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अमेरिका : कोरोना संकट काल में नस्लभेद की आशंका अधिक !

कोरोना महामारी के बीच एशियाई और अश्वेत अमेरिकियों के साथ अमेरिका में अन्य समूहों की तुलना में जातीयता के कारण भेदभाव होने की आशंका ज्यादा है. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. पढ़ें पूरी खबर...

Fear of racism during-corona pandemic
कोरोना के बीच नस्लभेद की आशंका अधिक
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Published : Jul 4, 2020, 10:47 PM IST

वॉशिंगटन : कोरोना महामारी के बीच एशियाई लोगों और अश्वेत अमेरिकियों के साथ अमेरिका में अन्य समूहों की तुलना में जातीयता के कारण भेदभाव होने की आशंका ज्यादा है. पीयू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक नए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर 10 में से लगभग चार एशियाई और अश्वेत लोगों (क्रमश: 39 प्रतिशत और 38 प्रतिशत) ने कहा कि कोरोना प्रकोप के दौरान लोगों ने इस तरह प्रतिक्रिया दी जैसे कि वे इन लोगों के आसपास होने के कारण असहज थे.

इसी तरह, 42 फीसदी अश्वेत वयस्कों और 36 फीसदी एशियाई मूल के अमेरिकियों ने कहा कि अगर वे सार्वजनिक रूप से मास्क पहनते हैं, तो उन्हें इस बात की चिंता रहेगी कि दूसरे लोग उन पर शक करेंगे, जबकि 23 फीसदी हिस्पैनिक वयस्कों और 5 फीसदी श्वेत नागरिकों ने भी यही चिंता जताई है.

पढ़ें- डब्लूएचओ का देशों से आग्रह, जागें और कोरोना को नियंत्रित करें

सर्वे में शामिल 58 प्रतिशत एशियाई वयस्कों ने कहा कि लोग नस्लभेदी या नस्लीय रूप से असंवेदनशील विचार कोरोना वायरस प्रकोप से पहले की तुलना में अब अधिक व्यक्त कर रहे हैं.

यह सर्वेक्षण 4 से 10 जून के बीच 9,654 अमेरिकी वयस्कों के बीच किया गया था.

वॉशिंगटन : कोरोना महामारी के बीच एशियाई लोगों और अश्वेत अमेरिकियों के साथ अमेरिका में अन्य समूहों की तुलना में जातीयता के कारण भेदभाव होने की आशंका ज्यादा है. पीयू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक नए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर 10 में से लगभग चार एशियाई और अश्वेत लोगों (क्रमश: 39 प्रतिशत और 38 प्रतिशत) ने कहा कि कोरोना प्रकोप के दौरान लोगों ने इस तरह प्रतिक्रिया दी जैसे कि वे इन लोगों के आसपास होने के कारण असहज थे.

इसी तरह, 42 फीसदी अश्वेत वयस्कों और 36 फीसदी एशियाई मूल के अमेरिकियों ने कहा कि अगर वे सार्वजनिक रूप से मास्क पहनते हैं, तो उन्हें इस बात की चिंता रहेगी कि दूसरे लोग उन पर शक करेंगे, जबकि 23 फीसदी हिस्पैनिक वयस्कों और 5 फीसदी श्वेत नागरिकों ने भी यही चिंता जताई है.

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सर्वे में शामिल 58 प्रतिशत एशियाई वयस्कों ने कहा कि लोग नस्लभेदी या नस्लीय रूप से असंवेदनशील विचार कोरोना वायरस प्रकोप से पहले की तुलना में अब अधिक व्यक्त कर रहे हैं.

यह सर्वेक्षण 4 से 10 जून के बीच 9,654 अमेरिकी वयस्कों के बीच किया गया था.

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