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ओलंपिक के लिए PLA सैनिक को मशाल धारक चुनने को अमेरिकी सांसद ने 'शर्मनाक' कहा

अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की ताकतवर समिति के रैंकिंग सदस्य रिपब्लिकन सीनेटर जिम रिस्च ने साथ ही कहा कि अमेरिका भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा.

US lawmaker calls it 'shameful' to pick PLA soldier for Olympics as torch-holder
US lawmaker calls it 'shameful' to pick PLA soldier for Olympics as torch-holder
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Published : Feb 4, 2022, 2:07 PM IST

वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाली सैन्य कमान का हिस्सा रहे पीएलए सैनिक को चीन द्वारा बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का मशाल धारक चुनने को गुरुवार को ‘शर्मनाक’ करार दिया है.

अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की ताकतवर समिति के रैंकिंग सदस्य रिपब्लिकन सीनेटर जिम रिस्च ने साथ ही कहा कि अमेरिका भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा.

जिम ने ट्वीट किया, "यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ओलंपिक 2022 मशाल धारक ऐसे व्यक्ति को चुना जो उस सैन्य कमान का हिस्सा था जिसने 2020 में भारत पर हमला किया था और उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहे हैं. अमेरिका उइगर स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा."

ये भी पढ़ें- हजारों तिब्बतियों ने IOC मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया

चीन ने बुधवार को की फाबाओ को खेलों की मशाल रिले में मशाल धारक के रूप में पेश किया था. पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के रेजीमेंटल कमांडर फाबाओ जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गए थे.

सार्वजनिक समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार फाबाओ ने विंटर ओलंपिक पार्क में वैंग मेंग से मशाल ही जो चीन की चार बार की ओलंपिक शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग चैंपियन हैं.

नयी दिल्ली में भारत ने गुरुवार को घोषणा की कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के मामलों के प्रमुख 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि चीन ने गलवान घाटी झड़प में शामिल सैन्य कमांडर को इस प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता का मशाल धारक बनाकर सम्मानित किया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची ने चीन के इस कदम को 'खेदजनक' करार दिया.

वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाली सैन्य कमान का हिस्सा रहे पीएलए सैनिक को चीन द्वारा बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का मशाल धारक चुनने को गुरुवार को ‘शर्मनाक’ करार दिया है.

अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की ताकतवर समिति के रैंकिंग सदस्य रिपब्लिकन सीनेटर जिम रिस्च ने साथ ही कहा कि अमेरिका भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा.

जिम ने ट्वीट किया, "यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ओलंपिक 2022 मशाल धारक ऐसे व्यक्ति को चुना जो उस सैन्य कमान का हिस्सा था जिसने 2020 में भारत पर हमला किया था और उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहे हैं. अमेरिका उइगर स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा."

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चीन ने बुधवार को की फाबाओ को खेलों की मशाल रिले में मशाल धारक के रूप में पेश किया था. पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के रेजीमेंटल कमांडर फाबाओ जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गए थे.

सार्वजनिक समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार फाबाओ ने विंटर ओलंपिक पार्क में वैंग मेंग से मशाल ही जो चीन की चार बार की ओलंपिक शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग चैंपियन हैं.

नयी दिल्ली में भारत ने गुरुवार को घोषणा की कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के मामलों के प्रमुख 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि चीन ने गलवान घाटी झड़प में शामिल सैन्य कमांडर को इस प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता का मशाल धारक बनाकर सम्मानित किया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची ने चीन के इस कदम को 'खेदजनक' करार दिया.

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