कराची: इंग्लिश काउंटी टीम ससेक्स के लिए हाल में भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के साथ क्रिकेट खेलने वाले पाकिस्तान के विकेटकीपर-बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान का यह मानना है कि दोनों देशों के क्रिकेटर नियमित रूप से एक-दूसरे के खिलाफ खेलना चाहते हैं. रिजवान और पुजारा ने इस दौरान कुछ उपयोगी साझेदारी निभाई और एक साथ बल्लेबाजी करने का लुत्फ उठाया.
रिजवान ने लाहौर में संवाददाताओं से कहा, हर कोई पाकिस्तान और भारत को द्विपक्षीय सीरीज या अन्य मैचों में खेलते देखना चाहता है. लेकिन राष्ट्रीय स्तरीय मामला खिलाड़ियों के हाथ में नहीं है. रिजवान ने कहा कि उन्होंने पुजारा के साथ भारतीय खिलाड़ियों की पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट खेलने की धारणा के बारे में चर्चा की थी.
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उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दोनों टीमों के खिलाड़ी एक-दूसरे के खिलाफ नियमित रूप से खेलना चाहते हैं, लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते. पाकिस्तान के उपकप्तान ने कहा कि वह पुजारा के पेशेवर रवैये और मैचों की तैयारियों से प्रभावित हैं और उनसे काफी कुछ सीखा है.
उन्होंने कहा, आप ऐसे अनुभवी खिलाड़ियों के साथ रहने से सीखते हैं और मैंने मुख्य रूप से बल्लेबाजी के समय ध्यान केंद्रित करने के तरीके को पुजारा से सीखा है. भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2007 में पिछली बार टेस्ट सीरीज का आयोजन हुआ था. जबकि सीमित ओवरों की द्विपक्षीय सीरीज 2012 में खेली गई थी.
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बताते चलें, PCB प्रमुख बनने पर रमीज राजा ने तो यहां तक कहा था कि वह BCCI प्रमुख सौरव गांगुली से बात करेंगे. भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट जरूर खेलना चाहिए. साथ ही कहा कि पाकिस्तान का क्रिकेट भारत के दम पर चलता है. अगर वह चाहे तो पाकिस्तान क्रिकेट बर्बाद हो जाएगा. हालांकि, जब उनके साथ ही उनके खिलाफ खड़े हुए तो तत्काल अपने ही विवाद से पल्ला झाड़ लिया. रमीज राजा को पता था कि गांगुली मौजूदा हालात में द्विपक्षीय सीरीज के लिए कभी सहमत नहीं होंगे. वह तो साल 2019 वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के पक्ष में नहीं थे.
क्या है रिजवान के बयान का चेतेश्वर पुजारा कनेक्शन
दरअसल, रिजवान यह बात बखूबी जानते हैं कि उनके इस बयान का क्या मतलब है और 'पाकिस्तान से खेलने की चाह रखने वाले भारतीय क्रिकेटर' कहने से किस खिलाड़ी की ओर इशारा होगा. यह सबको पता है कि इस बयान के बाद सिर्फ और सिर्फ पुजारा पर उंगली उठेगी. इन दोनों ने एक साथ काउंटी टीम ससेक्स के लिए डेब्यू किया था. उनकी तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं.
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पुजारा भी जानते हैं कि पाकिस्तान से द्विपक्षीय क्रिकेट खेलने की चाहत जताने भर से वह भारतीय फैंस के लिए विलेन बन जाएंगे. नवजोत सिंह सिद्धू, युवराज सिंह और हरभजन सिंह इसके उदाहरण हैं. भज्जी और युवी ने शाहिद आफरीदी फाउंडेशन का सपोर्ट किया था और इसके बाद उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी. बाद में आफरीदी ने असली रंग दिखाते हिए कश्मीर के मुद्दे पर जमकर गलतबयानी की, जिसके जवाब में उनकी दोस्ती से भज्जी और युवी ने तौबा कर ली.
जब तक अपनी नापाक हरकत से पाक बाज नहीं आता...
इस पूरे मामले में भारतीय क्रिकेट फैंस और सरकार अपने पुराने स्टैंड पर कायम हैं. जब तक पाकिस्तान अपने नापाक इरादों को नहीं त्याग देता, तब तक किसी तरह का खेल संभव नहीं है. आए दिन सीमा पर सीजफायर के उल्लंघन की खबर आती रहती हैं. वह कश्मीर पर जहर उगलने से बाज नहीं आता. कश्मीरी पंडितों की हत्याओं से पूरा देश गुस्से में है. ऐसे में रिजवान का भारतीय क्रिकेटरों की पाकिस्तान से क्रिकेट की चाह वाला बयान पाकिस्तानी प्रोपगेंडा ही नजर आता है. यह भी हो सकता है कि आगे इस कड़ी में दूसरे खिलाड़ी भी आ जाएं.