मुंबई: अपने 15 साल के अस्तित्व में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने कई युवा खिलाड़ियों को नई पहचान दी है. कोलकाता नाइट राइडर्स के रिंकू सिंह 23 गेंदों में नाबाद 42 रनों की पारी खेलकर केकेआर को सात विकेट से जीत दिलाने में मदद करने के लिए इस सूची में नए खिलाड़ी हैं. रिंकू ने नीतीश राणा (48) के साथ चौथे विकेट की साझेदारी के लिए 66 रन जुटाए, क्योंकि कोलकाता नाइट राइडर्स ने 19.1 ओवर में 158/3 पर पहुंचकर राजस्थान रॉयल्स द्वारा दिए गए लक्ष्य 152/5 को हासिल किया.
23 गेंदों में नाबाद 42 रन और दो कैच लेने के लिए, रिंकू को आईपीएल में उनका पहला पुरस्कार 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के 24 वर्षीय खिलाड़ी के लिए एक शानदार यात्रा रही. उत्तर प्रदेश के लिए खेलते हुए घरेलू स्तर पर वर्षों की मेहनत के बाद अपनी योग्यता दिखाने के लिए आईपीएल में पांच सालों का इंतजार करना पड़ा. कोलकाता नाइट राइडर्स के मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम ने सोमवार को अलीगढ़ शहर के इस खिलाड़ी का जिक्र किया. अलीगढ़ शहर क्रिकेटरों से ज्यादा अपने तालों के लिए जाना जाता है. एक आईपीएल खिलाड़ी बनने और अपना पहला 'प्लेयर ऑफ द मैच' पुरस्कार जीतने के लिए उन्हें सबने सराहा है.
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मैकुलम ने कहा, वह टीम में एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, साथ ही अद्भुत इंसान हैं और टीम में जीतने की संस्कृति रिंकू ने निर्धारित की है. कुछ खिलाड़ी अपने हिसाब से चीजों को बेहतर कर अच्छे बनते हैं और रिंकू उनमें से एक है. वास्तव में, रिंकू की एक उल्लेखनीय कहानी है, जिसमें कठिनाइयों, अस्वीकृति, निराशा और दिल टूटने और अंतत: सफलता की छुपी कई बातें हैं. बीच में, उनकी कहानी में चोट की आशंका और साल 2019 में बीसीसीआई द्वारा अबू धाबी में एक टी-20 टूर्नामेंट में खेलने के लिए तीन महीने का निलंबन भी शामिल है. रिंकू ने उन तमाम झटकों से निकलते हुए घरेलू स्तर पर उत्तर प्रदेश के लिए ढेर सारे रन बनाए और धीरे-धीरे सफलता हासिल की.
आईपीएल 2022 में रिंकू ने अब तक गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35, दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 23 और राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ नाबाद 42 का स्कोर बनाया है. तीन अच्छी पारियों के साथ, रिंकू ने कम से कम अगले कुछ मैचों के लिए केकेआर प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह पक्की कर ली है और अगर वह चमकना जारी रखते हैं, तो वह अन्य फ्रेंचाइजी का ध्यान भी आकर्षित करेंगे.
12 अक्टूबर 1997 को अलीगढ़ में जन्मे रिंकू को किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) ने 2017 में चुना था, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला. उन्हें साल 2018 की नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स ने 80 लाख रुपए में चुना था. वह साल 2021 तक केकेआर के साथ रहे, जब वे घुटने की चोट के कारण आईपीएल से बाहर हो गए थे और बाद में उनकी जगह गुरकीरत सिंह मान ने ले ली थी.
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लेकिन उनकी शानदार कार्य नैतिकता, दोस्ताना स्वभाव और किसी भी तरह से टीम में योगदान करने की इच्छा ने उन्हें फ्रेंचाइजी के लिए प्रेरित किया और केकेआर ने उन्हें इस साल फरवरी में आईपीएल 2022 के लिए फिर से खरीदा और इस सीजन में उन्हें खेलने का मौका मिला. क्योंकि केकेआर सही संयोजन की तलाश में टीम में लगातार बदलाव करता रहा.
एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले रिंकू उनके पिता गैस सिलेंडर देने वाली एक घरेलू गैस एजेंसी के लिए काम करते हैं, उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए आयु-वर्ग क्रिकेट खेला है. अपने पिता को पांच लाख रुपए का कर्ज चुकाने में मदद करने के लिए काम भी किए. रिंकू के लिए यह इतना कठिन दौर था कि एक समय में उन्होंने क्रिकेट छोड़ने और घरेलू नौकर के रूप में काम करने के बारे में सोचा. उन्होंने अंतत: अपने क्रिकेट के साथ बने रहने का फैसला किया, जिसके बाद उन्होंने यूपी रणजी ट्रॉफी टीम में जगह बनाई, उच्च मैच शुल्क अब उन्हें अपने परिवार की बेहतर देखभाल करने में मदद कर रहा है.
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के लिए उन्हें बड़ी सफलता मिली, उन्होंने साल 2018/19 सीजन में 10 मैचों में 953 रन बनाए. अब तक उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 46 पारियों में 2307 रन बनाए हैं, जिसमें पांच शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं. 41 लिस्ट ए मैचों में रिंकू ने 1,414 रन (एक शतक और 12 अर्धशतक) बनाए हैं और टी-20 क्रिकेट में उन्होंने 64 मैचों में 138.5 के स्ट्राइक रेट और 24.56 के औसत से 1,081 रन बनाए हैं. हालांकि रिंकू ने आखिरकार वो सफलता हासिल की कि वह अब लोगों द्वारा पहचाने जा रहे हैं, वह वास्तव में एक छोटे शहर का लड़का है, जो अपने गृहनगर का नाम आईपीएल के माध्यम से रोशन कर रहा है.
रिंकू और राणा की साझेदारी से कोलकाता ने राजस्थान पर जीत हासिल की
क्रिकेट में कहावत है कि साझेदारियां मैच जीताती हैं. यही बात कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए सच साबित हुई, क्योंकि उनकी टीम के लिए दो अच्छी साझेदारियों ने आईपीएल 2022 के 47वें मैच में सोमवार को वानखेड़े स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स को सात विकेट से हराने में मदद की, जिसे मुकाबले का टर्निग पॉइंट कहा जा सकता है. इस प्रकार कोलकाता नाइट राइडर्स के गेंदबाजों विशेष रूप से सुनील नरेन, उमेश यादव और अनुकुल रॉय ने किफायती गेंदबाजी की, जिससे राजस्थान रॉयल्स के 15-20 रन कम बने.
दिल्ली कैपिटल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच मैच के बाद लगातार दूसरे दिन इस्तेमाल की जा रही पिच पर राजस्थान को पहले बल्लेबाजी करने के लिए कहा गया, पिच धीमी थी और बल्लेबाजी थोड़ी मुश्किल थी. ऐसी पिच पर राजस्थान रॉयल्स ने जोस बटलर और संजू सैमसन के बीच दूसरे विकेट के लिए सबसे ज्यादा 48 रन की साझेदारी हुई. राजस्थान 10 ओवरों के बाद 62/2 था और कप्तान संजू सैमसन अच्छे टच में दिख रहे थे, क्योंकि एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को देने के लिए रियान पराग और शिमरोन हेटमायर का आना बाकी था.
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हालांकि, ऐसा नहीं हुआ, कप्तान सैमसन ने एक छोर पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी जारी रखी. वहीं, दूसरे छोर पर रॉयल्स ने करुण नायर (13) और रियान पराग (19) को सस्ते में खो दिया. सैमसन भी तेजी से रन नहीं जोड़ सके, भले ही वह 54 रन बनाकर राजस्थान के लिए सर्वोच्च स्कोरर थे. कोलकाता नाइट राइडर्स की गेंदबाजी ने भी राजस्थान के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं. सुनील नरेन ने आठवें ओवर में केवल सात रन दिए, अनुकुल रॉय ने 10वें ओवर में चार रन, सुनील नरेन ने 12वें और 18वें ओवर में क्रमश: चार और तीन रन दिए और बीच में उमेश यादव ने 15वें ओवर में 5 रन दिए जिससे राजस्थान रॉयल्स ने 20 ओवर में 152/5 रन ही बना सकी.
ऐसे छोटे लक्ष्यों का पीछा करना काफी मुश्किल है और राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाजों ने भी शानदार गेंदबाजी कर मैच में पकड़ बनाई, लेकिन केकेआर के कप्तान श्रेयस अय्यर (34) और नीतीश राणा (37 गेंदों में नाबाद 48) ने तीसरे विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी की और फिर राणा ने रिंकू सिंह (नाबाद 42) के साथ नाबाद 66 रनों की साझेदारी की, जिसने अंत में केकेआर को जीत नसीब हुई.