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लखनऊ: जिलेवार हुआ रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन, राजधानी को मिले सबसे अधिक

कोरोना में प्रयोग होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन का आज जिलों में आवंटन कर दिया गया है. अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कॉरपोरेशन के अलावा सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता में भी वृद्धि हुई है.

इंजेक्शन का हुआ वितरण
इंजेक्शन का हुआ वितरण
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Published : May 12, 2021, 9:21 PM IST

लखनऊ: कोरोना के इलाज में प्रयुक्त होने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर का उत्तर प्रदेश शासन ने बुधवार को जिलेवार आवंटन कर दिया. आवंटित इंजेक्शन का उपयोग जिला अधिकारी के परामर्श पर किया जाएगा. राजधानी लखनऊ को सबसे अधिक 450 वायल्स का आवंटन किया गया है. जबकि प्रयागराज, मथुरा, वाराणसी और मेरठ को 280 वायल्स दिए गए हैं. गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, गोरखपुर को 150 तथा बरेली, झांसी, मुरादाबाद, आगरा को 145 वायल्स का आवंटन हुआ है. अन्य जिलों को 60 से 80 वायल्स दिए गए हैं.

मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन कर रहा है आपूर्ति
अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कॉरपोरेशन के अलावा सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखा है कि रेमडीसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता में भी वृद्धि हुई है. सरकारी अस्पतालों, राजकीय एवं प्राइवेट चिकित्सा महाविद्यालयों में इस दवा की आपूर्ति उ.प्र. मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन लि० तथा अस्पतालों के द्वारा स्वयं क्रय करके आवश्यकता की पूर्ति की जाएगी.

निजी अस्पतालों को रेड क्रॉस सोसाइटी से भुगतान के आधार पर मिलेगा रेमडेसिविर
निजी अस्पतालों में इस दवा की व्यवस्था इन अस्पतालों के द्वारा कम्पनियों/बाजार से स्वयं की जाएगी. निजी अस्पतालों के मरीजों को भी जीवन रक्षा के लिए उपलब्धता के आधार पर जिला रेडक्रॉस सोसायटी से 1800 रुपये प्रति वायल्स भुगतान के आधार पर रेमडेसिविर उपलब्ध करायी जायेगी. निजी अस्पताल के मरीज के परिजन को अस्पताल के पर्चे एवं मरीज के आधार कार्ड वोटर आईडी कार्ड के आधार पर अधिकतम 6 वायल्स दिया जा सकेगा, जिसमें से एक बार में 3 वायल्स से अधिक नहीं दिया जाएगा.

चिकित्सा महाविद्यालयों के शत प्रतिशत वेंटिलेटर बेडों को मिलेगी रेमेडिसिविर
राजकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के अस्पतालों के नॉन इन्वेजिव वेन्टिलेटर के शत प्रतिशत बेड्स हेतु रेमडेसिविर की एक वाईल प्रतिदिन प्रदान की जाएगी तथा 15 प्रतिशत आक्सीजन बेड के लिए रेमडेसिविर उपलब्ध करवायी जाएगी. मौजूदा स्थिति में ये संख्या लगभग 5500 प्रतिदिन आती है. जिसका वितरण मेडिकल कॉलेजवार विवरण महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के द्वारा उ.प्र. मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमि. को उपलब्ध करवाया जाएगा.

एल-2 कोविड अस्पतालों को मिलेंगे हर रोज ढाई हजार वाइल्स
अपर मुख्य सचिव ने पत्र में कहा है कि चिकित्सा विभाग के एल-2 कोविड चिकित्सालयों रेमडेसिविर की प्रतिदिन 2500 वाइल्स उपलब्ध करवायी जाएंगी. यह संख्या चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास से उपलब्ध 2000 नॉन इन्वसिव आईसीयू एवं आईसोलेशन बेड्स के आधार पर निर्धारित की जा रही है.

जिलाधिकारियों को सात हजार वाइल्स
पत्र में कहा गया कि जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी के निवर्तन पर संलग्न तालिका के अनुसार रेमडेसिविर की 7000 वाइल उपलब्ध कराई जाएगी. इस संख्या में से 20 प्रतिशत उनके द्वारा आकस्मिकता एवं आवश्यकता के आधार पर सरकारी अस्पतालों / चिकित्सा महाविद्यालयों में कमी होने पर तथा 80 प्रतिशत वायल्स दी जा सकेगी.

जिलाधिकारियों को सात हजार वाइल्स
पत्र में कहा गया कि जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी के निवर्तन पर संलग्न तालिका के अनुसार रेमडेसिविर की 7000 वाइल उपलब्ध कराई जाएगा. इस संख्या में से 20 प्रतिशत उनके द्वारा आकस्मिकता एवं आवश्यकता के आधार पर सरकारी अस्पतालों/ चिकित्सा महाविद्यालयों में कमी होने पर तथा 80 प्रतिशत वायल्स दी जा सकेगी.

