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सपा पूर्व मंत्री ओपी सिंह ने कहा, हिंदू शरीयत बनाकर 'बुलडोजर न्यायालय' बना देना चाहिए

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Published : Apr 19, 2022, 7:24 PM IST

सपा के पूर्व नेता ओपी सिंह ने कहा, मस्जिद से कुछ लड़कों ने पत्थर चला दिया तो हंगामा हो गया. योगी की बुल्डोजर नीति पर बोले हिंदू शरीयत बनाकर बुलडोजर न्यायालय ही बना देना चाहिए.

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सपा पूर्व मंत्री ओपी सिंह

वाराणसी: देश में अजान VS हनुमान का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. दिल्ली में हनुमान जयंती के जुलूस पर हुए पथराव और हिंसा के बाद पूरे देश में इस मामले में राजनीतिक दल एकजुट होकर बीजेपी को घेरने में लगे हुए हैं. इस क्रम में आज वाराणसी पहुंचे समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने दिल्ली हिंसा पर बोलते हुए कहा कि मस्जिद से यदि कुछ लड़कों ने पत्थर चला दिया तो इतना हंगामा हो गया जबकि जुलूस में शामिल लोग राम के नाम पर हाथों में तलवार लेकर मस्जिद पर चल रहे थे. वह किसी को क्यों नहीं दिखाई दिया.

सपा पूर्व मंत्री ओपी सिंह ने कहा, हिंदू शरीयत बनाकर बुलडोजर न्यायालय बना देना चाहिए

वही, ओम प्रकाश सिंह ने योगी सरकार की बुलडोजर नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि सब फैसला सरकार को ही करना है तो न्यायालय की जगह बुलडोजर न्यायालय खोल देना चाहिए और सऊदिया की तरह हिंदू शरीयत के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए. सपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में देश में इन दिनों अजान VS हनुमान के मुद्दे पर बीजेपी को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के हनुमान और वास्तविक हनुमान में काफी अंतर है. बीजेपी के हनुमान अमित शाह और मोदी जी के अनुसार काम करना चाहते हैं जबकि हनुमान राम के अनुसार चलने वाले भगवान हैं.

प्रभु हनुमान हमेशा से राक्षस एवं दुष्टों का संहार करने का काम करते हैं. वह हाथ में गदा लेकर चलते थे न कि तलवार लेकर. भगवान राम जो दशरथ के पुत्र हैं, वह मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं. हाथों में तलवार लेकर वह कभी भी लोगों के सामने नहीं आते थे लेकिन बीजेपी के राम और हनुमान तो एकदम अलग हो चुके हैं. हनुमान ने कभी भी गलत का साथ नहीं दिया, जब बाली और सुग्रीव सामने आए तो उन्होंने कमजोर के रूप में सुग्रीव को चुना. बाली का साथ उन्होंने नहीं दिया क्योंकि जानते थे कि बाली गलत है. बीजेपी के लोग और बीजेपी द्वारा बनाए गए हनुमान तो अलग ही रूप में कार्य कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'आज मस्जिदों पर चढ़ा जा रहा है. जुलूस में शामिल लोग हाथों में तलवार, भाला, त्रिशूल लेकर चल रहे हैं. क्या जब भगवान राम और हनुमान लंका पहुंचे थे तो हाथ में भाला या त्रिशूल लेकर पहुंचे थे. नहीं हनुमान के हाथ में गदा और श्रीराम के हाथ में धनुष था. एक नए रूप में भगवान को यह बीजेपी वाले पेश करना चाहते हैं जो सही नहीं है'.

ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के हालात खराब हो रहे हैं. दिल्ली से लेकर बिहार तक मामला बिगड़ता जा रहा है. उन्होंने दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में कहा कि जब हाथों में तलवार और त्रिशूल लेकर लोग मस्जिदों पर चढ़ने की कोशिश करेंगे तो लोग पत्थर तो चलाएंगे ही. उनका कहना था कि अगर मस्जिदों से कुछ लड़कों ने पत्थर चला दिए तो यह हर किसी को दिख रहा है लेकिन दूसरी तरफ से हाथों में तलवार और त्रिशूल लेकर जो लोग मस्जिद पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, वह क्यों नहीं दिखाई दे रहा है.

योगी सरकार की बुलडोजर नीति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब फैसला बुलडोजर से ही करना है तो देश में कानून व्यवस्था की जरूरत क्या है. न्यायालय और बेवजह का जजों पर पैसा खर्च करने की जरूरत ही क्या है. बुलडोजर न्यायालय अलग से बना देना चाहिए. सब फैसला बुलडोजर से ही हो जाना चाहिए. जैसे सऊदी में जुम्मा की नमाज अदा करने के बाद बाहर आकर फैसला दे दिया जाता है, वैसे ही यहां पर हिंदू शरीयत अलग से बनाकर उसके अनुसार फैसला दिया जाना चाहिए. क्या जरूरत है न्यायालय की और इसके फैसले की.

