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ड्रग्स की तस्करी में बुरे फंसे एल्विश यादव, आखिर क्या हैं ये रेव पार्टीज, जानें कहां से कहां पहुंचा Rave Culture - क्या हैं रेव पार्टी

Elvish Yadav: हाल ही में फेमस यूट्यूबर एल्विश यादव पर रेव पार्टी कराने और सांपों की तस्करी का आरोप लगा है. रेव पार्टी कराने और उनमें सांपों के जहर का इस्तेमाल करने पर एल्विश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इस बीच रेव पार्टीज लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है, सबके मन में सवाल है कि आखिर ये किस तरह की पार्टीज होती है. तो आइए जानते हैं कि क्या रेव्स हमेशा से ऐसे ही होती थी या इनकी शुरुआत कुछ और ही कहानी बयां करती है...

Elvish Yadav-Rave Party
एल्विश यादव- रेव पार्टी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 4, 2023, 9:18 AM IST

Updated : Nov 4, 2023, 2:23 PM IST

मुंबई: बिग बॉस ओटीटी 2 विनर बनने के बाद चर्चा में आए एल्विश यादव एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहे हैं. लेकिन इस बार वे किसी अचीवमेंट की वजह से फेमस नहीं हुए बल्कि उनके खिलाफ रेव पार्टी करने और उनमें सांपों के जहर का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए गए हैं. एल्विश यादव की एफआईआर के साथ ही रेव पार्टी भी चर्चा का विषय बनी हुई है. आइए आज हम जानेंगे कि क्या रेव पार्टी हमेशा से ऐसे ही होती थी या समय के साथ इनका कल्चर बदल गया है.

क्या होती है रेव पार्टी ?
रेव पार्टी में इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक के साथ डांस होता है. रेव पार्टी का कल्चर 80-90 के दशक के अंत में उभर कर सामने आया. इसमें बेसिकली फास्ट म्यूजिक बजता है और ये पार्टीज अक्सर अंडरग्राउंड और बड़ें पैमाने पर होती है. इन्हें आमतौर पर रेव्स कहा जाता है, रेव्स में हजारों लोग डांस करने और इलेक्ट्रिक म्यूजिक को एंजॉय करने के लिए इकट्ठा होते हैं. इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक में टेक्नो, हाउस, ब्रेकबीट और ट्रान्स शामिल हैं.

ऐसे हुई रेव कल्चर की शुरुआत
रेव पार्टीज की शुरुआत रेव म्यूजिक के साथ हुई, दरअसल 1980 में यूनाइटेड किंगडम में ईडीएम (इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक) के रूप में हुई. रेव शब्द बेसिकली अंडरग्राउंड क्लब में रात भर होने वाली पार्टी को प्रेसेंट करता है. ये पार्टियां अपनी हाई एनर्जी, फास्ड म्यूजिक और एंजॉयमेंट के लिए ड्रग्स यूज करने के लिए फेमस थी. मयूजिक के साथ ही रेव कल्चर कलरफुल अपीयरेंस और ग्रुप डांस के लिए फेमस हुआ.

रेव पार्टी का Negative Impact
रेव पार्टी का कल्चर एक साथ इकट्ठा होकर म्यूजिक और डांस को एंजॉय करना था. लेकिन बीते कुछ सालों में रेव संस्कृति ने सोसाइटी पर पॉजीटिव और नेगेटिव दोनों तरह से प्रभाव डाला है. रेव पार्टी का पॉजीटिव इम्पैक्ट ये पड़ा कि इसने लोगों को एकजुट किया. इससे सभी के अंदर एक साथ मिलकर एंजॉय करने की भावना पैदा की, लेकिन दूसरी ओर, कुछ लोगों ने इन पार्टीज में नशीली दवाओं और ड्रग्स का उपयोग करके इसे बदनाम कर दिया है. कुछ लोग इसे अब रेव पार्टी के जरुरी मानते हैं उनका कहना है कि इनके बिना रेव अधूरी है लेकिन वहीं कुछ इसके खिलाफ हैं और वे मानते हैं ये हमें नेगेटिविटी की तरफ लेके जाता है. और इसका रिजल्ट भी भयानक हो सकता है.

