वाराणसी: सर्वविद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विवादों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. संस्कृत धर्म और विज्ञान संकाय में फिरोज खान की नियुक्ति का मामला अभी शांत हुआ था कि इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के इंटरव्यू में हिंदी अभ्यर्थियों के साथ में भेदभाव का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है.
छात्र छात्राओं ने राष्ट्रपति से लेकर एचआरडी मिनिस्टर और प्रधानमंत्री तक को हिंदी भेदभाव के लिए कुलपति की शिकायत की. उसके बाद छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर आक्रोश मार्च निकाला. बीएचयू कैंपस से लेकर शहर के विभिन्न चौराहों पर कुलपति हटाओ के पोस्टर और बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगाई गई हैं.
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बीएचयू कैंपस में कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर का व्यंग्यात्मक कार्टून बनाकर कैंपस के विभिन्न स्थानों सहित लंका चौराहा, रविंद्रपुरी चौराहा, लहुराबीर चौराहा पर बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगाई गई है. होर्डिंग बीएचयू वीसी हिंदी विरोधी, कुलपति जी इस्तीफा दें और कुलपति से पूछे गए 9 प्रश्न लिखे हैं.