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संयुक्त राष्ट्र ने 2022 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 से घटाकर 4.6 प्रतिशत किया

संयुक्त राष्ट्र (सरां) ने वर्ष 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया है (United Nations slashes India's growth forecast for 2022 ). संयुक्त राष्ट्र ने बृहस्पतिवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण भारत को ईंधन की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है जिससे इसकी कीमतों में उछाल आ सकता है.

United Nations slashes India's growth forecast for 2022 from 6.7 to 4.6 percent
संयुक्त राष्ट्र ने 2022 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 से घटाकर 4.6 प्रतिशत किया
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Published : Mar 25, 2022, 8:42 AM IST

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र (सरां) ने वर्ष 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया है(United Nations slashes India's growth forecast for 2022 ). संयुक्त राष्ट्र ने बृहस्पतिवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण भारत को ईंधन की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है जिससे इसकी कीमतों में उछाल आ सकता है. साथ ही व्यापार प्रतिबंधों, खाद्य मुद्रास्फीति, सख्त नीतियों और वित्तीय मोर्चे पर स्थिरता की चिंता जैसे कारक भी भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं.

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) ने अपनी रिपोर्ट में यूक्रेन संकट और वृहदआर्थिक नीतियों में बदलाव के कारण 2022 के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अपने अनुमान को 3.6 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस इस साल गहरी मंदी का सामना कर सकता है जबकि पश्चिमी यूरोप और मध्य, दक्षिण, दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ देशों की वृद्धि दर भी सुस्त पड़ सकती है. अंकटाड की रिपोर्ट में 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया, 'भारत को ईंधन की आपूर्ति और उच्च कीमतों, माल की आपूर्ति में बाधा, व्यापार प्रतिबंधों, खाद्य मुद्रास्फीति, सख्त नीतियां और वित्तीय अस्थिरता की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.' रिपोर्ट में अमेरिका की वृद्धि दर के अनुमान को भी तीन प्रतिशत से घटाते हुए 2.4 प्रतिशत कर दिया गया है. चीन की वृद्धि दर के भी 5.7 फीसदी से घटकर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है.

ये भी पढ़ें- भारत पहुंचे चीन के विदेश मंत्री, एस. जयशंकर से होगी बात

रिपोर्ट के अनुसार, रूस की अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है जबकि पहले इसके 2.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रा बाजारों में ब्राजील, रूस, भारत और चीन की मुद्राएं 6,600 अरब डॉलर के दैनिक कारोबार का 3.5 प्रतिशत से अधिक नहीं हैं. यह अमेरिकी मुद्रा डॉलर के 44 प्रतिशत का मुश्किल से दसवां हिस्सा है.

(पीटीआई-भाषा)

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र (सरां) ने वर्ष 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया है(United Nations slashes India's growth forecast for 2022 ). संयुक्त राष्ट्र ने बृहस्पतिवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण भारत को ईंधन की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है जिससे इसकी कीमतों में उछाल आ सकता है. साथ ही व्यापार प्रतिबंधों, खाद्य मुद्रास्फीति, सख्त नीतियों और वित्तीय मोर्चे पर स्थिरता की चिंता जैसे कारक भी भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं.

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) ने अपनी रिपोर्ट में यूक्रेन संकट और वृहदआर्थिक नीतियों में बदलाव के कारण 2022 के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अपने अनुमान को 3.6 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस इस साल गहरी मंदी का सामना कर सकता है जबकि पश्चिमी यूरोप और मध्य, दक्षिण, दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ देशों की वृद्धि दर भी सुस्त पड़ सकती है. अंकटाड की रिपोर्ट में 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया, 'भारत को ईंधन की आपूर्ति और उच्च कीमतों, माल की आपूर्ति में बाधा, व्यापार प्रतिबंधों, खाद्य मुद्रास्फीति, सख्त नीतियां और वित्तीय अस्थिरता की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.' रिपोर्ट में अमेरिका की वृद्धि दर के अनुमान को भी तीन प्रतिशत से घटाते हुए 2.4 प्रतिशत कर दिया गया है. चीन की वृद्धि दर के भी 5.7 फीसदी से घटकर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है.

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रिपोर्ट के अनुसार, रूस की अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है जबकि पहले इसके 2.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रा बाजारों में ब्राजील, रूस, भारत और चीन की मुद्राएं 6,600 अरब डॉलर के दैनिक कारोबार का 3.5 प्रतिशत से अधिक नहीं हैं. यह अमेरिकी मुद्रा डॉलर के 44 प्रतिशत का मुश्किल से दसवां हिस्सा है.

(पीटीआई-भाषा)

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