मुंबई: मनोज बाजपेयी को बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक वर्सेटाइल एक्टर के रुप में देखा जाता है. क्योंकि वे अपने हर एक कैरेक्टर में जान डाल देते हैं. हाल ही में उनकी सेंसिटिव टॉपिक पर बनी फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हुई थी. जिसे दर्शकों का काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. अब इस फिल्म के थियेटर में रिलीज होने के संकेत मिल रहे हैं. फिल्म के डायरेक्टर अपूर्व सिंह कार्की ने इस बारे में कहा कि इस तरीके का डिस्कशन पहली बार हुआ.
उन्होंने बताया फिलहाल इसको लेकर चर्चाएं चल रही हैं और ये स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और स्टूडियो के बीच की बात है, तो निर्णय उनके हाथ में है. जिसके लिये मैं तैयार हूं. उन्होंने आगे कहा, 'यह एक रोमांचक संकेत है क्योंकि इस तरह की चर्चा पहली बार हो रही है. फिल्म के सिनेमाघरों में रिलीज होने से इसका संदेश व्यापक रुप से ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचेगा. जो कि एक निर्देशक के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है. जहां भी ये फिल्म नहीं पहुंच पाई है वहां तक यह पहुंचेगी'.
फिल्म सत्र न्यायालय के वकील पीसी सोलंकी की बायोपिक है. जिनका किरदार मनोज बाजपेयी ने निभाया है. इसमें वे एक नाबालिग लड़की का केस लड़ रहे हैं जिसके साथ धर्मगुरु के द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया. उस नाबालिग लड़की को न्याय दिलाने के लिए पांच साल लंबी लड़ाई लड़ी जा रही है. इस प्रक्रिया में उन पर गुंडों द्वारा हमला किया जाता है लेकिन वो कभी उम्मीद नहीं छोडते. सोलंकी जोधपुर में अपनी मां और बेटे के साथ रहने वाला एक सीधा-सादा आदमी है. तो एक आम आदमी अन्याय के खिलाफ कैसे लड़ता है और जीतता है इस फिल्म में वही दिखाया गया है. कथित तौर पर यह फिल्म आसाराम बापू के मामले पर आधारित है.