सेंचुरियन: 2018 के बाद से भारत के तेज गेंदबाजी लाइनअप में काफी सुधार आया है. टेस्ट क्रिकेट में जसप्रीत बुमराह का उभरना और मोहम्मद शमी के साथ नई गेंद से जबरदस्त गेंदबाजी करना भारत के लिए विदेशी धरती पर अच्छा प्रदर्शन करने का आधार रहा है.
जब बुमराह ने पहली पारी में ज्यादा गेंदबाजी नहीं की, तो शमी ने 5/44 के साथ दक्षिण अफ्रीका को 197 रनों पर आउट कर दिया. दूसरी पारी में खासकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सुपरस्पोर्ट पार्क में भारत की पहली टेस्ट जीत दर्ज करने के लिए बुमराह और शमी ने महत्वपूर्ण सफलताएं लेने के साथ बेहतरीन गेंदबाजी की.
इस तरह के तेज गेंदबाजों को लेकर केएल राहुल ने भी कहा कि भारतीय टीम भाग्यशाली है कि उन्हें प्रशिक्षण सत्र में अपनी बल्लेबाजी टीम के साथियों को ऐसे गेंदबाजों का सामना करने को मिला.
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राहुल ने कहा, "यह बहुत अच्छी बात है. लेकिन उनके खिलाफ नेट्स में खेलना बहुत मुश्किल है, क्योंकि मेरे और कुछ अन्य बल्लेबाजों के लिए यह आसान नहीं होता. वहां भी ये बेहतर गेंदबाजी करते हैं."
उन्होंने आगे कहा, "वे बहुत प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी हैं और हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारी गेंदबाजी लाइनअप में ऐसी गुणवत्ता है. दो से तीन खिलाड़ी और हैं जो बाहर बैठे हैं. उन्होंने भी खुद को शानदार तेज गेंदबाज के रूप में साबित किया है जैसे ईशांत शर्मा और उमेश यादव."
बुमराह टेस्ट क्रिकेट में एक असाधारण गेंदबाज रहे हैं. चौथे दिन उन्होंने दो ऐसी सफलताएं लीं, जिसने क्रिकेट की दुनिया को चौंका कर रख दिया, जिसमें रस्सी वैन डेर डूसन और केशव महाराज को बोल्ड करना था.
उन्होंने कहा, "मैं जसप्रीत बुमराह के क्रिकेट खेलने तक मैदान में रहना पसंद करूंगा. वहीं, शमी ने भी वास्तव में बेहतर गेंदबाजी की है. इनके साथ सिराज ने भी कमाल करके दिखाया है."