लुसाने: दुनिया के महानतक एथलीट्स में शुमार अमेरिका के जिम थोर्पे साल 1912 ओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड की पेटांथलान एवं डेकाथलान स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते थे. किन्हीं कारणों से उनसे ये पदक छीन लिए गए और उनका नाम भी रिकॉर्ड बुक से हटा दिया गया. अब 110 साल बाद थोर्पे को विजेता घोषित कर दिया गया है.
बता दें, थोर्पे का निधन साल 1953 में हो गया था. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने उनके पदक जीतने की 110वीं सालगिरह पर यह घोषणा की. आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा- हम इस फैसले का स्वागत करते है. यह एक असाधारण और अनूठी स्थिति थी.
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🥇 IOC to display the name of Jim Thorpe as sole Stockholm 1912 pentathlon and decathlon gold medallist.
— IOC MEDIA (@iocmedia) July 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The change comes on the day of the 110th anniversary of Thorpe’s medal in decathlon.
Read more about it 👉https://t.co/crIIXvhaNJ pic.twitter.com/oSAjEoDKnJ
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The change comes on the day of the 110th anniversary of Thorpe’s medal in decathlon.
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यह पूरा मामला, ओलंपिक की नियम और शर्तों से जुड़ा था. ओलंपिक में एमेच्योर (गैर-पेशेवर) खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं. जबकि यदि कोई खिलाड़ी खेलों के बदले पैसा लेता है तो वह पेशेवर माना जाएगा. पेशेवर खिलाड़ी ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले सकते हैं. थोर्पे ने दो सीजन में बेसबॉल लीग में खेलने के लिए पैसा लिया था. ऐसा करने पर वो पेशेवर खिलाड़ी हो गए और इसके चलते वो ओलंपिक में भाग लेने के योग्य ही नहीं थे. इस घटना के सामने आने के बाद उनके पदक छीन लिए गए.
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थोर्पे को उनका सम्मान वापस दिलाने के लिए करीब दो साल पहले ब्राइट पाथ स्ट्रांग समूह ने एक याचिका डाली थी, जिसमें उन्हें साल 1912 में दोनों स्पर्धाओं का विजेता घोषित करने की पैरवी की गई थी. आईओसी का कहना है कि वर्ल्ड एथलेटिक्स भी अपने रिकॉर्ड में संशोधन को तैयार हो गया है.