काठमांडू : नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा (Nepal PM Sher Bahadur Deuba) ने गुरुवार को जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) का प्रतिनिधित्व करने वाले चार मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया, जिन्होंने आगामी चुनावों के लिए सीपीएन-यूएमएल के साथ हाथ मिलाने के बाद पिछले हफ्ते सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ दिया था.
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Nepal PM Sher Bahadur Deuba dismisses 4 ministers representing Janata Samajbadi Party from cabinet: President Office
— ANI (@ANI) October 13, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Deuba made the decision after Janata Samajbadi Party (JSP) made alliance with opposition for upcoming elections. The vacant ministries now will fall under Deuba pic.twitter.com/Dw2UaJE4uv
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— ANI (@ANI) October 13, 2022
Deuba made the decision after Janata Samajbadi Party (JSP) made alliance with opposition for upcoming elections. The vacant ministries now will fall under Deuba pic.twitter.com/Dw2UaJE4uvNepal PM Sher Bahadur Deuba dismisses 4 ministers representing Janata Samajbadi Party from cabinet: President Office
— ANI (@ANI) October 13, 2022
Deuba made the decision after Janata Samajbadi Party (JSP) made alliance with opposition for upcoming elections. The vacant ministries now will fall under Deuba pic.twitter.com/Dw2UaJE4uv
काठमांडू पोस्ट अखबार ने गुरुवार शाम राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक बयान का हवाला देते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री की सिफारिश पर, राष्ट्रपति ने चार मंत्रियों को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है.' मंत्री पद से मुक्त होने वालों में संघीय मामलों और सामान्य प्रशासन मंत्री राजेंद्र श्रेष्ठ, वन और पर्यावरण मंत्री प्रदीप यादव, भौतिक आधारभूत संरचना मंत्री मोहम्मद इस्तियाक राय और कृषि और पशुधन मंत्री मृगेंद्र कुमार सिंह शामिल हैं.
चुनाव आयोग की आचार संहिता के मुताबिक अगर इन मंत्रियों को हटा भी दिया जाए तो प्रधानमंत्री के नए मंत्रियों को नियुक्त करने की संभावना बहुत कम है. चुनाव आयोग का कहना है कि मंत्रिमंडल में नई नियुक्तियों से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा.
जनता समाजवादी नेताओं ने तर्क दिया था कि उन्होंने सरकार नहीं छोड़ी है बल्कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावों के लिए यूएमएल के साथ भागीदारी की है. प्रधानमंत्री देउबा ने इस मामले पर सीपीएन (माओवादी सेंटर), सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) और राष्ट्रीय जनमोर्चा के साथ चर्चा की थी. कुछ नेताओं ने उन्हें केवल उनके कर्तव्यों से मुक्त करने और उन्हें बिना विभाग के मंत्री प्रदान करने का सुझाव दिया था. उन्होंने तर्क दिया था कि चुनाव के बाद नई साझेदारी की संभावना को देखते हुए पार्टी अभी भी गठबंधन का हिस्सा हो सकती है. नेपाल में 20 नवंबर को संघीय संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनाव कराने की तैयारी है.
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(PTI)