सैन डिएगो : अमेरिका के सैन डिएगो स्थित नौसैन्य अड्डे पर युद्ध पोत पर लगी आग में कम से कम 61 लोग झुलस गए.
रियर एडमिरल फिलिप सोबेक ने बताया कि 'यूएसएस बोनहोम्मे रिचर्ड' में रविवार सुबह उस इलाके में आग लगी जहां पर वाहनों को रखने की जगह थी और वहां पर मरम्मत कार्य चल रहा था.
अमेरिका नौसेना ने बताया कि शुरुआत में 17 नौसैनिकों और चार आम नागरिकों के झुलसने की सूचना थी, लेकिन मंगलवार तक आग से घायल होने की संख्या 61 हो गई जिनमें से पांच लोगों को अस्पताल में निगरानी में रखा गया है.
नौसेना ने बताया कि पोत पर लगी आग को बुझाने के लिए अग्निशमन दल के कर्मचारी पानी की बौछारे मार रहे हैं और हेलीकॉप्टर से भी पानी का छिड़काव किया जा रहा है.
सोबेक ने प्रेस वार्ता में कहा, 'नाविक इस मोर्चे पर बेहतरीन काम कर रहे हैं.'
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उन्होंने कहा कि पोत पर कोई गोलाबारूद मौजूद नहीं है, लेकिन उसमें करीब 37 लाख लीटर ईंधन है और आग से बहुत नीचे है.
सोबेक ने बताया कि सेन डिएगो नौसन्य अड्डे पर लंगर डाले पोत में जब विस्फोट हुआ और आग की लपटे निकलनी शुरू हुई, उस समय उस पर 160 नौसैनिक और अधिकारी सवार थे. उन्होंने बताया कि काला धुआं करीब 840 की ऊंचाई तक उठता देखा गया.
'अमेरिका पैसिफिक फ्लीट' में 'नेवल सरफेस फोर्स' के प्रवक्ता माइक रैने ने बताया कि पोत सक्रिय रूप से ड्यूटी पर होता है तब करीब एक हजार कर्मचारी इस पर सवार होते हैं.
नौसेना परिचार के प्रमुख एडमिरल माइक गिल्डे ने कहा कि सभी चालक दल के सदस्यों की जानकारी है.
सोबेक ने कहा, 'खबर है कि पोत के भीतर धमाका हुआ. हम अभी निश्चित रूप से यह नहीं बता सकते हैं कि इस धमाके की वजह क्या है.' उनका मानना है कि अधिक दबाव की वजह से कम्पार्टमेंट गर्म हुआ.
उल्लेखनीय है कि यह पोत 23 साल पुराना है और इसपर हेलिकॉप्टर, छोटे विमानों को तैनात करने की सुविधा है. इसके साथ ही छोटी नौका और उभयचरी वाहन भी मौजूद रहते हैं.