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डेढ़ साल में सीनियर भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने का लक्ष्य रखा है: यश ढुल

विश्व चैम्पियन बनने के बाद पिछले दो दिनों में ढुल ने वेस्टइंडीज से भारत पहुंचने और फिर सम्मान समारोह के लिए अहमदाबाद जाने के बाद राज्य की टीम से जुड़ने के क्रम में कितने विमान बदले, उन्हें यह भी याद नही.

Aim to play for senior Indian cricket team in one and a half years: yash Dhull
Aim to play for senior Indian cricket team in one and a half years: yash Dhull
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Published : Feb 11, 2022, 12:55 PM IST

नई दिल्ली: अंडर-19 विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान यश ढुल का सपना अगले 18 महीने में सीनियर टीम में जगह बनाना है और 19 साल के इस क्रिकेटर ने दिल्ली की रणजी टीम में जगह बनाकर इस ओर कदम भी बढ़ा दिये है.

विश्व चैम्पियन बनने के बाद पिछले दो दिनों में ढुल ने वेस्टइंडीज से भारत पहुंचने और फिर सम्मान समारोह के लिए अहमदाबाद जाने के बाद राज्य की टीम से जुड़ने के क्रम में कितने विमान बदले, उन्हें यह भी याद नही.

विश्व चैम्पियन बनने के सपने को पूरा करने के दौरान दो महीने तक परिवार से दूर रहे ढुल को अपने माता-पिता से मुलाकात करने का सिर्फ आधे घंटे का समय मिला. ढुल गुरुवार को तड़के दिल्ली पहुंचने के बाद अपने स्कूल बाल भवन पहुंचे जहां उन्होंने उन लोगों से मुलाकात की जिन्होंने सफल क्रिकेटर बनने में उनकी मदद की थी.

इसके दो घंटे के बाद उन्हें रणजी टीम के साथ गुवाहाटी रवाना होना था. स्कूल और एयरपोर्ट के बीच ढुल को अपने घर में सिर्फ नहाने और तैयार होने का समय मिला. विश्व कप जीतने के बाद ढुल को ठीक से सोने का भी समय नहीं मिला है. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, "मैं पिछले कुछ दिनों से मुश्किल से अपनी नींद पूरी कर पाया हूं. इसमें हालांकि ऐसा कुछ नहीं है जिसके बारे में मैं शिकायत कर सकता हूं. मैंने अब तक जो किया है वो बीत गया. अब मुझे इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि निकट भविष्य में क्या है."

अंडर-19 विश्व कप के ज्यादातर क्रिकेटरों को राष्ट्रीय टीम में प्रतिनिधित्व नहीं मिल पता है लेकिन ढुल ने अपना लक्ष्य तैयार कर रखा है. वो अगले 18 महीने में राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना चाहते है.

ये भी पढ़ें- ATP Cup: इस्नर ने एंडरसन को हराकर 89 अंक हासिल किए

उन्होंने कहा, "ये मेरा लक्ष्य है, अगर मैं 18 महीने की समय सीमा में ऐसा करने में सक्षम नहीं हूं तो भी मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने तक कड़ी मेहनत करता रहूंगा."

ढुल विराट कोहली और उन्मुक्त चंद के बाद इस खिताब को जीतने वाले दिल्ली के तीसरे कप्तान हैं. कोहली ने इस कारनामे के बाद सफलता के शिखर को छुआ तो वहीं चंद का करियर ग्राफ ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका. ढुल से जब पूछा गया कि विश्व कप सफलता के बाद शीर्ष स्तर पर असफलता का डर है तो उन्होंने कहा, "आपने जो नाम (कोहली और चंद) लिए हैं, मैं उस तरह से कुछ नहीं सोच रहा हूं. मैं विनम्र रहना चाहता हूं और भविष्य के बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहता हूं."

उन्होंने कहा, "विराट भाई ने मेरे साथ अपना अनुभव साझा किया कि अंडर-19 विश्व कप (2008) के बाद उनके साथ क्या हुआ था."

कोहली ने हालांकि अंडर-19 टीम के साथ विश्व कप जीतने से पहले रणजी ट्रॉफी खेल लिया था. लेकिन ढुल ने अंडर-19 स्तर पर भी अभी तक लाल गेंद से क्रिकेट नहीं खेला है. ढुल का मानना है कि वो इस बदलाव के लिए तैयार हैं.

उन्होंने कहा, "मुझे लाल गेंद के खेल के लिए अपनी मानसिकता बदलनी होगी, तैयारी थोड़ी अलग होगी. मुझे नहीं लगता कि ये सफेद गेंद से बहुत अलग और कठिन होगी. लाल गेंद थोड़ी शुरू में थोड़ी ज्यादा हरकत करती है लेकिन कुछ समय बिताने के बाद बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है. यह मानसिकता और शारीरिक फिटनेस के बाद में है. भारतीय टीम के अभियान के दौरान धुल कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद सात दिनों तक पृथकवास पर थे. उनके लिए यह निराशाजनक लेकिन राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण के शब्दों ने उनकी हौसला अफजाई की.

क्वार्टर फाइनल से पहले एक दिन का नेट सत्र उनकी वापसी के लिए काफी था. उन्होंने कहा, "पृथकवास के पहले दो दिन काफी मुश्किल थे. उसके बाद मैंने कमरे में ही अभ्यास करना शुरू किया. मानसिक रूप से मैं तैयार था. मैंने पिछले कुछ वर्षों से इस प्रतियोगिता के लिए अपनी तैयारी की थी."

नई दिल्ली: अंडर-19 विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान यश ढुल का सपना अगले 18 महीने में सीनियर टीम में जगह बनाना है और 19 साल के इस क्रिकेटर ने दिल्ली की रणजी टीम में जगह बनाकर इस ओर कदम भी बढ़ा दिये है.

विश्व चैम्पियन बनने के बाद पिछले दो दिनों में ढुल ने वेस्टइंडीज से भारत पहुंचने और फिर सम्मान समारोह के लिए अहमदाबाद जाने के बाद राज्य की टीम से जुड़ने के क्रम में कितने विमान बदले, उन्हें यह भी याद नही.

विश्व चैम्पियन बनने के सपने को पूरा करने के दौरान दो महीने तक परिवार से दूर रहे ढुल को अपने माता-पिता से मुलाकात करने का सिर्फ आधे घंटे का समय मिला. ढुल गुरुवार को तड़के दिल्ली पहुंचने के बाद अपने स्कूल बाल भवन पहुंचे जहां उन्होंने उन लोगों से मुलाकात की जिन्होंने सफल क्रिकेटर बनने में उनकी मदद की थी.

इसके दो घंटे के बाद उन्हें रणजी टीम के साथ गुवाहाटी रवाना होना था. स्कूल और एयरपोर्ट के बीच ढुल को अपने घर में सिर्फ नहाने और तैयार होने का समय मिला. विश्व कप जीतने के बाद ढुल को ठीक से सोने का भी समय नहीं मिला है. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, "मैं पिछले कुछ दिनों से मुश्किल से अपनी नींद पूरी कर पाया हूं. इसमें हालांकि ऐसा कुछ नहीं है जिसके बारे में मैं शिकायत कर सकता हूं. मैंने अब तक जो किया है वो बीत गया. अब मुझे इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि निकट भविष्य में क्या है."

अंडर-19 विश्व कप के ज्यादातर क्रिकेटरों को राष्ट्रीय टीम में प्रतिनिधित्व नहीं मिल पता है लेकिन ढुल ने अपना लक्ष्य तैयार कर रखा है. वो अगले 18 महीने में राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना चाहते है.

ये भी पढ़ें- ATP Cup: इस्नर ने एंडरसन को हराकर 89 अंक हासिल किए

उन्होंने कहा, "ये मेरा लक्ष्य है, अगर मैं 18 महीने की समय सीमा में ऐसा करने में सक्षम नहीं हूं तो भी मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने तक कड़ी मेहनत करता रहूंगा."

ढुल विराट कोहली और उन्मुक्त चंद के बाद इस खिताब को जीतने वाले दिल्ली के तीसरे कप्तान हैं. कोहली ने इस कारनामे के बाद सफलता के शिखर को छुआ तो वहीं चंद का करियर ग्राफ ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका. ढुल से जब पूछा गया कि विश्व कप सफलता के बाद शीर्ष स्तर पर असफलता का डर है तो उन्होंने कहा, "आपने जो नाम (कोहली और चंद) लिए हैं, मैं उस तरह से कुछ नहीं सोच रहा हूं. मैं विनम्र रहना चाहता हूं और भविष्य के बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहता हूं."

उन्होंने कहा, "विराट भाई ने मेरे साथ अपना अनुभव साझा किया कि अंडर-19 विश्व कप (2008) के बाद उनके साथ क्या हुआ था."

कोहली ने हालांकि अंडर-19 टीम के साथ विश्व कप जीतने से पहले रणजी ट्रॉफी खेल लिया था. लेकिन ढुल ने अंडर-19 स्तर पर भी अभी तक लाल गेंद से क्रिकेट नहीं खेला है. ढुल का मानना है कि वो इस बदलाव के लिए तैयार हैं.

उन्होंने कहा, "मुझे लाल गेंद के खेल के लिए अपनी मानसिकता बदलनी होगी, तैयारी थोड़ी अलग होगी. मुझे नहीं लगता कि ये सफेद गेंद से बहुत अलग और कठिन होगी. लाल गेंद थोड़ी शुरू में थोड़ी ज्यादा हरकत करती है लेकिन कुछ समय बिताने के बाद बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है. यह मानसिकता और शारीरिक फिटनेस के बाद में है. भारतीय टीम के अभियान के दौरान धुल कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद सात दिनों तक पृथकवास पर थे. उनके लिए यह निराशाजनक लेकिन राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण के शब्दों ने उनकी हौसला अफजाई की.

क्वार्टर फाइनल से पहले एक दिन का नेट सत्र उनकी वापसी के लिए काफी था. उन्होंने कहा, "पृथकवास के पहले दो दिन काफी मुश्किल थे. उसके बाद मैंने कमरे में ही अभ्यास करना शुरू किया. मानसिक रूप से मैं तैयार था. मैंने पिछले कुछ वर्षों से इस प्रतियोगिता के लिए अपनी तैयारी की थी."

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