आगराः जिले में नगर निगम का 20वां अधिवेशन एक घंटा देरी और भारी हंगामे के बीच संपन्न हुआ. हंगामे के कारण सदन देर शाम तक चलता रहा. इसमें करीब 35 मिनट तक पार्षदों का प्रश्नकाल चला. उसके बाद सदन में एक-दो महत्वपूर्ण प्रस्तावों को छोड़ बाकी सभी प्रस्ताव सड़कों, चौराहों व भवनों के नाम बदलने को लेकर दिए गए. वहीं महापौर के सदन के बीच में से उठने पर विपक्षी पार्षदों ने जमकर हंगामा किया.
आगरा में नगर निगम का 20वां अधिवेशन एक घंटे देरी से शुरुआत
नगर निगम में 20वें अधिवेशन की शुरुआत सोमवार को भारी हंगामे के साथ हुई. दोपहर 3 बजे से सदन शुरू होना था लेकिन महापौर के 1 घंटे देरी से पहुंचने की वजह से सदन 4 बजे से शुरू हुआ. इसको लेकर विपक्षी दलों के पार्षदों ने अपनी जगह से खड़े होकर और कुछ ने नगर आयुक्त और महापौर के सामने ही जमीन पर बैठ हंगामा शुरू कर दिया. विरोध बढ़ता देख बीजेपी के पार्षद भी इस हंगामे में विपक्षी पार्षदों को रोकने के लिए कूद पड़े. महापौर के बार-बार शांति बरतने की अपील करने के बावजूद भी जब पार्षद शांत ना हुए तो उन्होंने हंगामा करने वाले पार्षदों पर कार्रवाई की चेतावनी दे डाली. इसके बाद पार्षद वापस अपनी जगह पर लौटे.
आगरा में नगर निगम का 20वां अधिवेशन सर्वप्रथम प्रश्न कालसदन की बैठक में महापौर नवीन जैन और नगर आयुक्त के सामने करीब 35 मिनट तक पार्षदों ने एक-एक कर अपने अपने क्षेत्र की समस्या व प्रश्न का जवाब नगर आयुक्त से मांगा. इसमें मुख्य रूप से पार्षद बंटी माहौर ने सदन में सवाल उठाया कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले सदन में आवाज उठाई थी, उसके बाद सदन प्रभारी द्वारा उन्हें तीन नोटिस भेजे गए हैं. आखिर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने में उन्होंने क्या गलत किया है जो उन्हें नोटिस भेजे गए ?
आगरा में नगर निगम का 20वां अधिवेशन सदन के बीच में से उठे महापौरसदन चलते हुए करीब सवा घंटा ही बीता था कि बीच में ही महापौर नवीन जैन सदन छोड़ कर चले गए. इस पर विपक्षी पार्षदों ने महापौर द्वारा सदन छोड़ने का कारण न बताने और पार्षदों का कीमती समय खराब करने को लेकर फिर से हंगामा शुरू कर दिया. नगर निगम कार्यकारिणी अध्यक्ष के बार-बार समझाने पर भी पार्षद नहीं माने तो आधा घंटे के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा. इसके बाद महापौर ने आकर फिर से सदन की शुरुआत की.
आगरा में नगर निगम का 20वां अधिवेशन इन प्रस्तावों पर चर्चा-- सर्वप्रथम सदन में जो प्रस्ताव लाया गया उसमें बताया कि जो लोग अपने घरेलू जमीन पर या अपने घर तुड़वा कर उसमें दुकान या मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनवा लेते हैं, उन लोगों को व्यवसाय टैक्स के साथ ही नगर निगम द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं भी प्रदान करानी पड़ेंगी. इसमें पानी की सप्लाई, बिजली की सप्लाई, सीवर लाइन आदि व्यवस्था है. ये नगर निगम के नियमों के अनुसार करानी पड़ेगी वरना उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है. वहीं निर्धारित निर्माण से ज्यादा मकान स्वामी के निर्माण कराए जाने पर भी कारवाई होगी.- वार्ड नंबर 45 में गोकुलपुरा रोड माथुर वैश्य धर्मशाला से लेकर स्वर्गीय पंकज कुलश्रेष्ठ के आवास से होते हुए अशोकनगर तक की सड़क का नाम स्वर्गीय पंकज कुलश्रेष्ठ पत्रकार के नाम पर रखा जाएगा.- वार्ड 76 में बैंक कॉलोनी एमजी रोड से नॉर्थ ईदगाह कॉलोनी पुलिया तक के मार्ग का नाम रखा जाएगा लाला मोतीलाल शिवहरे मार्ग. - विजय नगर स्थित संकेत मूकबधिर विद्यालय से विश्वविद्यालय के पुराने छात्रावास तक के मार्ग का नाम होगा स्वर्गीय श्री विनोद बिहारी तिवारी.- नॉर्थ विजय नगर कॉलोनी स्थित चौराहे पर लगाई जाएगी स्वर्गीय श्री धर्मपाल विद्यार्थी की प्रतिमा व चौराहे का नाम होगा विद्यार्थी चौक.- आगरा के पचकुइयां चौराहे का नाम अब हुआ राजा दक्ष चौक.- कालिंदी विहार स्थित आवासीय दृष्टिबाधित विद्यालय, राधास्वामी दृष्टिबाधित संस्थान के छात्र छात्राओं हेतु छात्रावास, पाठशाला, पुस्तकालय सभागार एवं खेलकूद इत्यादि के लिए नगर निगम किराए पर कराएगी भूमि का आवंटन.- आवास विकास कॉलोनी सेक्टर 10 कैला देवी चौराहे का नाम हुआ भगवान महर्षि परशुराम चौक व चौक पर स्थापित होगा उनका स्मृति शस्त्र फरसा.- भूतपूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की एक प्रतिमा सेक्टर 9 में महापौर कैंप कार्यालय के बाहर साइड पटरी पर की जाएगी स्थापित एवं उक्त चौराहे का नाम होगा अटल चौक.- सदन में कैलाश मंदिर और आसपास के क्षेत्र को नगर निगम की सीमा में लाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया. इसे अब शासन से पारित कराने के लिए भेजा जाएगा. इससे कैलाश मंदिर के पास स्थित बाईपुर और स्वामी गांव भी नगर निगम की सीमा में आ जाएंगे.