आगरा: जनपद के बाह तहसील क्षेत्र से सटी चंबल नदी सेंक्च्युरी (Chambal River Sanctuary) में 1225 नन्हे घड़ियालों ने जन्म लेकर नदी का रुख कर लिया है. विलुप्त प्राय घड़ियालों का कुनबा लगातार चंबल नदी में बढ़ रहा है, जिससे वन विभाग काफी उत्साहित है.
जानकारी के अनुसार, एशिया की सबसे बड़ी घड़ियाल सेंक्चुरी (Alligator Sanctuary) में हैचिंग से जन्मे 1225 नन्हे घड़ियाल (Alligator) अपने कुनबे में शामिल हो गए हैं. चंबल नदी किनारे नेस्ट सीजन में मादा घड़ियाल ने बालू में रखे अंडे कुरेदे तो अंडों से बाहर निकले नन्हे घड़ियालों ने चंबल नदी का रुख कर लिया. चंबल नदी में नर घड़ियालों ने उनका स्वागत किया.
1979 से चंबल नदी में हो रहा संरक्षण
बता दें कि पाली से पचनदा तक तीन राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में होकर बहने वाली चंबल नदी में 1979 से विलुप्तप्राय स्थिति में पहुंचे घड़ियालों का संरक्षण (Protection of Alligators) हो रहा है. 10 साल से चंबल नदी में प्राकृतिक हैचिंग हो रही है. 65 से 70 दिन का हैचिंग पीरियड शुरू होने पर वन विभाग ने नेस्टों पर लगी जाली हटा दी. नेस्टिंग के टाइम पर वन विभाग ने जीपीएस से लोकेशन ट्रेस कर जाली लगाई थी, ताकि अंडों को नष्ट होने से बचाया जा सके.
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चंबल सेंक्च्युरी के बाह रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि बाह रेंज में रेहा से उदयपुर खुर्द तक डेढ़ दर्जन स्थलों पर नेस्टिंग हुई थी. हैचिंग में 1225 नन्हे घड़ियालों का जन्म हुआ है. वन कर्मियों की निगरानी में नेस्टों से निकल कर घड़ियाल शिशु चंबल नदी में पहुंचे हैं, जिससे वन विभाग उत्साहित है.
कुकरैल प्रजनन केन्द्र पहुंचे घड़ियालों के 699 अंडे
चंबल सेंक्च्युरी बाह रेंज में वन विभाग के मुताबिक घड़ियालों ने नदी की बालू में 1924 अंडे दिए थे, जिनमें से 699 अंडे लखनऊ कुकरैल प्रजनन केन्द्र ले जाए गए थे, जहां विशेषज्ञों की देखरेख में अंडों से नन्हे घड़ियालों की हैचिंग होगी. वयस्क होने पर उन्हें चंबल नदी में छोड़ा जाएगा.
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वन विभाग उत्साहित
चंबल सेंक्च्युरी बाह रेंज में हर वर्ष नन्हे घड़ियालों का सैकड़ों की संख्या में चंबल नदी में लगातार कुनबा बढ़ने से वन विभाग उत्साहित दिख रहा है. हैचिंग पीरियड में वन विभाग कर्मी चंबल नदी किनारे अंडा वाले स्थानों पर पूरी तरह से देखरेख करते हैं और उनकी मेहनत का फल भी सामने दिखता है. घड़ियालों की संख्या लगातार चंबल नदी में बढ़ रही है.