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कोल्हापुर की ऐश्वर्या जाधव का विंबलडन में कमाल, 14 साल की उम्र में यह कारनामा कर दिखाया - खेल समाचार

महाराष्ट्र में कोल्हापुर की ऐश्वर्या जाधव ने विंबलडन प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया है. ऐश्वर्या 14 साल की उम्र में ही भारत का झंडा फहराने वाली पहली लड़की बन गई हैं.

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Published : Jul 14, 2022, 9:04 PM IST

कोल्हापुर: दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता इंग्लैंड की विंबलडन प्रतियोगिता है, जिसमें कोल्हापुर की केवल 14 साल की ऐश्वर्या जाधव ने इस प्रतियोगिता में भारतीय ध्वज फहराने वाली पहली लड़की बनने का गौरव हासिल किया है. हालांकि, ग्रीन्स पर खेले गए इस टूर्नामेंट में उन्हें चार मैच हारने पड़े थे, लेकिन उन्होंने अपनी अगली यात्रा एक ऐसे अनुभव के साथ शुरू की, जो उनके लिए उपयोगी साबित हुई.

बता दें, लोकराजा राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज के प्रबल प्रोत्साहन और समर्थन के कारण कोल्हापुर की खेल परंपरा विकसित हुई है. कोल्हापुर के कई एथलीटों ने कोल्हापुर का नाम देश-विदेश में मशहूर किया है. इन खिलाड़ियों के नाम के साथ एक और नया चमकता सितारा जुड़ गया है, यानि लॉन टेनिस खिलाड़ी ऐश्वर्या जाधव. इस बीच वह गुरुवार को कोल्हापुर लौट आई हैं. इसके बाद उन्होंने यहां अपने अनुभव साझा किए.

यह भी पढ़ें: Video: फिनलैंड में 3 मेडल जीतने वाली 94 साल की दादी का जबरदस्त डांस

ऐश्वर्या का जन्म 4 अक्टूबर 2008 को एक ग्रामीण इलाके में पन्हाला तालुक के यवलुज में रहने वाले एक किसान परिवार में हुआ था. ऐश्वर्या जाधव ने राज्य और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को जीतकर बहुत कम समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छलांग लगाई है. अपने माता-पिता के प्रोत्साहन के कारण उन्होंने सीनियर केजी में लॉन टेनिस खेलना शुरू किया. जाधव परिवार ने अपने बच्चों की शिक्षा और ऐश्वर्या के टेनिस में करियर बनाने के लिए यवलुज गांव छोड़कर शहर में रहने का फैसला किया. जाधव परिवार फिलहाल सर्किट हाउस इलाके में किराए के मकान में रह रहा है. ऐश्वर्या के पिता दयानंद जाधव एक किसान हैं और उनकी मां अंजलि जाधव गृहिणी हैं.

यह भी पढ़ें: बेंगलुरु में फाइट के बाद किक बॉक्सर की मौत, पिता ने लगाए गंभीर आरोप

अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट खेलने में अनुभवी...

लॉन टेनिस की बहुत शौकीन ऐश्वर्या बचपन से ही इस खेल का अभ्यास करती थीं. उन्होंने कई मैच खेला, जिससे ऐश्वर्या को इंग्लैंड में हुए विंबलडन टूर्नामेंट के अंडर-14 वर्ग में खेलने का मौका मिला. उन्होंने वहां एशियाई टीम का प्रतिनिधित्व किया. इतना ही नहीं, वह कम उम्र में इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली एकमात्र भारतीय एथलीट बन गई हैं. ऐश्वर्या को विंबलडन में टूर्नामेंट में 5 मैच खेलने का मौका मिला. इनमें से एक मैच में एक चाल चली थी. बाकी 4 मैचों में ऐश्वर्या ने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दी है. हालांकि, उन्हें पेशेवर और अनुभवी खिलाड़ियों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि, उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट खेलने का अनुभव मिला, जो भविष्य में उनकी अच्छी सेवा करेगा.

कोल्हापुर: दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता इंग्लैंड की विंबलडन प्रतियोगिता है, जिसमें कोल्हापुर की केवल 14 साल की ऐश्वर्या जाधव ने इस प्रतियोगिता में भारतीय ध्वज फहराने वाली पहली लड़की बनने का गौरव हासिल किया है. हालांकि, ग्रीन्स पर खेले गए इस टूर्नामेंट में उन्हें चार मैच हारने पड़े थे, लेकिन उन्होंने अपनी अगली यात्रा एक ऐसे अनुभव के साथ शुरू की, जो उनके लिए उपयोगी साबित हुई.

बता दें, लोकराजा राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज के प्रबल प्रोत्साहन और समर्थन के कारण कोल्हापुर की खेल परंपरा विकसित हुई है. कोल्हापुर के कई एथलीटों ने कोल्हापुर का नाम देश-विदेश में मशहूर किया है. इन खिलाड़ियों के नाम के साथ एक और नया चमकता सितारा जुड़ गया है, यानि लॉन टेनिस खिलाड़ी ऐश्वर्या जाधव. इस बीच वह गुरुवार को कोल्हापुर लौट आई हैं. इसके बाद उन्होंने यहां अपने अनुभव साझा किए.

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ऐश्वर्या का जन्म 4 अक्टूबर 2008 को एक ग्रामीण इलाके में पन्हाला तालुक के यवलुज में रहने वाले एक किसान परिवार में हुआ था. ऐश्वर्या जाधव ने राज्य और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को जीतकर बहुत कम समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छलांग लगाई है. अपने माता-पिता के प्रोत्साहन के कारण उन्होंने सीनियर केजी में लॉन टेनिस खेलना शुरू किया. जाधव परिवार ने अपने बच्चों की शिक्षा और ऐश्वर्या के टेनिस में करियर बनाने के लिए यवलुज गांव छोड़कर शहर में रहने का फैसला किया. जाधव परिवार फिलहाल सर्किट हाउस इलाके में किराए के मकान में रह रहा है. ऐश्वर्या के पिता दयानंद जाधव एक किसान हैं और उनकी मां अंजलि जाधव गृहिणी हैं.

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अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट खेलने में अनुभवी...

लॉन टेनिस की बहुत शौकीन ऐश्वर्या बचपन से ही इस खेल का अभ्यास करती थीं. उन्होंने कई मैच खेला, जिससे ऐश्वर्या को इंग्लैंड में हुए विंबलडन टूर्नामेंट के अंडर-14 वर्ग में खेलने का मौका मिला. उन्होंने वहां एशियाई टीम का प्रतिनिधित्व किया. इतना ही नहीं, वह कम उम्र में इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली एकमात्र भारतीय एथलीट बन गई हैं. ऐश्वर्या को विंबलडन में टूर्नामेंट में 5 मैच खेलने का मौका मिला. इनमें से एक मैच में एक चाल चली थी. बाकी 4 मैचों में ऐश्वर्या ने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दी है. हालांकि, उन्हें पेशेवर और अनुभवी खिलाड़ियों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि, उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट खेलने का अनुभव मिला, जो भविष्य में उनकी अच्छी सेवा करेगा.

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