यह भी पढ़ें-AMU में छात्र फरीद ने किया हनुमान चालीसा के साथ गायत्री मंत्र का पाठ

ओमप्रकाश सिंह का कहना था कि देश के हालात को बिगाड़ने का जो काम किया जा रहा है, वह ठीक नहीं है. बीजेपी के पास रोजगार है. बीजेपी के पास सिर्फ खैरात में बांटने वाली चीजें हैं. यही बात कर वह बेवजह लोगों को भ्रमित करने का काम कर रही है.

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वाराणसी: देश में अजान VS हनुमान का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. दिल्ली में हनुमान जयंती के जुलूस पर हुए पथराव और हिंसा के बाद पूरे देश में इस मामले में राजनीतिक दल एकजुट होकर बीजेपी को घेरने में लगे हुए हैं. इस क्रम में आज वाराणसी पहुंचे समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने दिल्ली हिंसा पर बोलते हुए कहा कि मस्जिद से यदि कुछ लड़कों ने पत्थर चला दिया तो इतना हंगामा हो गया जबकि जुलूस में शामिल लोग राम के नाम पर हाथों में तलवार लेकर मस्जिद पर चल रहे थे. वह किसी को क्यों नहीं दिखाई दिया.

सपा पूर्व मंत्री ओपी सिंह ने कहा, हिंदू शरीयत बनाकर बुलडोजर न्यायालय बना देना चाहिए

वही, ओम प्रकाश सिंह ने योगी सरकार की बुलडोजर नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि सब फैसला सरकार को ही करना है तो न्यायालय की जगह बुलडोजर न्यायालय खोल देना चाहिए और सऊदिया की तरह हिंदू शरीयत के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए. सपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में देश में इन दिनों अजान VS हनुमान के मुद्दे पर बीजेपी को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के हनुमान और वास्तविक हनुमान में काफी अंतर है. बीजेपी के हनुमान अमित शाह और मोदी जी के अनुसार काम करना चाहते हैं जबकि हनुमान राम के अनुसार चलने वाले भगवान हैं.

प्रभु हनुमान हमेशा से राक्षस एवं दुष्टों का संहार करने का काम करते हैं. वह हाथ में गदा लेकर चलते थे न कि तलवार लेकर. भगवान राम जो दशरथ के पुत्र हैं, वह मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं. हाथों में तलवार लेकर वह कभी भी लोगों के सामने नहीं आते थे लेकिन बीजेपी के राम और हनुमान तो एकदम अलग हो चुके हैं. हनुमान ने कभी भी गलत का साथ नहीं दिया, जब बाली और सुग्रीव सामने आए तो उन्होंने कमजोर के रूप में सुग्रीव को चुना. बाली का साथ उन्होंने नहीं दिया क्योंकि जानते थे कि बाली गलत है. बीजेपी के लोग और बीजेपी द्वारा बनाए गए हनुमान तो अलग ही रूप में कार्य कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'आज मस्जिदों पर चढ़ा जा रहा है. जुलूस में शामिल लोग हाथों में तलवार, भाला, त्रिशूल लेकर चल रहे हैं. क्या जब भगवान राम और हनुमान लंका पहुंचे थे तो हाथ में भाला या त्रिशूल लेकर पहुंचे थे. नहीं हनुमान के हाथ में गदा और श्रीराम के हाथ में धनुष था. एक नए रूप में भगवान को यह बीजेपी वाले पेश करना चाहते हैं जो सही नहीं है'.

ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के हालात खराब हो रहे हैं. दिल्ली से लेकर बिहार तक मामला बिगड़ता जा रहा है. उन्होंने दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में कहा कि जब हाथों में तलवार और त्रिशूल लेकर लोग मस्जिदों पर चढ़ने की कोशिश करेंगे तो लोग पत्थर तो चलाएंगे ही. उनका कहना था कि अगर मस्जिदों से कुछ लड़कों ने पत्थर चला दिए तो यह हर किसी को दिख रहा है लेकिन दूसरी तरफ से हाथों में तलवार और त्रिशूल लेकर जो लोग मस्जिद पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, वह क्यों नहीं दिखाई दे रहा है.

योगी सरकार की बुलडोजर नीति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब फैसला बुलडोजर से ही करना है तो देश में कानून व्यवस्था की जरूरत क्या है. न्यायालय और बेवजह का जजों पर पैसा खर्च करने की जरूरत ही क्या है. बुलडोजर न्यायालय अलग से बना देना चाहिए. सब फैसला बुलडोजर से ही हो जाना चाहिए. जैसे सऊदी में जुम्मा की नमाज अदा करने के बाद बाहर आकर फैसला दे दिया जाता है, वैसे ही यहां पर हिंदू शरीयत अलग से बनाकर उसके अनुसार फैसला दिया जाना चाहिए. क्या जरूरत है न्यायालय की और इसके फैसले की.

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ओमप्रकाश सिंह का कहना था कि देश के हालात को बिगाड़ने का जो काम किया जा रहा है, वह ठीक नहीं है. बीजेपी के पास रोजगार है. बीजेपी के पास सिर्फ खैरात में बांटने वाली चीजें हैं. यही बात कर वह बेवजह लोगों को भ्रमित करने का काम कर रही है.

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