो गए. शहादत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. . परिचित और रिश्तेदारों का घर में तांता लगा हुआ है. बेटा कौशल कुमार की शहादत की खबर सुनकर वृद्ध मां और पिता का रो-रोकर हाल बेहाल है. तीन दिन पहले ही शहीद कौशल छुट्टी बिताकर वापस नौकरी पर गए थे.

शहीद के परिजन.
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कहरई निवासी कमल किशोर रावत ने बताया कि 47 वर्षीय बड़े भाई कौशल कुमार रावत 1991 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. उनके दो बेटे और एक बेटी है. बेटी की शादी हो चुकी है. बड़े भाई कौशल कुमार रावत गुड़गांव में पत्नी ममता और छोटे बेटे विशाल के साथ रहते हैं. उनका बड़ा बेटा अभिषेक एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है.


जनवरी के अंत में भाई कौशल की तबादला सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से जम्मू कश्मीर हुआ था. वह ट्रांसफर के बाद 15 दिन की छुट्टी काटकर गुडगांव से 12 फरवरी को नई जॉइनिंग के लिए रवाना हुए. कमल किशोर ने बताया कि बुधवार शाम को उसकी बड़े भाई कौशल कुमार रावत से बात हुई थी. तब उन्होंने कहा था कि मैं रास्ते में हूं. अभी अपने जॉइनिंग पॉइंट पर नहीं पहुंचा हूं. क्योंकि आगे बर्फबारी हो रही है. इसलिए गाड़ियों को रोक दिया है. वैसे सब ठीक-ठाक है.


वहीं गुरुवार शाम 7:30 बजे करीब 24 घंटे बाद उन्हें भाई कौशल कुमार रावत की शहादत की खबर मिली. इस पर तत्काल गुडगांव में रह रहीं भाभी ममता और भतीजे अभिषेक को जानकारी दी. भाभी और भतीजा के साथ अन्य रिश्तेदार भी गुड़गांव से आगरा आने के लिए रवाना हो चुके हैं. इसके साथ ही भाई कौशल कुमार रावत की बटालियन के लोगों ने भी उनके शहीद होने की जानकारी दी है.

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इधर बड़े बेटे कौशल कुमार रावत के शहीद होने से होने की खबर मिलते ही वृद्ध मां धन्नो देवी और वृद्ध पिता सीताराम रावत का हाल बेहाल हो गया है. वह दोनों समझ नहीं पा रहे हैं ऐसा आखिर कैसे हो गया कि उन्होंने भी कल बेटे से बात की थी तब सब कुछ ठीक-ठाक था.

Intro:आगरा।
ताजनगरी का लाल कौशल कुमार रावत भी पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हुआ है। गुरुवार शाम ताजगंज के कहरई गांव में उस कोहराम मच गया, पुलवामा से कौशल कुमार के शहादत की खबर परिजनों को मिली। पड़ोसी जमा हो गए। परिचित और रिश्तेदारों का घर में तांता लगा हुआ है। बेटा कौशल कुमार की शहादत की खबर सुनकर वृद्ध मां और पिता का रो-रोकर हाल बेहाल है। मंगलवार को ही कौशल कुमार रावत 15 दिन की छुट्टी काटकर अपनी नई पोस्ट पर जॉइनिंग करने के लिए जा रहे थे। तभी रास्ते में उनकी बस पर आतंकी हमला हुआ था।



Body:कहरई (ताजगंज) निवासी कमल किशोर रावत ने बताया कि 47 वर्षीय बड़े भाई कौशल कुमार रावत 1991 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनके दो बेटे और एक बेटी है। बेटी की शादी हो चुकी है। बड़े भाई कौशल कुमार रावत गुड़गांव में पत्नी ममता और छोटे बेटे विशाल के साथ रहते हैं। उनका बड़ा बेटा अभिषेक रसिया में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। जनवरी के अंत में भाई कौशल की तबादला सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल ) से उनका ट्रांसफर जम्मू कश्मीर हुआ था। वह ट्रांसफर के बाद 15 दिन की छुट्टी काटकर गुडगांव से 12 फरवरी को नई जॉइनिंग के लिए रवाना हुए।
कमल किशोर ने ईटीवी को बताया कि बुधवार शाम को उसकी बड़े भाई कौशल कुमार रावत से बात हुई थी। तब उन्होंने कहा था कि मैं रास्ते में हूं। अभी अपने जॉइनिंग पॉइंट पर नहीं पहुंचा हूं। क्योंकि आगे बर्फबारी हो रही है। इसलिए गाड़ियों को रोक दिया है। वैसे सब ठीक-ठाक है। मगर इसके बाद गुरुवार शाम 7:30 बजे करीब 24 घंटे बाद उन्हें भाई कौशल कुमार रावत की शहादत की खबर मिली। इस पर तत्काल गुडगांव में रह रहीं भाभी ममता और भतीजे अभिषेक को जानकारी दी। भाभी और भतीजा के साथ अन्य रिश्तेदार भी गुड़गांव से आगरा आने के लिए रवाना हो चुके हैं। इसके साथ ही भाई कौशल कुमार रावत की बटालियन के लोगों ने भी उनके शहीद होने की जानकारी दी है।
इधर बड़े बेटे कौशल कुमार रावत के शहीद होने से होने की खबर मिलते ही वृद्ध मां धन्नो देवी और वृद्ध पिता सीताराम रावत का हाल बेहाल हो गया है। वह दोनों समझ नहीं पा रहे हैं ऐसा आखिर कैसे हो गया कि उन्होंने भी कल बेटे से बात की थी तब सब कुछ ठीक-ठाक था।





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