नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक 2020 में पदार्पण में मिली हार से निराश पहलवान सोनम मलिक ने खुद को अलग-थलग कर लिया है. वह 'दिल टूटा हुआ' महसूस कर रही थी, लेकिन उसके बचपन के कोच अजमेर मलिक उसके साथ खड़े हैं और उससे कहा कि यह सब कुछ का अंत नहीं है.
अजमेर ने कहा, जब वह टोक्यो से वापस आई, तो वह बहुत निराश महसूस कर रही थी. उसने खुद को अलग-थलग कर लिया. हम सभी जानते हैं कि वह एक अच्छी पहलवान है. लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है. मैंने उससे कहा कि यह सब कुछ का अंत नहीं है. आपको फिर से खड़े होने और भविष्य की घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. उसने अब अपना प्रशिक्षण शुरू कर दिया है.
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सोनम का ओलंपिक पदार्पण 62 किग्रा वर्ग में मंगोलिया के बोलोरतुया खुरेलखुउ के खिलाफ पहले दौर की हार के साथ समाप्त हुआ था. अजमेर ने कहा, उसने बाउट में अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दिया और हार गई. लेकिन यह उसका पहला ओलंपिक था और वह सिर्फ 19 साल की है. उम्मीद है, उसने अपना सबक सीखा है कि दबाव को कैसे संभालना है. वह रक्षात्मक थी, वह था एक गलती. फिर भी, उसे बड़े मंच का अनुभव मिला है.
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भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) द्वारा सोनम को जारी नोटिस के बारे में पूछे जाने पर कोच ने कहा, सोनम ने महासंघ से माफी मांगी है. उन्होंने कहा, फेडरेशन ने हमेशा अपने पहलवानों का समर्थन किया है और हमें विश्वास है कि सोनम को माफ कर दिया जाएगा.