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काशी कोतवाल बाबा बटुक भैरव का हरियाली श्रृंगार, गुफा को फूलों से सजाया - काशी में 8 भैरव मंदिर

वाराणसी में काशी कोतवाल बालस्वरूप बाबा बटुक भैरव का (Baba Batuk Bhairav decorated in Varanasi) हरियाली श्रृंगार किया गया.

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Published : Aug 29, 2022, 9:03 AM IST

वाराणसी: काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव के बालस्वरूप बाबा बटुक भैरव (Kashi Kotwal Baba Batuk Bhairav) का वार्षिक हरियाली श्रृंगार किया गया. प्राचीन मंदिर प्रांगण को फूल पत्ती से सजाया गया. यहां करीब 20 मीटर की गुफा बनाई गई, उसको विभिन्न प्रकार के फल-फूल और पत्तियों से सजाया गया.

काशी में मंगला आरती के साथ रविवार की सुबह 5 बजे बाबा के कपाट खोले गए. भक्तों ने बाबा का दर्शन किया. बाबा की अद्भुत छवि को देखने के लिए कई घंटों तक भक्तजन लाइन में खड़े लगे रहे. उसके बाद लोगों ने (Baba Batuk Bhairav decorated in Varanasi) बाबा का हरियाली श्रृंगार किया. बाबा की गुफा में लाइट और कई प्रकार की झालर भी लगाई गईं. बाबा का पंचामृत स्नान किया गया. उसके बाद 1008 बत्ती से बाबा की महाआरती की गई, जिसमें 51 डमरु बजाए गए. पूरे विधि विधान से वैदिक मंत्रों के साथ बाबा का पूजन पाठ किया गया.

बालस्वरूप बाबा बटुक भैरव का हरियाली श्रृंगार

यह भी पढ़ें: वाराणसी में नमामि गंगे की टीम ने मां गंगा की उतारी आरती, सेवकों ने जलस्तर कम होने की लगाई गुहार

महंत राजेश्वर पुरी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी बाबा का हरियाली श्रृंगार किया गया. सुबह से ही भक्तजन बाबा का दर्शन कर रहे थे. वहीं, दोपहर में भूख और रात में बाबा की शयन आरती की गई.


मंदिर का महत्व: महादेव की नगरी काशी में 8 भैरव मंदिर (8 Bhairav ​​Temple in Kashi) हैं. इनमें से बटुक भैरव मंदिर भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. काशी के केदारखंड में स्थित बाबा भैरव मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. जिस तरह से बाबा काल भैरव की अनुमति लेकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए जाते है. उसी प्रकार बटुक भैरव के दर्शन से अनुमति लेकर गौरी केदारेश्वर के दर्शन का लाभ प्राप्त होता है.

यह भी पढ़ें: बाबा विश्वनाथ के मनीआर्डर में बड़े पैमाने पर घालमेल! FIR दर्ज

वाराणसी: काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव के बालस्वरूप बाबा बटुक भैरव (Kashi Kotwal Baba Batuk Bhairav) का वार्षिक हरियाली श्रृंगार किया गया. प्राचीन मंदिर प्रांगण को फूल पत्ती से सजाया गया. यहां करीब 20 मीटर की गुफा बनाई गई, उसको विभिन्न प्रकार के फल-फूल और पत्तियों से सजाया गया.

काशी में मंगला आरती के साथ रविवार की सुबह 5 बजे बाबा के कपाट खोले गए. भक्तों ने बाबा का दर्शन किया. बाबा की अद्भुत छवि को देखने के लिए कई घंटों तक भक्तजन लाइन में खड़े लगे रहे. उसके बाद लोगों ने (Baba Batuk Bhairav decorated in Varanasi) बाबा का हरियाली श्रृंगार किया. बाबा की गुफा में लाइट और कई प्रकार की झालर भी लगाई गईं. बाबा का पंचामृत स्नान किया गया. उसके बाद 1008 बत्ती से बाबा की महाआरती की गई, जिसमें 51 डमरु बजाए गए. पूरे विधि विधान से वैदिक मंत्रों के साथ बाबा का पूजन पाठ किया गया.

बालस्वरूप बाबा बटुक भैरव का हरियाली श्रृंगार

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महंत राजेश्वर पुरी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी बाबा का हरियाली श्रृंगार किया गया. सुबह से ही भक्तजन बाबा का दर्शन कर रहे थे. वहीं, दोपहर में भूख और रात में बाबा की शयन आरती की गई.


मंदिर का महत्व: महादेव की नगरी काशी में 8 भैरव मंदिर (8 Bhairav ​​Temple in Kashi) हैं. इनमें से बटुक भैरव मंदिर भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. काशी के केदारखंड में स्थित बाबा भैरव मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. जिस तरह से बाबा काल भैरव की अनुमति लेकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए जाते है. उसी प्रकार बटुक भैरव के दर्शन से अनुमति लेकर गौरी केदारेश्वर के दर्शन का लाभ प्राप्त होता है.

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