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No back channel diplomacy underway : पाकिस्तान और भारत के बीच पर्दे के बीच कोई बातचीत नहीं हो रही- खार - Hina Rabbani Khar

पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे कोई बात नहीं हो रही है. उक्त बातें खार ने संसद के ऊपरी सदन सीने में कहीं. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र के बारे में बात करते हुए कहा कि प्रसारक ने दुनिया को वह दिखाया है जो पाकिस्तान पहले ही कह चुका है.

Hina Rabbani Khar
हिना रब्बानी खार
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Published : Jan 26, 2023, 10:07 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच पर्दे के पीछे कोई बातचीत नहीं हो रही है. विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने संसद के ऊपरी सदन सीनेट को बताया, 'इस समय ऐसी कोई बात नहीं चल रही है.' उन्होंने कहा कि अनौपचारिक कूटनीति तब वांछनीय होती जब यह परिणामोन्मुख होती. वहीं पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलोच ने एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में भारत के साथ कोई अनौपचारिक राजनयिक बातचीत नहीं होने के बारे में खार की टिप्पणी को दोहराया.

बलोच ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच कोई अनौपचारिक कूटनीति नहीं है.' खार ने सीनेट में कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए पहल की है, लेकिन 'अभी, सीमा पार (भारत से) शत्रुता एक अलग प्रकार की है.' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को किसी समय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए कहा जाता था, लेकिन दुनिया को उन संदेशों को देखना चाहिए जो नई दिल्ली इस्लामाबाद को दे रहा है.

खार ने सांसदों से कहा, 'हमें जो संदेश मिल रहे हैं, वे सभी भड़काने वाले हैं. इस क्षेत्र की (संभावनाओं) का इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की सबसे बड़ी दिलचस्पी है, लेकिन जब आपके पास दूसरी तरफ ऐसी सरकार हो, जिसके प्रधानमंत्री कहते हैं कि उनके परमाणु आयुध दिवाली के लिए नहीं हैं (…) तो हम क्या कर सकते हैं?' खार की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब कुछ दिन पहले भारतीय मीडिया में खबर आयी थी कि नई दिल्ली ने मई में गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों की बैठकों में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को आमंत्रित किया है.

बलोच ने कहा कि पाकिस्तान को एससीओ बैठक के मेजबान के रूप में भारत द्वारा भेजा गया निमंत्रण मिला है और वह इसकी समीक्षा कर रहा है. उन्होंने कहा, 'आमंत्रण की समीक्षा की जा रही है. बैठक में भाग लेने के बारे में विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा.' उन्होंने कहा कि भारतीय निमंत्रण पर अतीत की तरह, मानक प्रक्रियाओं के तहत कदम उठाये जा रहे हैं और उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि एससीओ एक महत्वपूर्ण अंतर-क्षेत्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सदस्य देशों के बीच आर्थिक संबंधों और सहयोग को मजबूत करना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र के बारे में बात करते हुए, खार ने कहा कि प्रसारक ने दुनिया को वह दिखाया है जो पाकिस्तान पहले ही कह चुका है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इतिहास से सीखा है, लेकिन क्षेत्र के कुछ देशों ने नहीं सीखा है. भारत का कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है, जबकि इस बात पर जोर देता है कि इस तरह के जुड़ाव के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है.

फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के युद्धक विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए थे. अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद दोनों देशों के संबंध और बिगड़ गए.

ये भी पढ़ें - Austerity Measures In Pakistan : 'कंगाल' हुआ पाकिस्तान, 'टॉप टू बॉटम' तक सबकी काट ली सैलरी

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच पर्दे के पीछे कोई बातचीत नहीं हो रही है. विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने संसद के ऊपरी सदन सीनेट को बताया, 'इस समय ऐसी कोई बात नहीं चल रही है.' उन्होंने कहा कि अनौपचारिक कूटनीति तब वांछनीय होती जब यह परिणामोन्मुख होती. वहीं पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलोच ने एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में भारत के साथ कोई अनौपचारिक राजनयिक बातचीत नहीं होने के बारे में खार की टिप्पणी को दोहराया.

बलोच ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच कोई अनौपचारिक कूटनीति नहीं है.' खार ने सीनेट में कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए पहल की है, लेकिन 'अभी, सीमा पार (भारत से) शत्रुता एक अलग प्रकार की है.' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को किसी समय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए कहा जाता था, लेकिन दुनिया को उन संदेशों को देखना चाहिए जो नई दिल्ली इस्लामाबाद को दे रहा है.

खार ने सांसदों से कहा, 'हमें जो संदेश मिल रहे हैं, वे सभी भड़काने वाले हैं. इस क्षेत्र की (संभावनाओं) का इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की सबसे बड़ी दिलचस्पी है, लेकिन जब आपके पास दूसरी तरफ ऐसी सरकार हो, जिसके प्रधानमंत्री कहते हैं कि उनके परमाणु आयुध दिवाली के लिए नहीं हैं (…) तो हम क्या कर सकते हैं?' खार की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब कुछ दिन पहले भारतीय मीडिया में खबर आयी थी कि नई दिल्ली ने मई में गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों की बैठकों में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को आमंत्रित किया है.

बलोच ने कहा कि पाकिस्तान को एससीओ बैठक के मेजबान के रूप में भारत द्वारा भेजा गया निमंत्रण मिला है और वह इसकी समीक्षा कर रहा है. उन्होंने कहा, 'आमंत्रण की समीक्षा की जा रही है. बैठक में भाग लेने के बारे में विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा.' उन्होंने कहा कि भारतीय निमंत्रण पर अतीत की तरह, मानक प्रक्रियाओं के तहत कदम उठाये जा रहे हैं और उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि एससीओ एक महत्वपूर्ण अंतर-क्षेत्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सदस्य देशों के बीच आर्थिक संबंधों और सहयोग को मजबूत करना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र के बारे में बात करते हुए, खार ने कहा कि प्रसारक ने दुनिया को वह दिखाया है जो पाकिस्तान पहले ही कह चुका है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इतिहास से सीखा है, लेकिन क्षेत्र के कुछ देशों ने नहीं सीखा है. भारत का कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है, जबकि इस बात पर जोर देता है कि इस तरह के जुड़ाव के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है.

फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के युद्धक विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए थे. अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद दोनों देशों के संबंध और बिगड़ गए.

ये भी पढ़ें - Austerity Measures In Pakistan : 'कंगाल' हुआ पाकिस्तान, 'टॉप टू बॉटम' तक सबकी काट ली सैलरी

(पीटीआई-भाषा)

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