वाराणसी: पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल को सोमवार को पूरी क्षमता के साथ मरीजों के लिए खोल दिया गया. अब ट्रामा सेंटर की सेवाएं भी पूरी तरह संचालित हो रही है. वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के कारण 13 अप्रैल को ही बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर में ओपीडी और आईपीडी सेवाएं बंद कर दी गई थीं.
सर सुंदरलाल अस्पताल में वैश्विक महामारी के पहले सामान्य दिनों में ओपीडी में परामर्श लेने वाले की संख्या लगभग 8,000 तक होती थी. एक दिन में इतने मरीज यहां पर डॉक्टरों से विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए परामर्श लेते थे. पूर्वांचल सहित बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और नेपाल तक के मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं.
आरपी सिंह ने बताया कि वो बिहार से आए हैं. अब ऑनलाइन नंबर नहीं लगाना पड़ेगा. थोड़ी देरी के बाद ही वेबसाइट बंद हो जाती थी और नंबर नहीं लग पाता था. अब हम डॉक्टर को आसानी से दिखा पाएंगे. यह बहुत ही अच्छा हुआ.
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छात्र प्रशुन्य चतुर्वेदी ने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की जो सुविधा थी, उससे ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इनको जानकारी ना होने की वजह से वह दूसरे अस्पताल चले आते थे और वह डॉक्टर को नहीं दिखा पाते थे. फिर से पुरानी व्यवस्था बहाल होने से मरीजों को सीधा दिखाने की सुविधा मिल रही है. विश्वविद्यालय का यह कदम स्वागत योग्य है.