कीवः रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian president Vladimir Putin) ने यूक्रेन के चार प्रांतों का रूस में विलय करने संबंधी कानून पर बुधवार को हस्ताक्षर किए. यह कदम अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना (violation of international law) कर किए गए विलय को अंतिम रूप देता है. हालांकि, रूसी सैन्य बल विलय किए गए यूक्रेनी क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए अब भी संघर्ष कर रहे हैं. विलय को अंतिम रूप देने संबंधी कानून को रूसी सरकार की एक वेबसाइट पर बुधवार सुबह प्रकाशित किया गया.
इस हफ्ते की शुरुआत में रूसी संसद के दोनों सदनों ने दोनेत्सक, लुहान्स्क, खेरसॉन तथा जापोरिज्जिया क्षेत्रों को रूस का हिस्सा बनाने से जुड़ी संधियों को मंजूरी दी थी. चारों प्रांतों में कथित जनमत संग्रह के बाद इस संधि पर मुहर लगा दी गई थी. इस जनमत संग्रह को यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने अवैध बताकर खारिज किया है. इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध एक नये और खतरनाक चरण में प्रवेश करता दिख रहा है क्योंकि पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में जंग के मैदान में यूक्रेनी सैन्य बलों द्वारा मॉस्को को कई झटके देने के बाद रूस ने परमाणु हथियार समेत सभी विकल्प खुले रखने की चेतावनी दी है.
यूक्रेन के चार प्रांतों के विलय के कदम के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नाटो की सदस्यता हासिल करने के प्रयास तेज करने की घोषणा की है. मंगलवार को जारी बयान में जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के चार प्रांतों के विलय के फैसले के बाद पुतिन के साथ वार्ता करना लगभग असंभव हो गया है. जेलेंस्की के कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमाक ने दावा किया, 'आतंकवादी देश (रूस) का यह फैसला कागज के टुकड़े पर हस्ताक्षर करने से अधिक कुछ नहीं है.
वहीं, बुधवार को खेरसॉन प्रांत में रूस समर्थित अधिकारी ने दावा किया कि यूक्रेनी बलों का खेरसॉन क्षेत्र में आगे बढ़ना रोक दिया गया है. हालांकि, यूक्रेनी सेना ने कहा कि उसने आक्रामक जवाबी हमले के बाद खेरसॉन क्षेत्र के कई गांवों पर फिर से नियंत्रण कर लिया है. सेना ने कहा कि रूस के कब्जे वाले सात गांवों पर यूक्रेन का झंडा फहराया गया है.
(पीटीआई-भाषा)