तोक्यो: अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण और अन्य क्षेत्रीय खतरों पर अपने सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई है. अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने जापान के उप विदेश मंत्री ताकियो मोरी और दक्षिण कोरिया के चोई जोंग कुन के साथ तोक्यो में वार्ता की. उन्होंने कहा कि उनका गठबंधन शांति, सुरक्षा और समृद्धि की धुरी बना हुआ है.
उप विदेश मंत्रियों ने दक्षिण चीन सागर में नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता कायम रखने तथा अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने पूर्वी चीन सागर और ताईवान जलडमरूमध्य में यथास्थिति में बदलाव करने वाले किसी भी एकतरफा कोशिश का विरोध किया.
शेरमन ने कहा, 'जब देश अमेरिकी हितों के प्रतिकूल कार्रवाई करेंगे या हमारे साझेदारों और सहयोगियों को खतरा पैदा करेंगे तो हम उन चुनौतियों का जवाब दिये बिना नहीं रहेंगे. '
अमेरिका और जापान ने दक्षिण चीन सागर में विवादित क्षेत्रों और जापान के नियंत्रण वाले सेनकाकु द्वीप समूह पर चीन के दावे को लेकर अपनी चिंता प्रकट की है.
सेनकाकु द्वीप समूह पर भी चीन दावा करता है और उसे दियाओयु के नाम से पुकारता है.
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मोरी ने कहा, 'यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट हों और यथास्थिति में बलपूर्वक बदलाव करने की चीन की एकतरफा कोशिशों के खिलाफ आवाज उठाए. साथ ही, मैं तीनों देशों के बीच सहयोग की उम्मीद करता हूं.'
बुधवार के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में चीन के मुद्दे से दक्षिण कोरिया के उप विदेश मंत्री चोई दूर रहें और उन्होंने उत्तर कोरिया के साथ वार्ता करने की जरूरत पर जोर दिया.
अमेरिका और चीन के बीच खराब होते संबंधों से दक्षिण कोरिया पशोपेश की स्थिति में पड़ गया है क्योंकि एक ओर जहां अमेरिका उसका मुख्य सुरक्षा सहयोगी है वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है.
इस बीच, बीजिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने अमेरिका और जापान पर शीत युद्ध की मानसकिता रखने, जानबूझ कर समूह टकराव में शामिल होने और चीन विरोधी घेराबंदी करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, 'अमेरिका और जापान को चीन के अंदरूनी मा
(पीटीआई-भाषा)