लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इटावा में एक दिन पहले भाषण के दौरान कहा था कि 'क्या करें देश में बाबा साहब अंबेडकर का बनाया हुआ संविधान नहीं होता तो अखिलेश यादव और उनके जैसे नेता कहीं भैंस चरा रहे होते.'
उनके इस भाषण की समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कड़ी निंदा की है .सोमवार की शाम खुद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि 'आज देश में जो लोग संविधान का नाम लेकर संविधान थोपना चाहते हैं और तथाकथित संघ के नाम पर विघटन की राजनीति कर रहे हैं अब उनका झूठ देश के लोगों के सामने खुल गया है जिनसे प्रवचन की अपेक्षा है उनके द्वारा जातिगत अशोभनीय टिप्पणी किया जाना दुखद है हम उनको माफ करते हैं.'
एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि भाजपा दलितों और पिछड़ों का आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहती है भाजपा के नेताओं की भाषा इस बात का स्पष्ट कर चुकी है कि वह जान गए हैं कि उनकी हार तय है जल्द ही जनता उनको और उनकी विचारधारा को जवाब देगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अखिलेश यादव पहले भी जातिगत टिप्पणियों को लेकर एतराज कर चुके हैं वह बार-बार याद दिलाते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं ने पिछड़ा कहा है. उनके मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलने के बाद वहां पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगाजल से आवास को शुद्ध कराया था.ऐसे मामलों का उदाहरण देकर अखिलेश यादव पहले भी मुख्यमंत्री पर हमला करते रहे हैं और आज का हमला भी उनके इसी आक्रोष का परिणाम बताया जा रहा है.
चुनाव प्रचार में 72 घंटे का प्रतिबंध लगाने के बावजूद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण में वहीं धार और पुराने तेवर इटावा में बरकरार थे. इसके बाद उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था.