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K. Vishwanath Passes Away: के. विश्वनाथ का 92 साल की उम्र में निधन, टॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक दी कई फिल्में

टॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर, राइटर और एक्टर के. विश्वनाथ, जो 'शंकरभरणम', 'सागर संगमम', 'स्वाति मुथ्यम' और 'स्वर्ण कमलम' जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों के लिए लोकप्रिय थे, ने गुरुवार को दुनिया को अलविदा कह दिया.

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Published : Feb 3, 2023, 7:21 AM IST

Updated : Feb 3, 2023, 7:58 AM IST

Director K. Vishwanath file photo
डायरेक्टर के. विश्वनाथ फाइल फोटो

हैदराबाद: साउथ फिल्म इंडस्ट्री के महान डायरेक्टर काशीनाथूनी विश्वनाथ (92) का निधन हो गया. बताया जा रहा है कि के. विश्वनाथ उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे, जिसके कारण वह गुरुवार रात गंभीर रूप से बीमार पड़ गए. उन्हें जुबली हिल्स के अपोलो अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उनकी पहले ही मौत हो चुकी है. विश्वनाथ को 2017 में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

  • కాశీనాధుని విశ్వనాధ్ గారు తెలుగు సినిమా గర్వించదగ్గ దర్శకులు. ప్రశస్తమైన సినిమాలను సృష్టించి, తెలుగు సినిమాకు ఒక గౌరవాన్ని, గుర్తింపును తెచ్చిన గొప్ప వ్యక్తి, కె.విశ్వనాథ్ గారు. ఆయన లేని లోటు తీరనిది. #RipLegend #RIPViswanath #KVishwanath pic.twitter.com/rsnMdPkZtC

    — Sreedhar Sri (@SreedharSri4u) February 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

के. विश्वनाथ का पैतृक घर बापटला के रायपल्ले जिले में पेड़ा पुलिवरु गांव में है. विश्वनाथ का जन्म 19 फरवरी, 1930 को कसीनाधुनी सुब्रह्मण्यम और सारस्वथम्मा के यहां हुआ था. उन्होंने गुंटूर हिंदू कॉलेज से इंटरमीडिएट और आंध्र क्रिश्चियन कॉलेज से बीएससी की डिग्री ली थी. उनके पिता चेन्नई के विजयवाहिनी स्टूडियो में काम करते थे. अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, विश्वनाथ ने उसी स्टूडियो में एक साउंड रिकॉर्डिस्ट के रूप में अपना फिल्मी करियर शुरू किया. पहली बार, उन्होंने पातालभैरवी फिल्म के लिए एक सहायक रिकॉर्डिस्ट के रूप में काम किया.

1965 में के. विश्वनाथ को 'आत्मगरवम' फिल्म का निर्देशक बनने का मौका मिला. उन्हें अपनी पहली फिल्म के लिए नंदी पुरस्कार मिला था. उन्होंने 50 से अधिक फिल्मों का निर्देशन किया है. विश्वनाथ ने टॉलीवुड के साथ-साथ बॉलीवुड में भी 9 फिल्मों का निर्देशन किया है. इसके अलावा विश्वनाथ ने कई फिल्मों में अहम भूमिका भी निभाई.

के. विश्वनाथ की फिल्में और पुरस्कार
के. विश्वनाथ ने 'सागर संगम' (Sagara Sangam, 1983), स्वाथि मुथ्यम (Swathi Muthyam 1986), सिरिसिरिमुव्वा (Sirisirimuvva, 1976) , श्रुतिलालु (Sruthilayalu, 1987) , सिरिवेनेला (Sirivennela, 1986), आपद्बंधवुडु (Aapadbandhavudu, 1992), शंकरभरणम (Sankarabharanam, 1980) तेलुगु सिनेमा को दिए हैं. सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2016 में फिल्म उद्योग में प्रतिष्ठित 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था. वहीं, 1992 में रघुपति वेंकैया पुरस्कार और 'पद्म श्री' पुरस्कार से नवाजा गया था.

के. विश्वनाथ की बॉलीवुड फिल्में
विश्वनाथ ने 'सरगम' ​​(1979), 'कामचोर' (1982), 'शुभ कामना' (1983), 'जाग उठा इंसान' (1984), 'सुर संगम' (1985), 'संजोग' (1985), 'ईश्वर' (1989), 'संगीत' ( 1989) जैसी हिंदी भाषा की फिल्मों का भी निर्देशन किया है.

