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सर सुंदरलाल अस्पताल में पूरी क्षमता का साथ शुरू हुआ संचालन, बड़ी संख्या में पहुंचे मरीज

वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय का सर सुंदरलाल अस्पताल सोमवार से पूरी क्षमता के साथ संचालित किया जाने लगा. ट्रामा सेंटर की सेवाओं का संचालन भी पूरी तरह शुरू हो गया.

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Published : Nov 8, 2021, 3:46 PM IST

वाराणसी: पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल को सोमवार को पूरी क्षमता के साथ मरीजों के लिए खोल दिया गया. अब ट्रामा सेंटर की सेवाएं भी पूरी तरह संचालित हो रही है. वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के कारण 13 अप्रैल को ही बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर में ओपीडी और आईपीडी सेवाएं बंद कर दी गई थीं.

जानकारी देते तीमारदार
कोरोना वायरस कम होने के बाद शर्तों के आधार पर 23 जून से यह सेवाएं फिर से शुरू की गई थी. शुरू में 1 दिन में 25 मरीज और सुधार होने पर 50 और फिर 1 दिन में 100 मरीज ऑनलाइन पंजीकरण के बाद डॉक्टरों से परामर्श लेते थे. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों और उनके तामीरदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.
सर सुंदरलाल अस्पताल में पहुंचे मरीज
सर सुंदरलाल अस्पताल में पहुंचे मरीज

सर सुंदरलाल अस्पताल में वैश्विक महामारी के पहले सामान्य दिनों में ओपीडी में परामर्श लेने वाले की संख्या लगभग 8,000 तक होती थी. एक दिन में इतने मरीज यहां पर डॉक्टरों से विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए परामर्श लेते थे. पूर्वांचल सहित बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और नेपाल तक के मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं.

ये भी पढ़ें- Demonetisation : नोटबंदी के पांच साल, जानें डिजिटल और कैश ट्रांजैक्शन में कितना हुआ बदलाव



आरपी सिंह ने बताया कि वो बिहार से आए हैं. अब ऑनलाइन नंबर नहीं लगाना पड़ेगा. थोड़ी देरी के बाद ही वेबसाइट बंद हो जाती थी और नंबर नहीं लग पाता था. अब हम डॉक्टर को आसानी से दिखा पाएंगे. यह बहुत ही अच्छा हुआ.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय
काशी हिंदू विश्वविद्यालय

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छात्र प्रशुन्य चतुर्वेदी ने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की जो सुविधा थी, उससे ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इनको जानकारी ना होने की वजह से वह दूसरे अस्पताल चले आते थे और वह डॉक्टर को नहीं दिखा पाते थे. फिर से पुरानी व्यवस्था बहाल होने से मरीजों को सीधा दिखाने की सुविधा मिल रही है. विश्वविद्यालय का यह कदम स्वागत योग्य है.

वाराणसी: पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल को सोमवार को पूरी क्षमता के साथ मरीजों के लिए खोल दिया गया. अब ट्रामा सेंटर की सेवाएं भी पूरी तरह संचालित हो रही है. वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के कारण 13 अप्रैल को ही बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर में ओपीडी और आईपीडी सेवाएं बंद कर दी गई थीं.

जानकारी देते तीमारदार
कोरोना वायरस कम होने के बाद शर्तों के आधार पर 23 जून से यह सेवाएं फिर से शुरू की गई थी. शुरू में 1 दिन में 25 मरीज और सुधार होने पर 50 और फिर 1 दिन में 100 मरीज ऑनलाइन पंजीकरण के बाद डॉक्टरों से परामर्श लेते थे. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों और उनके तामीरदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.
सर सुंदरलाल अस्पताल में पहुंचे मरीज
सर सुंदरलाल अस्पताल में पहुंचे मरीज

सर सुंदरलाल अस्पताल में वैश्विक महामारी के पहले सामान्य दिनों में ओपीडी में परामर्श लेने वाले की संख्या लगभग 8,000 तक होती थी. एक दिन में इतने मरीज यहां पर डॉक्टरों से विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए परामर्श लेते थे. पूर्वांचल सहित बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और नेपाल तक के मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं.

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आरपी सिंह ने बताया कि वो बिहार से आए हैं. अब ऑनलाइन नंबर नहीं लगाना पड़ेगा. थोड़ी देरी के बाद ही वेबसाइट बंद हो जाती थी और नंबर नहीं लग पाता था. अब हम डॉक्टर को आसानी से दिखा पाएंगे. यह बहुत ही अच्छा हुआ.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय
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छात्र प्रशुन्य चतुर्वेदी ने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की जो सुविधा थी, उससे ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इनको जानकारी ना होने की वजह से वह दूसरे अस्पताल चले आते थे और वह डॉक्टर को नहीं दिखा पाते थे. फिर से पुरानी व्यवस्था बहाल होने से मरीजों को सीधा दिखाने की सुविधा मिल रही है. विश्वविद्यालय का यह कदम स्वागत योग्य है.

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