वाराणसीः जिले में इस वक्त कई विकास परियोजनाओं का काम जारी है. इसमें वाराणसी खिड़किया घाट स्थित नमो घाट भी शामिल है. पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना और स्मार्ट सिटी परियोजना में खिड़किया घाट का नमो घाट भी शामिल है. जो इन दिनों एक बार फिर चर्चा में है. नमो घाट पहले वाराणसी के सबसे खूबसूरत घाट के रूप में चर्चा में आया था. इसके बाद कभी टिकट के नाम पर पैसे वसूलने तो कभी घाट पर वाहन स्टैंड के नाम पर कमाई करने को लेकर भी ये घाट सुर्खियों में बना रहा. लेकिन, फिलहाल इसकी चर्चा इसकी गुणवत्ता को लेकर की जा रही है.
वाराणसी में बाढ़ के दौरान पूरा घाट पानी में डूबा हुआ था. घाट पर आवाजाही भी बंद रही. इसके बाद जब बाढ़ का पानी कम हुआ तो घाट के किनारे हाथ जोड़ने की मुद्रा में बने प्रतीक के नीचे खोखले निर्माण के टूट की घटना सामने आ गई. इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि निर्माण की गुणवत्ता ठीक न होने से किसी नाव से छूते होते ही निर्माण का नीचे का हिस्सा टूटकर अलग हो गया है. इसमें एक बड़ा सा होल दिखने लगा.
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नमो घाट को लेकर जब यह जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो बाढ़ का पानी उतरते ही आनन-फानन में निर्माण एजेंसी की ओर से पैबंद लगाकर टूटा हुआ हिस्सा रिपेयर कर दिया गया. इंटरनेट पर इसके वीडियो वायरल होने के बाद निर्माण की गुणवत्ता को लेकर लोगों ने इसकी आलोचना भी की. इससे पहले नमो घाट पर टिकट के नाम पर पैसे वसूलने को लेकर विपक्षी दलों ने पहली बार गंगा घाट जाने के लिए कीमत चुकाने की बात कहते हुए जमकर विरोध किया था. अब एक बार फिर पीएम के सांसदीय क्षेत्र में विकास परियोजना में निर्माण की गुणवत्ता को लेकर विपक्ष हमलावर है.
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