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'हमें उम्मीद थी कि चानू सोना जीतेगी, लेकिन उसका रजत ही हमारे लिए सोने जैसा'

टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं के 49 किलोग्राम वर्ग में ऐतिहासिक रजत पदक जीतने वाली भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू के परिवार के सदस्य उनकी सफलता से खुश हैं. हालांकि, उन्हें उम्मीद थी कि वह स्वर्ण पदक जीतेंगी.

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मीराबाई चानू और उनका परिवार
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Published : Jul 24, 2021, 10:48 PM IST

इंफाल: मणिपुर की भारोत्तोलक ने महिलाओं के 49 किलोग्राम वर्ग में रजत जीतकर टोक्यो खेलों में भारत का खाता खोला. चानू ने 202 किग्रा (87 किग्रा-115 किग्रा) वजन उठाकर 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य पदक को बेहतर बनाया. चीन के झिहुई होउ ने 210 किग्रा के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि इंडोनेशिया की विंडी केंटिका ने तीसरा (194 किग्रा) स्थान हासिल किया.

चानू के बड़े भाई बिनोद मैतेई ने कहा, रजत जीतने के बाद उन्होंने खुशखबरी साझा करने के लिए अपनी मां सैखोम तोम्बी को फोन किया. साथ ही कहा कि मुकाबला शुरू होने से पहले भी चानू ने फोन किया था.

यह भी पढ़ें: Video - Tokyo Olympics 2020, Day 2: मीराबाई चानू ने रचा इतिहास, भारत ने जीता टोक्यो में पहला सिल्वर

बिनोद ने मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के नोंगपोक काकचिंग गांव से फोन पर आईएएनएस से कहा, चानू हालांकि स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर पाई. लेकिन हम उनके प्रदर्शन से बहुत खुश और रोमांचित हैं. रजत पदक हम सभी के लिए स्वर्ण के समान है.

चानू एक कम आय वाले परिवार से ताल्लुक रखती है, जिसमें आठ सदस्य शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर खेत में काम करते हैं.

चानू के पिता सैखोम कृति मैतेई ने कहा, उन्होंने अपनी बेटी के विजयी प्रदर्शन को टेलीविजन पर अपनी आंखों में खुशी के आंसू के साथ देखा. सौखम मानते हैं कि उनकी बेटी ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश को गौरवान्वित किया है.

यह भी पढ़ें: मीराबाई चानू की जीत पर बोलीं Karnam Malleswari, देश के लिए गर्व का मौका

हंसमुख सैखोम ने आईएएनएस को बताया, उनकी सारी मेहनत ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई है. पिता ने कहा, रिश्तेदार, दोस्त और शुभचिंतक लाइमनिंग के नोंगपोक काकचिंग गांव में अपने छोटे से घर में टोक्यो में चानू को इतिहास रचते देखने के लिए एकत्र हुए थे.

उन्होंने कहा, हम ज्यादातर शाकाहारी हैं, लेकिन आज रात हम उसकी सफलता का जश्न मनाने के लिए मांसाहारी रात्रि भोज तैयार करेंगे. हमारी बेटी ने भारत के लिए खाता खोला, यह रोमांचक है हम चाहते थे कि वह स्वर्ण जीते, लेकिन यह रजत हमारे लिए स्वर्ण पदक की तरह है. हम चानू के लिए बहुत खुश और गौरवान्वित हैं.

यह भी पढ़ें: करीना से कंगना तक ने दी मीराबाई चानू को ओलंपिक 2020 में जीत की बधाई

चानू का गांव नोंगपोक काकचिंग एक कोविड प्रभावित इलाके में है और इसलिए परिवार ने बहुत से लोगों को अपने घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी. भीड़ को करीबी रिश्तेदारों और करीबी पड़ोसियों तक सीमित कर दिया.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, क्रिकेट आइकन सचिन तेंदुलकर और कई अन्य ने टोक्यो में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्टार लिफ्टर को बधाई दी है.

इंफाल: मणिपुर की भारोत्तोलक ने महिलाओं के 49 किलोग्राम वर्ग में रजत जीतकर टोक्यो खेलों में भारत का खाता खोला. चानू ने 202 किग्रा (87 किग्रा-115 किग्रा) वजन उठाकर 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य पदक को बेहतर बनाया. चीन के झिहुई होउ ने 210 किग्रा के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि इंडोनेशिया की विंडी केंटिका ने तीसरा (194 किग्रा) स्थान हासिल किया.

चानू के बड़े भाई बिनोद मैतेई ने कहा, रजत जीतने के बाद उन्होंने खुशखबरी साझा करने के लिए अपनी मां सैखोम तोम्बी को फोन किया. साथ ही कहा कि मुकाबला शुरू होने से पहले भी चानू ने फोन किया था.

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बिनोद ने मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के नोंगपोक काकचिंग गांव से फोन पर आईएएनएस से कहा, चानू हालांकि स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर पाई. लेकिन हम उनके प्रदर्शन से बहुत खुश और रोमांचित हैं. रजत पदक हम सभी के लिए स्वर्ण के समान है.

चानू एक कम आय वाले परिवार से ताल्लुक रखती है, जिसमें आठ सदस्य शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर खेत में काम करते हैं.

चानू के पिता सैखोम कृति मैतेई ने कहा, उन्होंने अपनी बेटी के विजयी प्रदर्शन को टेलीविजन पर अपनी आंखों में खुशी के आंसू के साथ देखा. सौखम मानते हैं कि उनकी बेटी ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश को गौरवान्वित किया है.

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हंसमुख सैखोम ने आईएएनएस को बताया, उनकी सारी मेहनत ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई है. पिता ने कहा, रिश्तेदार, दोस्त और शुभचिंतक लाइमनिंग के नोंगपोक काकचिंग गांव में अपने छोटे से घर में टोक्यो में चानू को इतिहास रचते देखने के लिए एकत्र हुए थे.

उन्होंने कहा, हम ज्यादातर शाकाहारी हैं, लेकिन आज रात हम उसकी सफलता का जश्न मनाने के लिए मांसाहारी रात्रि भोज तैयार करेंगे. हमारी बेटी ने भारत के लिए खाता खोला, यह रोमांचक है हम चाहते थे कि वह स्वर्ण जीते, लेकिन यह रजत हमारे लिए स्वर्ण पदक की तरह है. हम चानू के लिए बहुत खुश और गौरवान्वित हैं.

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चानू का गांव नोंगपोक काकचिंग एक कोविड प्रभावित इलाके में है और इसलिए परिवार ने बहुत से लोगों को अपने घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी. भीड़ को करीबी रिश्तेदारों और करीबी पड़ोसियों तक सीमित कर दिया.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, क्रिकेट आइकन सचिन तेंदुलकर और कई अन्य ने टोक्यो में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्टार लिफ्टर को बधाई दी है.

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