लाहौर : मुश्किलों से घिरे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (pakistan fomer pm Imran Khan) को राहत देते हुए लाहौर उच्च न्यायालय (Lahore High Court) ने उन्हें शुक्रवार को आतंकवाद के आठ मामलों और एक दीवानी मामले में सुरक्षात्मक जमानत दे दी. एक अन्य अदालत द्वारा भष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट के 18 मार्च तक स्थगित करने के कुछ घंटों बाद उच्च न्यायालय ने उन्हें यह राहत प्रदान की. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 70 वर्षीय प्रमुख इमरान खान नौ मामलों में सुरक्षात्मक जमानत लेने के लिए बुलेटप्रूफ वाहन में सवार होकर लाहौर पहुंचे और उच्च न्यायालय में पेश हुए.
जियो टीवी के मुताबिक, न्यायमूर्ति तारीक सलीम और न्यायमूर्ति फारूक हैदर की सदस्यता वाली उच्च न्यायालय की पीठ ने आतंकवाद की धाराओं के तहत दर्ज मामलों के खिलाफ दायर इमरान की याचिकाओं पर सुनवाई की. रिपोर्ट में कहा गया कि इस्लामाबाद में दर्ज पांच मामलों में अदालत ने पीटीआई प्रमुख को 24 मार्च तक जमानत दे दी और लाहौर में दर्ज तीन अन्य मामलों में उन्हें 27 मार्च तक जमानत दी गई. इस बीच न्यायमूर्ति सलीम ने एक दीवानी मामले के खिलाफ दायर इमरान की याचिका पर सुनवाई की.
इसके पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने खान के खिलाफ जारी गैर जमानतीय गिरफ्तारी वारंट को 18 मार्च तक के लिए स्थगित करते हुए उन्हें एक अवसर दिया था कि वह तोशाखाना मामले की सुनवाई कर रही जिला अदालत में उपस्थित हो सकें. उच्च न्यायालय के फैसले से पहले लाहौर के संपन्न इलाके जमां पार्क स्थित खान के आवास के पास तनावपूर्ण शांति व्याप्त थी, जहां उनके समर्थकों और पंजाब पुलिस के बीच दो दिनों तक जमकर संघर्ष हुआ था. इस संघर्ष का अंत बुधवार को अदालत के हस्तक्षेप के बाद हुआ था.
खान उपहार खरीदने को लेकर विवादों में रहे हैं, जिसमें एक महंगी ग्रेफ कलाई घड़ी भी शामिल है जिसे उन्होंने तोशाखाना से रियायती कीमत पर खरीदा और फिर लाभ के लिए बेच दिया था। यह घड़ी उन्होंने प्रधानंत्री के रूप में तोहफे के रूप में मिली थी जिसे तोशाखाना में रखा गया था. वर्ष 1974 में स्थापित तोशाखाना कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है. तोशखाना में पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य देशों की सरकारों, राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को संग्रहीत किया जाता है. बिक्री का विवरण साझा नहीं करने के कारण पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया था.
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(पीटीआई-भाषा)