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Tamil Actor Babu Passes Away : तमिल एक्टर बाबू का निधन, एक्सीडेंट के बाद से बिस्तर पर थे एक्टर

तमिल फिल्म इंडस्ट्री के वर्सेटाइल एक्टर बाबू का आज निधन हो गया है. एक्टर की निधन पर निर्देशक भारतीराजा ने शोक व्यक्त किया है.

Tamil Actor Babu Passes Away
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 19, 2023, 9:07 PM IST

चेन्नई: तमिल फिल्म इंडस्ट्री के लिए आज का दिन बेहद शोक भरा साबित हुआ. इंडस्ट्री ने आज अपने अनुभवी और वर्सेटाइल एक्टर को खो दिया और नम आंखों से विदाई दी है, एक्टर एक एक्सीडेंट के बाद से काफी लंबे समय तक बिस्तर पर थे. एक्टर के निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई. फिल्म इंडस्ट्री के तमाम सितारों ने शोक व्यक्त किया है.

Tamil Actor Babu Passes Away
तमिल एक्टर बाबू

बाबू कौन है?
1990 के दशक में प्रसिद्धि पाने वाले अभिनेता बाबू ने अपनी आंखों में सपने लेकर अपनी सिनेमाई यात्रा शुरू की और प्रसिद्ध निर्देशक भारतीराजा के साथ सहायक निर्देशक के रूप में जुड़ गए. हालांकि, 1990 में उनकी किस्मत ने एक निर्णायक मोड़ लिया जब भारतीराजा ने उन्हें फिल्म 'एन उइर थोज़ान' (1990) में मुख्य भूमिका के लिए कास्ट किया. फिल्म को तमिल सिनेमा प्रेमियों से बहुत प्यार मिला, उस्ताद इलियाराजा द्वारा रचित गीत 'कुयिलु कुप्पम कुयिलु कुप्पम गोपुरम अनाथेन्ना' बार और घरों में समान रूप से गूंजता रहा. बाबू को प्रशंसकों से नाम 'मेरा जीवन साथी बाबू' मिला. बाद में उन्होंने 'पेरुम पुल्ली (1991),' 'थायम्मा (1991),' और 'पोन्नुकु सेठी वंथाचू (1991)' जैसी फिल्मों के माध्यम से दिलचस्प ग्रामीण कहानियों को चित्रित करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था.

एक्टर कॉलीवुड में काफी एक्टिव थे और एक्टिंग की दम पर बहुत आगे बढ़े. उन्होंने 'मनसारा परहितांगलेन' में भूमिका निभाई, एक ऐसा निर्णय जिसने उनके जीवन की दिशा बदल दी. बाबू का एक्सीडेंट 'मानसारा वाज़थुंगलेन (1991)' के फिल्मांकन के दौरान हुआ था. बाबू ने सीन को लेकर कहा था स्टंट डबल्स या सुरक्षा सावधानियों के उपयोग के बिना होना चाहिए. बाबू ने सीन के लिए छलांग लगाई और एक्सीडेंट के शिकार हो गए. दुखद है कि साहसी छलांग के दौरान उनकी पीठ में गंभीर चोट लग गई, जिसके कारण वह 30 साल तक बिस्तर पर पड़े रहे.

आगे बता दें कि कई इलाज के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और वह उठने-बैठने में भी असमर्थ हो गए. इस कठिन समय के दौरान बाबू की मां ने हाल ही में उनके निधन तक उनकी देखभाल की. कुछ दिन पहले उनकी तबीयत काफी खराब हो गई और उन्हें इलाज के लिए चेन्नई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आज मंगलवार को बाबू का स्वास्थ्य फिर से बिगड़ गया और उनका निधन हो गया.निर्देशक भारतीराजा ने बाबू के करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने अपनी शोक संवेदना व्यक्त कीं और इंडस्ट्री के लिए भारी नुकसान बताया.

यह भी पढे़ं: Jawan Surpasses KGF-2: 'जवान' का कायम दबदबा, 'KGF-2' को पछाड़ बनी भारत में चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म

चेन्नई: तमिल फिल्म इंडस्ट्री के लिए आज का दिन बेहद शोक भरा साबित हुआ. इंडस्ट्री ने आज अपने अनुभवी और वर्सेटाइल एक्टर को खो दिया और नम आंखों से विदाई दी है, एक्टर एक एक्सीडेंट के बाद से काफी लंबे समय तक बिस्तर पर थे. एक्टर के निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई. फिल्म इंडस्ट्री के तमाम सितारों ने शोक व्यक्त किया है.

Tamil Actor Babu Passes Away
तमिल एक्टर बाबू

बाबू कौन है?
1990 के दशक में प्रसिद्धि पाने वाले अभिनेता बाबू ने अपनी आंखों में सपने लेकर अपनी सिनेमाई यात्रा शुरू की और प्रसिद्ध निर्देशक भारतीराजा के साथ सहायक निर्देशक के रूप में जुड़ गए. हालांकि, 1990 में उनकी किस्मत ने एक निर्णायक मोड़ लिया जब भारतीराजा ने उन्हें फिल्म 'एन उइर थोज़ान' (1990) में मुख्य भूमिका के लिए कास्ट किया. फिल्म को तमिल सिनेमा प्रेमियों से बहुत प्यार मिला, उस्ताद इलियाराजा द्वारा रचित गीत 'कुयिलु कुप्पम कुयिलु कुप्पम गोपुरम अनाथेन्ना' बार और घरों में समान रूप से गूंजता रहा. बाबू को प्रशंसकों से नाम 'मेरा जीवन साथी बाबू' मिला. बाद में उन्होंने 'पेरुम पुल्ली (1991),' 'थायम्मा (1991),' और 'पोन्नुकु सेठी वंथाचू (1991)' जैसी फिल्मों के माध्यम से दिलचस्प ग्रामीण कहानियों को चित्रित करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था.

एक्टर कॉलीवुड में काफी एक्टिव थे और एक्टिंग की दम पर बहुत आगे बढ़े. उन्होंने 'मनसारा परहितांगलेन' में भूमिका निभाई, एक ऐसा निर्णय जिसने उनके जीवन की दिशा बदल दी. बाबू का एक्सीडेंट 'मानसारा वाज़थुंगलेन (1991)' के फिल्मांकन के दौरान हुआ था. बाबू ने सीन को लेकर कहा था स्टंट डबल्स या सुरक्षा सावधानियों के उपयोग के बिना होना चाहिए. बाबू ने सीन के लिए छलांग लगाई और एक्सीडेंट के शिकार हो गए. दुखद है कि साहसी छलांग के दौरान उनकी पीठ में गंभीर चोट लग गई, जिसके कारण वह 30 साल तक बिस्तर पर पड़े रहे.

आगे बता दें कि कई इलाज के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और वह उठने-बैठने में भी असमर्थ हो गए. इस कठिन समय के दौरान बाबू की मां ने हाल ही में उनके निधन तक उनकी देखभाल की. कुछ दिन पहले उनकी तबीयत काफी खराब हो गई और उन्हें इलाज के लिए चेन्नई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आज मंगलवार को बाबू का स्वास्थ्य फिर से बिगड़ गया और उनका निधन हो गया.निर्देशक भारतीराजा ने बाबू के करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने अपनी शोक संवेदना व्यक्त कीं और इंडस्ट्री के लिए भारी नुकसान बताया.

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