हैदराबाद : Dev Anand Death Anniversary: हिंदी सिनेमा के दिवंगत दिग्गज अभिनेता देव आनंद की 3 दिसंबर को 11वीं पुण्यतिथी है. देव साहब ने साल 2011 में दुनिया को अलविदा कह दिया था. देव आनंद का गेस्चर स्टाइल, उनका मस्तमौला अंदाज, उनका ड्रेसिंग स्टाइल और सबसे अहम चीज उनकी कमाल की अदाकारी को भुलाना वाकई में मुश्किल है. देव आनंद की रील और रियल दोनों लाइफ के किस्से बहुत हैं. पहला जो सबसे ज्यादा मशहूर हैं वो यह है कि वो उस जमाने के बहुत हैंडसम एक्टर्स में से एक थे और फिर उनका सबसे अलग अंदाज लोगों के बीच खूब चर्चित था. देव साहब को लेकर आज भी कहा जाता है कि वो इतने हैंडसम थे कि उन्हें देखने के लिए लड़कियां छत से कूद जाती थीं और उन्हें काले कपड़े पहनने से बैन कर दिया था. आइए जानते हैं कितनी सच्चाई है इन बातों में और कौन सी है वो फिल्म, जिसमें देव साहब ने काला कोर्ट पहन हंगामा मचा दिया था.
देव साहब को देख छत से कूद जाती थीं लड़कियां?
साल 1958 की बात है जब देव साहब की फिल्म 'काला पानी' रिलीज हुई थी. फिल्म में देव साहब को व्हाइट शर्ट और उस पर ब्लैक कोट में देखा गया था. बताया जाता है कि इस लुक में देव साहब की हैंडसमनेस बढ़ गई और वह बेहद स्टाइलिश और डैशिंग लग रहे थे.
ऐसा कहा जाता है कि उनके इस लुक से लड़कियां तो दूर की बात लड़के भी नजर नहीं हटा पाते थे. ऐसा सुनने में आता है कि जब-जब देव साहब काला कोट पहनकर निकले तब-तब लड़कियां उन्हें देखने के लिए इतनी उतावली हो जाती थी कि छत से ही कूद जाती थीं, लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है, यह कहना मुश्किल है.
देव साहब पर लगा था काला कोर्ट पहनने पर बैन?
मगर कहा जाता है कि ये बात बिल्कुल सच है कि देव साहब के काला कोट पहनने पर कोर्ट द्वारा पाबंदी लगा दी गई थी, लेकिन इस पाबंदी के पीछे बड़ी वजह उन्हें देखने के लिए मचने वाली भगदड़ और लोगों का बेकाबू होना बताया जाता रहा है.
देव साहब का करियर
देव साहब ने अपने लंबे फिल्मी करियर में तकरीबन 100 से ज्यादा फिल्मों में दमदार अभिनय किया था. उनकी यादगार और सफल फिल्मों में 'गाइड', 'काला पानी', 'प्रेम पुजारी', 'सीआईडी' और 'जॉनी मेरा नाम' जैसी कई हिट फिल्में शामिल हैं. देव साहब को चार बार फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. भारतीय सिनेमा में उनके शानदार योगदान के लिए उन्हें साल 2001 में भारत सरकार ने प्रतिष्ठित पद्म भूषण सम्मान से नवाजा था. इसके अगले साल (2002) देव साहब को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
कैसे हुआ था देव साहब का निधन?
बता दें, देव साहब अपना इलाज कराने के लिए लंदन गए थे और वहां 3 दिसंबर 2011 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था. जब लंदन से देव साहब के निधन की खबर भारत आई तो फिल्म इंडस्ट्री को सदमा लग गया और उनके चाहनेवाले उनके निधन की खबर सुनकर सन्न रह गए.
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