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मलाला पर हमले का जिम्मेदार जेल से भागा

नोबेल शांति पुस्कार विजेता मलाला को 2012 में महिला शिक्षा के लिये अभियान के दौरान पाकिस्तान की स्वात घाटी में एक बंदूकधारी ने गोली मार दी थी.

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मलाला
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Published : Feb 6, 2020, 11:59 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 11:46 AM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में 2012 में मलाला यूसुफजई पर हमले और 2014 में पेशावर में सैन्य स्कूल में जानलेवा हमले के लिये जिम्मेदार पाकिस्तान तालिबान का पूर्व प्रवक्ता एहसान-उल्ला-एहसान जेल से भाग गया है. एहसान ने खुद ऑडियो क्लिप जारी कर यह जानकारी दी.

सोशल मीडिया पर बृहस्पतिवार को साझा ऑडियो क्लिप में एहसान ने कहा कि वह 11 जनवरी को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों की जेल से भाग गया है. उसने दावा किया पाकिस्तानी सेना 2017 में आत्मसमर्पण के दौरान उससे किए गए वादे निभाने में नाकाम रही.

क्लिप में वह ये कहता सुनाई दे रहा है, 'अल्लाह की मदद से, मैं एक जनवरी 2020 को सुरक्षा बलों की जेल से भागने में कामयाब रहा.'

अगर यह क्लिप विश्वसनीय निकली तो यह तालिबान के खात्मे के लिये अभियान चला रहे पाकिस्तान के लिये बड़ा झटका साबित होगा.

एहसान ने अपना मौजूदा ठिकाना बताए बिना कहा कि वह आने वाले दिनों में जेल में बीते अपने दिनों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताएगा.

पढ़ें: विशेष लेख : भारत के आधारभूत आर्थिक विकास के लिए संघीय भावना प्रबल होनी चाहिए

गौरतलब है कि सबसे युवा नोबेल शांति पुस्कार विजेता मलाला को 2012 में महिला शिक्षा के लिये अभियान के दौरान पाकिस्तान की स्वात घाटी में एक बंदूकधारी ने गोली मार दी थी.

वहीं 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए हमले में 132 छात्रों समेत 149 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले में भी एहसान शामिल था.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में 2012 में मलाला यूसुफजई पर हमले और 2014 में पेशावर में सैन्य स्कूल में जानलेवा हमले के लिये जिम्मेदार पाकिस्तान तालिबान का पूर्व प्रवक्ता एहसान-उल्ला-एहसान जेल से भाग गया है. एहसान ने खुद ऑडियो क्लिप जारी कर यह जानकारी दी.

सोशल मीडिया पर बृहस्पतिवार को साझा ऑडियो क्लिप में एहसान ने कहा कि वह 11 जनवरी को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों की जेल से भाग गया है. उसने दावा किया पाकिस्तानी सेना 2017 में आत्मसमर्पण के दौरान उससे किए गए वादे निभाने में नाकाम रही.

क्लिप में वह ये कहता सुनाई दे रहा है, 'अल्लाह की मदद से, मैं एक जनवरी 2020 को सुरक्षा बलों की जेल से भागने में कामयाब रहा.'

अगर यह क्लिप विश्वसनीय निकली तो यह तालिबान के खात्मे के लिये अभियान चला रहे पाकिस्तान के लिये बड़ा झटका साबित होगा.

एहसान ने अपना मौजूदा ठिकाना बताए बिना कहा कि वह आने वाले दिनों में जेल में बीते अपने दिनों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताएगा.

पढ़ें: विशेष लेख : भारत के आधारभूत आर्थिक विकास के लिए संघीय भावना प्रबल होनी चाहिए

गौरतलब है कि सबसे युवा नोबेल शांति पुस्कार विजेता मलाला को 2012 में महिला शिक्षा के लिये अभियान के दौरान पाकिस्तान की स्वात घाटी में एक बंदूकधारी ने गोली मार दी थी.

वहीं 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए हमले में 132 छात्रों समेत 149 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले में भी एहसान शामिल था.

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Last Updated : Feb 29, 2020, 11:46 AM IST
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