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बांग्लादेश में 2015 में मस्जिद पर हमले के मामले में पांच आतंकवादियों को मौत की सजा

बांग्लादेश में चटगांव के पास एक मस्जिद पर बम हमले के लिए दोषी पांच आतंकवादियों को एक न्यायाधिकरण ने मौत की सजा सुनाई है. सभी दोषी प्रतिबंधित जेएमबी से जुड़े हुए हैं.

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Published : Aug 17, 2022, 10:37 PM IST

ढाका : बांग्लादेश के एक न्यायाधिकरण ने सात साल पहले दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव के पास एक प्रमुख नौसैन्य ठिकाने के अंदर स्थित एक मस्जिद पर बम हमले के लिए प्रतिबंधित जेएमबी संगठन के पांच आतंकवादियों को बुधवार को मौत की सजा सुनाई. जिन आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई गई है उनमें एक पूर्व नौसैनिक भी शामिल है.

अदालत के अधिकारियों ने कहा कि चटगांव आतंकवाद रोधी न्यायाधिकरण के न्यायाधीश अब्दुल हलीम (Judge Abdul Halim) ने फैसला सुनाया. फैसला सुनाए जाने के दौरान पांच में से चार दोषी कटघरे में थे. फैसला पांचवें आतंकवादी की अनुपस्थिति में सुनाया गया क्योंकि वह अभी फरार है. सभी दोषी प्रतिबंधित जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से संबद्ध हैं.

न्यायाधीश ने मौत की सजा सुनाते हुए उनमें से प्रत्येक पर 50,000 टका का जुर्माना भी लगाया. न्यायाधीश ने अपनी टिप्पणी में कहा कि दोषियों का एक नौसैनिक अड्डे के अंदर आतंकवादी कृत्य बांग्लादेश की स्वतंत्रता और संप्रभुता पर हमला करने के समान है. लोक अभियोजक मनोरंजन दास ने कहा कि दोषियों में से एक, एम सखावत हुसैन, एक पूर्व नौसैनिक है. 18 दिसंबर, 2015 को जुमे की नमाज के दौरान आतंकवादियों ने नौसेना द्वारा संचालित मस्जिद में बम विस्फोट किए थे, जिसमें 24 रक्षाकर्मी और नागरिक घायल हो गए थे.

ढाका : बांग्लादेश के एक न्यायाधिकरण ने सात साल पहले दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव के पास एक प्रमुख नौसैन्य ठिकाने के अंदर स्थित एक मस्जिद पर बम हमले के लिए प्रतिबंधित जेएमबी संगठन के पांच आतंकवादियों को बुधवार को मौत की सजा सुनाई. जिन आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई गई है उनमें एक पूर्व नौसैनिक भी शामिल है.

अदालत के अधिकारियों ने कहा कि चटगांव आतंकवाद रोधी न्यायाधिकरण के न्यायाधीश अब्दुल हलीम (Judge Abdul Halim) ने फैसला सुनाया. फैसला सुनाए जाने के दौरान पांच में से चार दोषी कटघरे में थे. फैसला पांचवें आतंकवादी की अनुपस्थिति में सुनाया गया क्योंकि वह अभी फरार है. सभी दोषी प्रतिबंधित जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से संबद्ध हैं.

न्यायाधीश ने मौत की सजा सुनाते हुए उनमें से प्रत्येक पर 50,000 टका का जुर्माना भी लगाया. न्यायाधीश ने अपनी टिप्पणी में कहा कि दोषियों का एक नौसैनिक अड्डे के अंदर आतंकवादी कृत्य बांग्लादेश की स्वतंत्रता और संप्रभुता पर हमला करने के समान है. लोक अभियोजक मनोरंजन दास ने कहा कि दोषियों में से एक, एम सखावत हुसैन, एक पूर्व नौसैनिक है. 18 दिसंबर, 2015 को जुमे की नमाज के दौरान आतंकवादियों ने नौसेना द्वारा संचालित मस्जिद में बम विस्फोट किए थे, जिसमें 24 रक्षाकर्मी और नागरिक घायल हो गए थे.

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(पीटीआई-भाषा)

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