यह भी पढ़ें: Sagar Passes Away: दिग्गज तेलुगू फिल्म डायरेक्टर सागर का निधन, 70 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

हैदराबाद: साउथ फिल्म इंडस्ट्री के महान डायरेक्टर काशीनाथूनी विश्वनाथ (92) का निधन हो गया. बताया जा रहा है कि के. विश्वनाथ उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे, जिसके कारण वह गुरुवार रात गंभीर रूप से बीमार पड़ गए. उन्हें जुबली हिल्स के अपोलो अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उनकी पहले ही मौत हो चुकी है. विश्वनाथ को 2017 में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

  • కాశీనాధుని విశ్వనాధ్ గారు తెలుగు సినిమా గర్వించదగ్గ దర్శకులు. ప్రశస్తమైన సినిమాలను సృష్టించి, తెలుగు సినిమాకు ఒక గౌరవాన్ని, గుర్తింపును తెచ్చిన గొప్ప వ్యక్తి, కె.విశ్వనాథ్ గారు. ఆయన లేని లోటు తీరనిది. #RipLegend #RIPViswanath #KVishwanath pic.twitter.com/rsnMdPkZtC

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के. विश्वनाथ का पैतृक घर बापटला के रायपल्ले जिले में पेड़ा पुलिवरु गांव में है. विश्वनाथ का जन्म 19 फरवरी, 1930 को कसीनाधुनी सुब्रह्मण्यम और सारस्वथम्मा के यहां हुआ था. उन्होंने गुंटूर हिंदू कॉलेज से इंटरमीडिएट और आंध्र क्रिश्चियन कॉलेज से बीएससी की डिग्री ली थी. उनके पिता चेन्नई के विजयवाहिनी स्टूडियो में काम करते थे. अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, विश्वनाथ ने उसी स्टूडियो में एक साउंड रिकॉर्डिस्ट के रूप में अपना फिल्मी करियर शुरू किया. पहली बार, उन्होंने पातालभैरवी फिल्म के लिए एक सहायक रिकॉर्डिस्ट के रूप में काम किया.

1965 में के. विश्वनाथ को 'आत्मगरवम' फिल्म का निर्देशक बनने का मौका मिला. उन्हें अपनी पहली फिल्म के लिए नंदी पुरस्कार मिला था. उन्होंने 50 से अधिक फिल्मों का निर्देशन किया है. विश्वनाथ ने टॉलीवुड के साथ-साथ बॉलीवुड में भी 9 फिल्मों का निर्देशन किया है. इसके अलावा विश्वनाथ ने कई फिल्मों में अहम भूमिका भी निभाई.

के. विश्वनाथ की फिल्में और पुरस्कार
के. विश्वनाथ ने 'सागर संगम' (Sagara Sangam, 1983), स्वाथि मुथ्यम (Swathi Muthyam 1986), सिरिसिरिमुव्वा (Sirisirimuvva, 1976) , श्रुतिलालु (Sruthilayalu, 1987) , सिरिवेनेला (Sirivennela, 1986), आपद्बंधवुडु (Aapadbandhavudu, 1992), शंकरभरणम (Sankarabharanam, 1980) तेलुगु सिनेमा को दिए हैं. सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2016 में फिल्म उद्योग में प्रतिष्ठित 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था. वहीं, 1992 में रघुपति वेंकैया पुरस्कार और 'पद्म श्री' पुरस्कार से नवाजा गया था.

के. विश्वनाथ की बॉलीवुड फिल्में
विश्वनाथ ने 'सरगम' ​​(1979), 'कामचोर' (1982), 'शुभ कामना' (1983), 'जाग उठा इंसान' (1984), 'सुर संगम' (1985), 'संजोग' (1985), 'ईश्वर' (1989), 'संगीत' ( 1989) जैसी हिंदी भाषा की फिल्मों का भी निर्देशन किया है.

यह भी पढ़ें: Sagar Passes Away: दिग्गज तेलुगू फिल्म डायरेक्टर सागर का निधन, 70 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

Last Updated : Feb 3, 2023, 7:58 AM IST
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