आगरा: जम्मू-कश्मीर शासन से लोक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) की कार्रवाई निरस्त होने पर सेंट्रल जेल से 13 और कश्मीरी बंदियों को रिहा कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर से अगस्त-2019 में अनुच्छेद 370 और 35 (ए) हटाए जाने के बाद माहौल बिगड़ने की संभावना पर एयरलिफ्ट करके तीन बार में 85 कश्मीरी बंदियों व कैदियों को सेंट्रल जेल में लाया गया था.
13 बंदी किए गए रिहा
जम्मू-कश्मीर शासन ने बांदीपोरा जिले के मुद्शर अहमद वानी, तनवीर अहमद गनी, पुलवामा जिले के अब्दुल रशीद डार, मामून रसूल पंडित, शब्बीर अहमद सोफी, बिलाल अहमद डार, मुन्नीर उल इस्लाम, बारामुला जिले के उमर फारुख डार, इशफक हसन मीर, जफर उल इस्लामशाह, अनंतनाग जिले के फैय्याज अहमद वानी, फैय्याज अहमद दास, कुपुवाड़ा जिले के नजीर अहमद के विरुद्ध की गई लोक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) की कार्रवाई को निरस्त कर दिया है. बता दें कि पहले दिल्ली की तिहाड़ जेल में जनपद के सेंट्रल जेल से कश्मीरी बंदी मियां अब्दुल कय्यूम को शिफ्ट किया गया था. इसलिए अब आगरा सेंट्रल जेल में 30 कश्मीरी बंदी बंद हैं.
एयरलिफ्ट कर आगरा लाए गए थे कश्मीरी बंदी
- 22 अगस्त 2018 को पहली बार जम्मू-कश्मीर से 30 बंदी व कैदियों को आगरा सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था.
- 8 अगस्त 2019 को दूसरी बार आगरा सेंट्रल जेल में जम्मू-कश्मीर के 26 बंदी और कैदियों को शिफ्ट किया गया था.
- 5 सितंबर 2019 को तीसरी बार 29 बंदी व कैदियों को जम्मू-कश्मीर से एयरलिफ्ट करके आगरा सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था.
जम्मू-कश्मीर से जिन बंदियों को एयरलिफ्ट करके जनपद के सेंट्रल जेल में रखा गया था, उन बंदियों के खिलाफ पीएसए की कार्रवाई निरस्त हो रही है. इसिलिए उन्हें जम्मू-कश्मीर के परवाने पर रिहा किया जा रहा है. अब तक अलग-अलग दिनों में 54 कश्मीरी बंदी रिहा किए जा चुके हैं. अब 30 कश्मीरी बंदी आगरा सेंट्रल जेल में बंद हैं.
सेंट्रल जेल से 13 और कश्मीरी बंदी रिहा किए गए हैं. जम्मू-कश्मीर शासन से आए रिहाई परवान पर सभी औपचारिकता पूरी करके सभी बंदियों को उनके परिजनों को सुपुर्द किया गया है. परिजन लॉकडाउन के चलते पास लेकर आए थे.
-वीके सिंह, आगरा सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक