नैनीताल: सरोवर नगरी नैनीताल से महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की पुरानी यादें जुड़ी हैं. अमिताभ बच्चन अक्सर नैनीताल को याद किया करते हैं और बीते दिनों अमिताभ के द्वारा कौन बनेगा करोड़पति के एपिसोड में नैनीताल के अपने स्कूल की यादों को दर्शकों के साथ साझा किया गया. बता दें कि, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन 1956 में नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में पढ़ते थे. यहीं पर अमिताभ ने पहली बार अभिनय भी किया था. शेरवुड की पहचान देश के एलीट कॉलेजों में है. बड़े उद्योगपतियों, राजनेताओं और अफसरों के बच्चे यहां पढ़ते हैं. ये एक बोर्डिंग स्कूल है.
सोनी टीवी पर प्रसारित हुए कौन बनेगा करोड़पति (Kaun Banega Crorepati) शो में होस्ट और अमिताभ बच्चन ने दर्शकों के सामने अपने स्कूल के दिनों का राज खोला. उन्होंने बताया कि उनको बचपन से ही उन्हें फिल्में देखने का शौक था. वो अपने दोस्तों के साथ स्कूल समय के बाद रात में कॉलेज से कंबल ओढ़कर फिल्म देखने जाते थे.
शेरवुड कॉलेज (Sherwood College) को याद करते हुए अभिनेता ने कहा कि हमारा कॉलेज नैनीताल की पहाड़ी में स्थित था. फिल्मों के शौक के बीच में हमेशा स्कूल का अनुशासन आ जाता था. अमिताभ कहते हैं कि उन्होंने फिल्में देखने के लिए प्लान बनाया था. दरअसल वह रात को हॉस्टल से दीवार फांदकर बाहर जाते थे. बाहर जाने के बाद अपने ऊपर एक कंबल ओढ़ लेते थे, ताकि कोई पहचान न सके.
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अपनी यादों को ताजा करते हुए अमिताभ ने बताया कि उस वक्त नैनीताल में मात्र एक ही सिनेमाघर हुआ करता था. अमिताभ ने बताया कि फिल्म खत्म होती थी तो कॉलेज में वापसी के समय फिर से वह कंबल ओढ़ लेते थे. इससे प्रिंसिपल को पता ही नहीं लगता था. नैनीताल के लिए गर्व की बात है कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन नेशनल टीवी पर इस तरह से किस्सों को याद कर रहे हैं.
अमिताभ को अभिनय का ऐसा शौक था कि पढ़ाई के साथ-साथ नाटकों में अभिनय करने का सिलसिला कभी रुका ही नहीं. उनके द्वारा स्कूल में भी कई नाटकों के कई किरदार निभाए गए और उनके अभिनय की पहली पाठशाला नैनीताल का शेरवुड कॉलेज रहा है.
बता दें कि अभिनय की दुनिया में अमिताभ पहली बार इसी स्कूल में सन 1957 में एक्टिंग करने के लिए उतरे थे. प्रतिभा के धनी अमिताभ ने पहले ही वर्ष में स्कूल का एक्टिंग में मिलने वाला सर्वश्रेष्ठ पुरष्कार कैंडल कप (बेस्ट एक्टर अवॉर्ड) जीता था. अमिताभ ने बिशप्स कैंडल्स और द गवर्नमेंट इंस्पेक्टर में प्रमुख अभिनय किया था. इससे उनकी स्कूल के छात्रों में अच्छी-खासी पहचान बन गयी थी.
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इसके बाद अगले साल 1958 में अमिताभ को कैंडल कप का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें मीसल्स नामक बीमारी हो गई और वो स्कूल की इंफरमरी में भर्ती हो गए. जिसके बाद मिलमैन हाल में जहां एक तरफ नाटक संपन्न हो रहा था, तो दूसरी तरफ स्कूल के अस्पताल में नन्हे कलाकार का मन विचलित हो रहा था. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन नाटक में प्रतिभाग ना करने से बहुत दुखी थे.