इसे भी पढ़ें- बारा चौकी इंचार्ज के कहने पर गंगा में फेंकी गईं लाशें ! एसपी बोले, मुझसे नहीं डीएम से पूछो

लखनऊ: कोरोना के इलाज में प्रयुक्त होने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर का उत्तर प्रदेश शासन ने बुधवार को जिलेवार आवंटन कर दिया. आवंटित इंजेक्शन का उपयोग जिला अधिकारी के परामर्श पर किया जाएगा. राजधानी लखनऊ को सबसे अधिक 450 वायल्स का आवंटन किया गया है. जबकि प्रयागराज, मथुरा, वाराणसी और मेरठ को 280 वायल्स दिए गए हैं. गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, गोरखपुर को 150 तथा बरेली, झांसी, मुरादाबाद, आगरा को 145 वायल्स का आवंटन हुआ है. अन्य जिलों को 60 से 80 वायल्स दिए गए हैं.

मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन कर रहा है आपूर्ति
अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कॉरपोरेशन के अलावा सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखा है कि रेमडीसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता में भी वृद्धि हुई है. सरकारी अस्पतालों, राजकीय एवं प्राइवेट चिकित्सा महाविद्यालयों में इस दवा की आपूर्ति उ.प्र. मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन लि० तथा अस्पतालों के द्वारा स्वयं क्रय करके आवश्यकता की पूर्ति की जाएगी.

निजी अस्पतालों को रेड क्रॉस सोसाइटी से भुगतान के आधार पर मिलेगा रेमडेसिविर
निजी अस्पतालों में इस दवा की व्यवस्था इन अस्पतालों के द्वारा कम्पनियों/बाजार से स्वयं की जाएगी. निजी अस्पतालों के मरीजों को भी जीवन रक्षा के लिए उपलब्धता के आधार पर जिला रेडक्रॉस सोसायटी से 1800 रुपये प्रति वायल्स भुगतान के आधार पर रेमडेसिविर उपलब्ध करायी जायेगी. निजी अस्पताल के मरीज के परिजन को अस्पताल के पर्चे एवं मरीज के आधार कार्ड वोटर आईडी कार्ड के आधार पर अधिकतम 6 वायल्स दिया जा सकेगा, जिसमें से एक बार में 3 वायल्स से अधिक नहीं दिया जाएगा.

चिकित्सा महाविद्यालयों के शत प्रतिशत वेंटिलेटर बेडों को मिलेगी रेमेडिसिविर
राजकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के अस्पतालों के नॉन इन्वेजिव वेन्टिलेटर के शत प्रतिशत बेड्स हेतु रेमडेसिविर की एक वाईल प्रतिदिन प्रदान की जाएगी तथा 15 प्रतिशत आक्सीजन बेड के लिए रेमडेसिविर उपलब्ध करवायी जाएगी. मौजूदा स्थिति में ये संख्या लगभग 5500 प्रतिदिन आती है. जिसका वितरण मेडिकल कॉलेजवार विवरण महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के द्वारा उ.प्र. मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमि. को उपलब्ध करवाया जाएगा.

एल-2 कोविड अस्पतालों को मिलेंगे हर रोज ढाई हजार वाइल्स
अपर मुख्य सचिव ने पत्र में कहा है कि चिकित्सा विभाग के एल-2 कोविड चिकित्सालयों रेमडेसिविर की प्रतिदिन 2500 वाइल्स उपलब्ध करवायी जाएंगी. यह संख्या चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास से उपलब्ध 2000 नॉन इन्वसिव आईसीयू एवं आईसोलेशन बेड्स के आधार पर निर्धारित की जा रही है.

जिलाधिकारियों को सात हजार वाइल्स
पत्र में कहा गया कि जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी के निवर्तन पर संलग्न तालिका के अनुसार रेमडेसिविर की 7000 वाइल उपलब्ध कराई जाएगी. इस संख्या में से 20 प्रतिशत उनके द्वारा आकस्मिकता एवं आवश्यकता के आधार पर सरकारी अस्पतालों / चिकित्सा महाविद्यालयों में कमी होने पर तथा 80 प्रतिशत वायल्स दी जा सकेगी.

जिलाधिकारियों को सात हजार वाइल्स
पत्र में कहा गया कि जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी के निवर्तन पर संलग्न तालिका के अनुसार रेमडेसिविर की 7000 वाइल उपलब्ध कराई जाएगा. इस संख्या में से 20 प्रतिशत उनके द्वारा आकस्मिकता एवं आवश्यकता के आधार पर सरकारी अस्पतालों/ चिकित्सा महाविद्यालयों में कमी होने पर तथा 80 प्रतिशत वायल्स दी जा सकेगी.

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