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Exclusive: सौरव गांगुली फिर कैब अध्यक्ष बनने को तैयार - कैब

ऐसा लगता है कि काम के मामले में गांगुली में वही भूख और जुनून है जो 2006 में था. वह क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के लिए फिर से मैदान में हैं और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. ईटीवी भारत के कोलकाता ब्यूरो चीफ संजीब गुहा की रिपोर्ट.

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Sourav Ganguly
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Published : Oct 17, 2022, 2:48 PM IST

कोलकाता: साल 2006 था, और मैदान जोहान्सबर्ग था, विरोधी टीम दक्षिण अफ्रीका थी. कुछ छह महीने से लगातार टीम से बाहर चल रहे कोलकाता के राजकुमार सौरव गांगुली ने उस मैच में शानदार वापसी की और पहले टेस्ट मैच के पहली पारी में नाबाद 51 रन बनाए.

ठीक उसी तरह इस साल यानी 2022 में गांगुली को एक और झटका लगा, जब एक और कार्यकाल के लिए अध्यक्ष के रूप में बने रहने की इच्छा के बावजूद उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा बिना किसी औपचारिक रूप से हटा दिया गया.

ऐसा लग रहा है कि काम के मामले में गांगुली में वही भूख और जुनून है जो 2006 में था. अब खबर है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के निवर्तमान प्रमुख सौरव गांगुली फिर से अपनी राज्य इकाई बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) के अध्यक्ष पद पर वापसी करेंगे. और वह कैब चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.

सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया, 22 अक्टूबर को नामांकन भरने की योजना है. कैब के एक सूत्र ने कहा कि गांगुली अध्यक्ष पद के लिए तभी चुनाव लड़ेंगे अगर चुनाव होगा. यदि अध्यक्ष पद के लिए दो नामांकन दाखिल किए जाते हैं तो वह कोई मौका नहीं लेना चाहते हैं. यदि कोई चुनाव नहीं हुआ, तो वह वापस बैठ सकते हैं और अपने बड़े भाई स्नेहाशीश को अध्यक्ष बना सकते हैं.

यह भी पढ़ें: T20 World Cup: UAE के खिलाड़ी ने रचा इतिहास, 16 साल की उम्र में किया ऐसा कारनामा जो पहले कोई नहीं कर सका

CAB के नए पैनल का चयन 20 अक्टूबर को होगा. चुनाव के मामले में सौरव गांगुली (अध्यक्ष), प्रबीर चक्रवर्ती (सचिव), देवव्रत दास (संयुक्त सचिव), स्नेहाशीष गांगुली (उपाध्यक्ष) और नरेश ओझा (कोषाध्यक्ष) गांगुली के पैनल में शामिल हो सकते हैं. अगर सौरव गांगुली अध्यक्ष बनते हैं, तो एक और विकल्प है कि स्नेहाशीष को सचिव का पद मिल सकता है. हालांकि, स्नेहाशीष के अध्यक्ष पद की संभावना के लिए पूरी तरह से इंकार नहीं किया गया है. यदि कोई चुनाव नहीं होता है और सभी एकमत होते हैं, तो स्नेहाशीष अध्यक्ष बन सकते हैं.

ऐसा माना जा रहा है कि बिस्वा मजूमदार भी विपक्ष से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं, बशर्ते उन्हें तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मंजूरी मिल जाए. हालांकि, यह संभावना नहीं है कि मुख्यमंत्री इस चुनाव में ऐसा करेंगी क्योंकि उनकी पार्टी ने पहले ही गांगुली को अध्यक्ष पद पर बने रहने की अनुमति नहीं देने के बीसीसीआई के कदम की आलोचना की है.

कोलकाता: साल 2006 था, और मैदान जोहान्सबर्ग था, विरोधी टीम दक्षिण अफ्रीका थी. कुछ छह महीने से लगातार टीम से बाहर चल रहे कोलकाता के राजकुमार सौरव गांगुली ने उस मैच में शानदार वापसी की और पहले टेस्ट मैच के पहली पारी में नाबाद 51 रन बनाए.

ठीक उसी तरह इस साल यानी 2022 में गांगुली को एक और झटका लगा, जब एक और कार्यकाल के लिए अध्यक्ष के रूप में बने रहने की इच्छा के बावजूद उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा बिना किसी औपचारिक रूप से हटा दिया गया.

ऐसा लग रहा है कि काम के मामले में गांगुली में वही भूख और जुनून है जो 2006 में था. अब खबर है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के निवर्तमान प्रमुख सौरव गांगुली फिर से अपनी राज्य इकाई बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) के अध्यक्ष पद पर वापसी करेंगे. और वह कैब चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.

सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया, 22 अक्टूबर को नामांकन भरने की योजना है. कैब के एक सूत्र ने कहा कि गांगुली अध्यक्ष पद के लिए तभी चुनाव लड़ेंगे अगर चुनाव होगा. यदि अध्यक्ष पद के लिए दो नामांकन दाखिल किए जाते हैं तो वह कोई मौका नहीं लेना चाहते हैं. यदि कोई चुनाव नहीं हुआ, तो वह वापस बैठ सकते हैं और अपने बड़े भाई स्नेहाशीश को अध्यक्ष बना सकते हैं.

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CAB के नए पैनल का चयन 20 अक्टूबर को होगा. चुनाव के मामले में सौरव गांगुली (अध्यक्ष), प्रबीर चक्रवर्ती (सचिव), देवव्रत दास (संयुक्त सचिव), स्नेहाशीष गांगुली (उपाध्यक्ष) और नरेश ओझा (कोषाध्यक्ष) गांगुली के पैनल में शामिल हो सकते हैं. अगर सौरव गांगुली अध्यक्ष बनते हैं, तो एक और विकल्प है कि स्नेहाशीष को सचिव का पद मिल सकता है. हालांकि, स्नेहाशीष के अध्यक्ष पद की संभावना के लिए पूरी तरह से इंकार नहीं किया गया है. यदि कोई चुनाव नहीं होता है और सभी एकमत होते हैं, तो स्नेहाशीष अध्यक्ष बन सकते हैं.

ऐसा माना जा रहा है कि बिस्वा मजूमदार भी विपक्ष से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं, बशर्ते उन्हें तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मंजूरी मिल जाए. हालांकि, यह संभावना नहीं है कि मुख्यमंत्री इस चुनाव में ऐसा करेंगी क्योंकि उनकी पार्टी ने पहले ही गांगुली को अध्यक्ष पद पर बने रहने की अनुमति नहीं देने के बीसीसीआई के कदम की आलोचना की है.

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