आगरा: ताजनगरी में शुक्रवार रात 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आए तूफान ने जमकर तबाही मचाई. ताजमहल के मुख्य स्मारक पर यमुना की ओर लगी लोहे की पाइप से बनाई गई पाड़ तूफान से गिर पड़ी, जिससे संगमरमर की रेलिंग टूट गई.
तूफान से भारी नुकसान
ताजमहल के पश्चिमी गेट के मुख्य प्रवेश द्वार समेत बरामदे के फॉल सीलिंग को भी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा मुख्य स्मारक परिसर में लगे हुए कई पेड़ भी तेज हवाओं के सामने टिक नहीं पाए और धराशाई हो गए. पश्चिमी गेट के बाहर सती उन्निसा के मकबरे के बाहर पर्यटकों की सुरक्षा जांच को लगाए गए डीएफएमडी अस्त-व्यस्त हाे गए. शनिवार सुबह एएसआई के अधिकारी और कर्मचारी ताज महल और अन्य ऐतिहासिक इमारतों पर हुए नुकसान का आंकलन करने पहुंच गए.
मडपैक करने को बांधी गई थी पाड़
एएसआई की रसायन शाखा ने मार्च-2020 में मुख्य गुम्मद पर पाड़ बांधी थी. 17 मार्च से ताज समेत देशभर के कई स्मारक एएसआई ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए बंद कर दिए थे. इस दौरान ताजमहल के गुंबद पर मडपैक करना तय हुआ. 19 मार्च से ताज में मुख्य मकबरे पर यमुना के किनारे की तरफ पाड़ बांधना शुरू कराया था. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और 23 मार्च से आगरा में लॉकडाउन से पाड़ बांधने का काम रुक गया था.
तूफान में 3 लोगों की मौत
आगरा में शुक्रवार को आए जबरदस्त तूफान ने ताजमहल को ही नहीं शहर के अलग-अलग हिस्सों में तबाही मचाई है. आंधी-तूफान के चलते 3 लोगों की मौत हो गई, इसमें एक बच्ची भी शामिल है. 10 लोगों के जख्मी होने की भी खबर है. फिलहाल अधिकारी तूफान से हुई तबाही के आंकलन में जुटे हुए हैं.
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि तेज आंधी से ताजमहल में यमुना के किनारे की तरफ बंधी पाड़ गिरी है. नुकसान का आंकलन कराया जाएगा. फतेहपुर सीकरी, एत्मादउद्दौला, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी में भी हुए नुकसान की जानकारी की जा रही है.