नई दिल्लीः भारतीय मुक्केबाज मीनाक्षी (Minakshi) ने शुक्रवार को जोर्डन के अम्मान में चल रही एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप (Asian Boxing Championships) में पदार्पण पर अपना अभियान फ्लाईवेट वर्ग (52 किग्रा) में सिल्वर मेडल जीतकर समाप्त किया. मीनाक्षी पूरी कोशिश के बावजूद गोल्ड मेडल के मुकाबले में जापान की किनोशिता रिंका से विभाजित फैसले में 1-4 से हार गयीं. दूसरी वरीय जापानी खिलाड़ी के खिलाफ मीनाक्षी की शुरूआती धीमी रही जबकि प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज ने इस भारतीय की सुस्ती का पूरा फायदा उठाया और पांच में से चार जज का फैसला अपने पक्ष में कराया.
दूसरे दौर में भी मीनाक्षी सटीक मुक्के नहीं जड़ सकीं जबकि जापानी मुक्केबाज ने सही जगह पर मुक्के जड़कर अंक बटोरे और अच्छा बचाव किया. अंतिम तीन मिनट में मीनाक्षी ने शानदार वापसी की और मुक्कों के अच्छे तालमेल से अंक जुटाये जिससे उन्हें 1-4 से हार मिली. अब टोक्यो ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडल विजेता लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा), विश्व चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडल की विजेता परवीन (63 किग्रा), अलफिया पठान (81 किग्रा से अधिक) और स्वीटी बूरा (81 किग्रा) गोल्ड मेडल के लिये रिंग में उतरेंगी.
मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) (75 किग्रा) स्वीटी बूरा (Sweety Boora) (81 किग्रा) और परवीन हुड्डा (Praveen Hooda) (63 किग्रा) और अल्फिया खान (81 किग्रा से अधिक) ने जॉर्डन के अम्मान में चल रही एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल झटके.ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता और 75 किग्रा भार वर्ग में पहली बार किसी टूर्नामेंट में भाग ले रही लवलीना ने उज्बेकिस्तान की रुजमेतोवा सोखीबा पर 5-0 से सर्वसम्मत निर्णय से जीत हासिल की.
यह जीत 25 वर्षीय लवलीना के लिए मनोबल बढ़ाने वाली रही क्योंकि टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद वह खराब फॉर्म में चल रही थी. वह विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में शुरू में ही बाहर हो गई थी. असम की यह मुक्केबाज 69 किग्रा से 75 किग्रा में खेलने लगी थी क्योंकि उनका पिछला भार वर्ग पेरिस ओलंपिक में शामिल नहीं है. लवलीना का एशियाई चैम्पियनशिप में यह तीसरा मेडल है. उन्होंने 2017 और 2021 में वेल्टरवेट वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे.
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परवीन हुड्डा (Parveen Hooda) ने जापान की किटो माई को 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता. विश्व चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडल विजेता परवीन राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले पाई थी लेकिन उन्होंने यहां चौथी वरीयता प्राप्त माई के खिलाफ दबदबा बनाए रखा और सर्वसम्मत फैसले से जीत दर्ज की.
(पीटीआई-भाषा)