सोशल मीडिया के आने से भी रेव कल्चर को काफी बढ़ावा मिला है, इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों से इस कल्चर को प्रसिद्धि मिल रही है. एक तरह से रेव कल्चर ने सोसाइटी पर गहरा प्रभाव डाला है. लोगों को साथ जोड़ने और इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक को फेमस करने के अलावा इसने समाज पर नेगेटिव प्रभाव भी डाला है. रेव कल्चर में पॉजीटिव और नेगेटिव साइड को पहचानना साथ ही सेफ और रिस्पॉन्सिबल होकर एंजॉय करना इंपॉर्टेंट है.

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क्या होती है रेव पार्टी ?
रेव पार्टी में इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक के साथ डांस होता है. रेव पार्टी का कल्चर 80-90 के दशक के अंत में उभर कर सामने आया. इसमें बेसिकली फास्ट म्यूजिक बजता है और ये पार्टीज अक्सर अंडरग्राउंड और बड़ें पैमाने पर होती है. इन्हें आमतौर पर रेव्स कहा जाता है, रेव्स में हजारों लोग डांस करने और इलेक्ट्रिक म्यूजिक को एंजॉय करने के लिए इकट्ठा होते हैं. इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक में टेक्नो, हाउस, ब्रेकबीट और ट्रान्स शामिल हैं.

ऐसे हुई रेव कल्चर की शुरुआत
रेव पार्टीज की शुरुआत रेव म्यूजिक के साथ हुई, दरअसल 1980 में यूनाइटेड किंगडम में ईडीएम (इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक) के रूप में हुई. रेव शब्द बेसिकली अंडरग्राउंड क्लब में रात भर होने वाली पार्टी को प्रेसेंट करता है. ये पार्टियां अपनी हाई एनर्जी, फास्ड म्यूजिक और एंजॉयमेंट के लिए ड्रग्स यूज करने के लिए फेमस थी. मयूजिक के साथ ही रेव कल्चर कलरफुल अपीयरेंस और ग्रुप डांस के लिए फेमस हुआ.

रेव पार्टी का Negative Impact
रेव पार्टी का कल्चर एक साथ इकट्ठा होकर म्यूजिक और डांस को एंजॉय करना था. लेकिन बीते कुछ सालों में रेव संस्कृति ने सोसाइटी पर पॉजीटिव और नेगेटिव दोनों तरह से प्रभाव डाला है. रेव पार्टी का पॉजीटिव इम्पैक्ट ये पड़ा कि इसने लोगों को एकजुट किया. इससे सभी के अंदर एक साथ मिलकर एंजॉय करने की भावना पैदा की, लेकिन दूसरी ओर, कुछ लोगों ने इन पार्टीज में नशीली दवाओं और ड्रग्स का उपयोग करके इसे बदनाम कर दिया है. कुछ लोग इसे अब रेव पार्टी के जरुरी मानते हैं उनका कहना है कि इनके बिना रेव अधूरी है लेकिन वहीं कुछ इसके खिलाफ हैं और वे मानते हैं ये हमें नेगेटिविटी की तरफ लेके जाता है. और इसका रिजल्ट भी भयानक हो सकता है.

सोशल मीडिया के आने से भी रेव कल्चर को काफी बढ़ावा मिला है, इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों से इस कल्चर को प्रसिद्धि मिल रही है. एक तरह से रेव कल्चर ने सोसाइटी पर गहरा प्रभाव डाला है. लोगों को साथ जोड़ने और इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक को फेमस करने के अलावा इसने समाज पर नेगेटिव प्रभाव भी डाला है. रेव कल्चर में पॉजीटिव और नेगेटिव साइड को पहचानना साथ ही सेफ और रिस्पॉन्सिबल होकर एंजॉय करना इंपॉर्टेंट है.

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Last Updated : Nov 4, 2023, 2:23 PM IST
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